ETV Bharat / state

RLD के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मसूद अहमद हुए कांग्रेसी, कहा-खतरे में है लोकतंत्र

author img

By

Published : Aug 8, 2022, 4:47 PM IST

etv bharat
मसूद अहमद

लखनऊ में राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व शिक्षा मंत्री मसूद अहमद ने कांग्रेस का दामन थाम लिया. आरएलडी गठबंधन की हार के बाद मसूद अहमद ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. इस दौरान उन्होंने अपनी पार्टी पर टिकट बेचने जैसे कई अन्य गंभीर आरोप भी लगाए थे.

लखनऊ: राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व शिक्षा मंत्री मसूद अहमद ने सोमवार को लखनऊ में कांग्रेस का दामन थाम लिया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में मसूद अहमद ने अपने समर्थकों के साथ पार्टी की सदस्यता ली. इस मौके पर पीएल पुनिया, उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी धीरज गुर्जर, पूर्व कैबिनेट मंत्री नकुल दुबे के साथ पार्टी के दूसरे बड़े नेता भी मौजूद थे. 19 मार्च 2022 को मसूद अहमद ने राष्ट्रीय लोक दल की प्राथमिक सदस्यता और अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था.

कांग्रेस में शामिल होने के बाद पूर्व मंत्री मसूद अहमद ने कहा कि भ्रष्टाचार और बेरोजगारी बढ़ी है. महिलाओं के साथ बदसलूकी और सार्वजनिक संपत्ति को खुलेआम बेचा जा रहा है. सरकार ने ऐसा माहौल तैयार कर दिया है कि कोई बोल नहीं सकता है. लोकतंत्र खतरे में है. यूपी में दलित और मुसलमान दोनों ठगा महसूस कर रहे हैं.

मसूद अहमद ने कहा कि मुसलमान ने बिना पूछे बिना मांगे ही समाजवादी पार्टी को वोट दिया, लेकिन उससे क्या हाथ लगा? इसी तरह दलित मायावती के साथ खड़ा है, लेकिन वे चुनावा आने पर भाजपा की टीम की तरह काम शुरू कर देती हैं. भाजपा एक राष्ट्रीय पार्टी है और केवल राष्ट्रीय पार्टी ही उसका सामना कर सकती है. इसलिए इन हालातों में एकमात्र कांग्रेस पार्टी ही है, जो भारतीय जनता पार्टी का सामना कर सकती है. सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भ्रष्टाचार बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर जनता के लिए सड़क पर खड़े हैं. मसूद अहमद ने कहा कि उन्हें मजबूत करने के लिए वह कांग्रेस में शामिल हुए हैं.

पढ़ेंः पढ़ेंः इस बार पूर्व या मध्य से नहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश से बन सकता है RLD प्रदेश अध्यक्ष

अपनी पार्टी पर किया पर हमला
बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में समाजवादी पार्टी और आरएलडी गठबंधन की हार के बाद मसूद अहमद ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. इस दौरान उन्होंने अपनी पार्टी पर टिकट बेचने जैसे कई अन्य गंभीर आरोप भी लगाए थे. अखिलेश यादव और जयंत चौधरी के नाम जारी लिख खुले पत्र में मसूद अहमद ने लिखा था कि जब-जब दलित या फिर मुस्लिम समाज से जुड़ा कोई भी अहम मुद्दा आया तो उन पर अखिलेश यादव और जयंत चौधरी ने चुप्पी साध ली, जिसका सियासी नुकसान सभी पार्टियों को चुनाव के दौरान उठाना पड़ा. चिट्ठी में उन्होंने कहा था कि सिर्फ चुनाव के दौरान प्रचार के लिए बाहर आने से कुछ नहीं होने वाला है. जनता के बीच रहना जरूरी है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.