लखनऊः सुप्रीम कोर्ट के बाहर रेप पीड़ित के खुदकुशी मामले में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने जांच समिति के सामने पेश होकर जवाब दाखिल किया है. उन्होंने बताया कि ऑडियो/वीडियो/जांच आख्या सहित तमाम साक्ष्य और तथ्य प्रस्तुत किए हैं. जिनमें ये स्पष्ठ होता है कि इस मामले में मैंने मात्र विधि के अनुसार ही कार्रवाई की थी. उन्होंने दावा किया कि, मुझे इस दुखद घटना का बेहद अफसोस है. लेकिन मुझ पर लगाए गए आरोप सही नहीं हैं.
आपको बता दें कि बीते 21 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के बाहर रेप पीड़ित और उसके एक साथी ने खुदकुशी करने का प्रयास किया था. इस दौरान दोनों ने फेसबुक पर लाइव वीडियो में बसपा सांसद अतुल राय पर रेप करने और अमिताभ ठाकुर पर सांसद के इशारे पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था. मुख्यमंत्री के आदेश पर मामले की जांच IPS नीरा रावत और आरके विश्वकर्मा को सौंपी गई थी. जांच समिति को दो हफ्ते में सरकार को रिपोर्ट सौंपनी है. इस पर जांच कमेटी ने गोरखपुर जा रहे अमिताभ ठाकुर को बीते 23 अगस्त को तलब कर लखनऊ से बाहर जाने पर रोक लगाते हुए हाउस अरेस्ट कर लिया था. वह अपने घर पर भी हाउस अरेस्ट हैं. उन्हें शहर के बाहर जाने की इजाजत नहीं है. बीते 24 जून को उन्हें बयान के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड बुलाया गया था. जिसमें अमिताभ ठाकुर ने जांच समिति से दो मेल, बिंदुवार सवालों और ऑडियो-वीडियो लेकर जवाब देने के लिए समय मांगा था. अमिताभ ने जांच समिति के समक्ष पेश होकर बिंदुवार सभी सवालों के जवाब ऑडियो-वीडियो व निर्दोष होने के साक्ष्य प्रस्तुत किए.
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इसके बाद दोनों ने वीडियो जारी कर भी अतुल राय के एजेंट के तौर पर अमिताभ पर काम करने का मनगढ़ंत आरोप लगाया था. दोनों ने आईपीएस अमिताभ ठाकुर की बेटी को टारगेट करते हुए आपत्तिजनक बातें भी कही थीं. उसके बाद दोनों उनके गोमतीनगर स्थित आवास पर गए, जहां उन्होंने जबरदस्ती फेसबुक लाइव ऑन कर वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू कर दी. अमिताभ की पत्नी डॉक्टर नूतन ठाकुर से सहमति लिए बगैर पूरी बातचीत को जबरदस्ती रिकॉर्ड किया और आपत्तिजनक बातें कहीं. आईपीएस ठाकुर के एफआईआर के लिए तहरीर देने पर गोमतीनगर थाने में एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया था. फिर अमिताभ ने इस मामले में वाराणसी के थाना लंका में मुकदमा दर्ज कराया था. अमिताभ ठाकुर ने लखनऊ पुलिस को बताया कि दोनों मामले अलग हैं. इसके बाद लखनऊ पुलिस ने अमिताभ ठाकुर की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया था.