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लखनऊ पीजीआई में दोबारा लगी आग : ऑपरेशन थियेटर में आग लगने से नवजात समेत तीन की हो गई थी मौत, परिजनों का छलका दर्द

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 19, 2023, 10:08 AM IST

Updated : Dec 19, 2023, 4:17 PM IST

लखनऊ पीजीआई में सोमवार को हुए अग्निकांड में नवजात समेत तीन लोगों की मौत हो चुकी है. इस मामले में प्रथमदृष्टया ऑपरेशन थियेटर के डाॅक्टरों और वहां तैनात कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है. वहीं मंगलवार को पीजीआई परिसर के एक चिकित्सक के आवास में आग लग गई.

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लखनऊ पीजीआई के ऑपरेशन थियेटर में आग.

लखनऊ : राजधानी लखनऊ के एसजीपीजीआई संस्थान में सोमवार को ऑपरेशन थिएटर में आग लगने से तीन मरीजों की मौत हो गई. आग में घिरने से 30 दिन के नवजात और 12 वर्षीय बालक समेत एक महिला की मौत हुई है. इस मामले मेंं पीजीआई के निदेशक डॉ. आरके धीमान ने इसे बड़ी लापरवाही माना है और जांच के लिए टीम गठित की है. वहीं 24 घंटे के भीतर ही पीजीआई में दोबारा आग लग गई. इस बार आग परिसर के आवास में लगी है. इस आवास में ल्मोनरी मेडिसिन विभाग के डॉ. अजमल खान का परिवार रहता है. आननफानन मौके पर दमकल की दो गाड़ियां पहुंची और आग पर काबू पाया गया. आग से घर के कुछ सामान जल गया है, पर कोई हताहत नहीं हुआ.


घटना की जानकारी देते तीमारदार.

घटना बताते वक्त छलक पड़े नवजात के पिता के आंसू

लखनऊ के पीजीआई में आग लगने से हुई मरीजों की मौत के बाद बेहतक स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल खुल गई है. पीजीआई संस्थान प्रशासन घटना के जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई की बात कह रहा है, लेकिन परिजनों का दर्द सुनने व बांटने वाला शायद कोई नहीं है. अग्निकांड में मारे गए नवजात के परिजन बेहद गमगीन हैं. बच्चे के शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. वहीं पिता ब्रजभूषण यादव के आंसू बात करते ही छलक पड़ते हैं. ब्रजभूषण बलिया जिले के रहने वाले हैं.

ब्रजभूषण ने बताया कि बच्चे का जन्म घर पर ही हुआ था, लेकिन जन्म होने के बाद जच्चा बच्चा को अस्पताल लाना पड़ा. जहां डॉक्टरों की टीम ने बताया कि बच्चे की हालत ठीक नहीं है. कई टेस्ट कराने के बाद पता चला बच्चे के दिल में छेद है. उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया था. 11 दिसंबर को करीब 10:42 बजे न्योनेटोलॉजी विभाग में बच्चे को भर्ती कराया गया था. अस्पताल में इलाज का खर्च करीब तीन लाख रुपये बताया गया था. इस बीचे 70 हजार रुपये जमा किए, करीब ढ़ाई लाख रुपये आयुष्मान योजना से मिला था. बच्चे की हार्ट की सर्जरी के लिए उसे ओटी में ले जाया गया था. तभी वार्ड में आग लग गई. चारों तरफ अफरा- तफरी का माहौल हो गया. जब आग बुझी तब तक नवजात की मौत हो चुकी थी.



बता दें, सोमवार (18 दिसंबर) दोपहर 12:40 पर पीजीआई के पुराने ओटी कांम्प्लेक्स के इंडोक्राइन सर्जरी विभाग की ओटी में आग लग गई थी. इस दौरान यहां पीलीभीत निवासी तयबा (25) और दूसरी ओटी में गाजीपुर निवासी नेहा के 30 दिन के नवजात शिशु की हार्ट सर्जरी चल रही थी. बताया जा रहा है कि ऑपरेशन थिएटर के मॉनिटर में चिंगारी निकलने से आग लग गई. इसके बाद डॉक्टरों की सबसे बड़ी लापरवाही यह रही वे दोनों मरीजों को ऑपरेशन थिएटर में ही छोड़कर भाग निकले. इस हादसे में महिला, नवजात शिशु व गौरव पांडे समेत तीन लोगों की मौत हो गई.

पीजीआई के निदेशक डॉ. आरके धीमान का कहना है कि घटना दुःखद है. इस घटना में कई लोगों की जान चली गई. पूरी घटना के जांच के लिए एक टीम गठित की गई है. भविष्य में इस तरह की दोबारा कोई घटना न हो इसके लिए सजेशन देगी. हम दिवंगत के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं. निदेशक ने कहा कि ऑपरेशन थियेटर में मरीज को छोड़कर भागना बड़ी लापरवाही है. इसमें किसी दोषी को बख्सा नहीं जाएगा.



मीडिया से भिड़े सुरक्षाकर्मी : पीजीआई में आग लगने की सूचना मिलने पर कई मीडियाकर्मी भी मौके पर पहुंचे. इस दौरान कवरेज को लेकर पीजीआई के गार्ड और कर्मचारियों ने मीडियाकर्मियों को अंदर जाने से रोक दिया. बातचीत के दौरान सुरक्षाकर्मियों ने मीडियाकर्मियों के मोबाइल भी छीन कर इधर उधऱ फेंक दिए.

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Last Updated : Dec 19, 2023, 4:17 PM IST
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