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उपभोक्ताओं के 26000 करोड़ रुपये खा गया बिजली विभाग, खुद एक लाख करोड़ के घाटे में

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Published : Nov 29, 2022, 11:00 AM IST

उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन एक लाख करोड़ रुपए के घाटे में चल रहा है, जबकि विभाग ने 26000 करोड़ से ज्यादा पैसा उपभोक्ताओं का भी खा लिया है. उपभोक्ताओं से हुई ज्यादा वसूली को लेकर नियामक आयोग का दरवाजा खटखटाया गया तो विद्युत नियामक आयोग ने सख्ती दिखाते हुए पाॅवर काॅरपोरेशन को उपभोक्ताओं का पैसा वापस करने का आदेश दिया है.

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन एक लाख करोड़ रुपए के घाटे में चल रहा है, जबकि विभाग ने 26000 करोड़ से ज्यादा पैसा उपभोक्ताओं का भी खा लिया है. पॉवर कॉरपोरेशन की तमाम योजनाओं में उपभोक्ताओं को ठगा गया. जब उपभोक्ताओं से हुई ज्यादा वसूली को लेकर नियामक आयोग का दरवाजा खटखटाया गया तो विद्युत नियामक आयोग (Electricity Regulatory Commission) ने सख्ती दिखाते हुए पाॅवर काॅरपोरेशन को उपभोक्ताओं का पैसा वापस करने का आदेश दिया. अभी भी तमाम योजनाओं में उपभोक्ताओं का पैसा पाॅवर काॅरपोरेशन के पास है, जबकि कुछ योजनाओं में जो ज्यादा वसूली की गई उसका पैसा लौटाया जा रहा है.



उत्तर प्रदेश पाॅवर काॅरपोरेशन (Uttar Pradesh Power Corporation) ने सौभाग्य योजना में लोगों को फ्री बिजली देने के वादे के साथ कनेक्शन बांट दिए और उसके बदले में उनसे ₹3 35 पैसे प्रति यूनिट की दर से वसूली कर ली. 35 पैसे प्रति यूनिट ज्यादा वसूल किया गया. इसके बाद पाॅवर काॅरपोरेशन की इस कारस्तानी की शिकायत विद्युत नियामक आयोग में दाखिल की गई और अब आयोग की तरफ से लाइफलाइन उपभोक्ताओं का पैसा वापस करने की हिदायत दी गई. उदय और ट्रू अप का बिजली विभाग पर 25,143 करोड़ रुपए, इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी का 526 करोड रुपये, कॉस्ट डाटा बुक का 100 करोड़ रुपये, डबल जीएसटी का 100 करोड़ रुपये, सौभाग्य योजना का 1455 करोड़ रुपये और लाइफ लाइन कैटेगरी के उपभोक्ताओं का भी तकरीबन 300 करोड रुपये बिजली विभाग ने हजम कर लिया है. अब नियामक आयोग में इसे लेकर भी पावर कारपोरेशन पर वसूली का दबाव बन रहा है. नियामक आयोग की सख्ती के बाद उपभोक्ताओं को अब अपने ही पैसे की वापसी की उम्मीद है.

जारकारी देते संवाददाता अखिलेश्वर पांडेय.
राज्य उपभोक्ता परिषद (State Consumer Council) के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा (President Awadhesh Kumar Verma) का कहना है कि इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में लगभग 526 करोड रुपए से ज्यादा वसूला. अब धीरे-धीरे वापस हो रहा है. उदय और टू अप में भी 25,133 करोड रुपए पावर कारपोरेशन पर निकल रहा है. उसकी वापसी नहीं हो पा रही है. लाइफ लाइन कंज्यूमर को जनरल कैटेगरी में डालकर तीन रुपए 35 पैसे प्रति यूनिट की दर से वसूली की. इसका भी लगभग 14 करोड़ 55 लाख के आसपास है, पिछले तीन साल का. कॉस्ट डाटा बुक में भी 100 करोड रुपए से ज्यादा की वसूली कर ली गई है. उसकी भी अभी वसूली होनी है. उस पर नियामक आयोग ने सख्ती दिखाई है. यह मामला अभी विचाराधीन है. कुल मिलाकर बड़ी संख्या में प्रदेश के उपभोक्ताओं से गलत व्यवस्था के तहत पाॅवर काॅरपोरेशन ने ज्यादा वसूली की. नियामक आयोग में कई मामले विचाराधीन हैं. कई मामलों में पाॅवर काॅरपोरेशन पर सख्ती दिखाते हुए तत्काल पूरा पैसा वापस करने के आदेश नियामक आयोग ने दिए हैं. उत्तर प्रदेश पाॅवर काॅरपोरेशन (Uttar Pradesh Power Corporation) के चेयरमैन एम. देवराज (Chairman M. Devaraj) का कहना है कि उपभोक्ताओं से जिस भी मद में ज्यादा वसूली हुई है सबका पैसा वापस किया जा रहा है. कॉस्ट डाटा बुक (cost data book) में विद्युत नियामक आयोग (Electricity Regulatory Commission) की तरफ से जो भी आदेश मिले हैं सभी डिस्कॉम के एमडी अपनी रिपोर्ट तैयार कर जहां से भी उपभोक्ताओं से ज्यादा वसूली हुई है उनका पैसा वापस किया जा रहा है. किसी भी उपभोक्ता का कोई भी पैसा पाॅवर काॅरपोरेशन पर बकाया नहीं रहेगा.

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