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खनन घोटाले से जुड़े 5 IAS अधिकारियों को ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया

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Published : Sep 6, 2019, 2:42 PM IST

Updated : Sep 6, 2019, 3:19 PM IST

ईडी ने खनन घोटाले से जुड़े पांच अधिकारियों को समन जारी किया है. पांचों अधिकारियों पर खनन घोटाले को लेकर मामला दर्ज है. सभी को लखनऊ स्थित ईडी कार्यालय पूछताछ के लिए बुलाया गया है.

पांच आईएएस अधिकारियों को समन जारी.

लखनऊ: खनन घोटाले से जुड़े आरोपियों की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. सीबीआई ने खनन घोटाले से जुड़े पांच आईएएस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर रखा है. वहीं अब मनी लॉन्ड्री एक्ट के तहत ईडी ने खनन घोटाले से जुड़े पांच अधिकारियों को समन जारी किया है.

पांच आईएएस अधिकारियों को समन जारी.

अधिकारियों को समन जारी-
पिछले दिनों सीबीआई ने इनके यहां छापेमारी की थी. जानकारी के अनुसार ईडी ने फतेहपुर के पूर्व डीएम अभय सिंह, आईएएस अधिकारी जीवेश नंदन, संतोष कुमार सहित दो अन्य आईएएस अधिकारियों के खिलाफ समन जारी किया है. इन सभी को लखनऊ स्थित ईडी कार्यालय बुलाया गया है, जहां पर ईडी के अधिकारी मनी लॉन्ड्री के तहत विभिन्न पहलुओं पर पूछताछ की जाएगी.

समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान उत्तर प्रदेश के 13 जिलों में एक साथ हुए खनन घोटाले को लेकर पिछले दिनों सीबीआई ने ताबड़तोड़ छापेमारी कर कई आईएएस अधिकारियों को घेरे में लिया था. इसके बाद इस घोटाले से जुड़े आईएएस अधिकारियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी भी सक्रिय है.

आईएएस अधिकारियों के घर पर की गई थी छापेमारी-
आईएएस अधिकारियों के साथ-साथ फतेहपुर और देवरिया के खनन विभाग से जुड़े कई अन्य बाबू को भी ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया है. सीबीआई कार्रवाई के आधार पर ईडी ने आईएएस के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

पढ़ें:- आगरा: अवैध खनन पर एसडीएम का छापा, जेसीबी छोड़ फरार हुए माफिया

पिछले दिनों सीबीआई की एक टीम ने आईएएस अधिकारी के घर छापेमारी की थी. आईएएस अधिकारी अभय के घर पर छापेमारी के दौरान घर से 49 लाख रुपये बरामद किए गए थे. अभय के घर से बरामद की गई रकम को ईडी मनी लॉन्ड्रिंग से जोड़कर देख रही है. ईडी बरामद किए गए इन पैसों के बारे में भी अभय से बातचीत करेगी.

13 जिलों में हुआ था खनन घोटाला-
2012-13 में 13 जिलों में एक साथ हुए खनन भ्रष्टाचार को लेकर सीबीआई पिछले दिनों छापेमारी की थी. इससे पहले खनन घोटाले को लेकर आईएएस बी. चंद्रकला पर भी सीबीआई ने शिकंजा कसा था. समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान पूरे प्रदेश में खनन को लेकर किया गया घोटाला 5000 करोड़ का है.

वर्ष 2012-13 में समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान एक साथ 13 जिलों में मुख्य रूप से लखनऊ, फतेहपुर, हमीरपुर, जालौन, कौशांबी, इटावा, सहारनपुर, बदायूं, श्रावस्ती, देवरिया शामिल है. खनन घोटाले को लेकर वर्ष 2015 में विनय कुमार द्विवेदी नाम के एक वकील ने पीआईएल दाखिल की थी जिस पर हाईकोर्ट चीफ जस्टिस ने सीबीआई को खनन घोटाले की जांच सौंपी.

सबसे पहला मामला सीबीआई ने कौशांबी में दर्ज किया. इसके बाद लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 13 मार्च को सीबीआई ने आईएएस बी. चंद्रकला समेत कई अधिकारियों के यहां छापेमारी की. इसी दौरान सीबीआई ने सपा एमएलसी रमेश मिश्रा और कुछ अन्य लोगों के घर पर छापेमारी कर दस्तावेज जुटाए. वहीं लोकसभा चुनाव के बाद आईएएस ऑफिसर अभय सिंह और आईएएस ऑफिसर विवेक कुमार सहित पांच आईएएस अधिकारियों के घर पर सीबीआई ने छापेमारी कर दस्तावेज जुटाए.

Intro:नोट- स्पेशल खबर

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लखनऊ। खनन घोटाले से जुड़े आरोपियों की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं।पहले ही जहां सीबीआई ने खनन घोटाले से जुड़े 5 आईएएस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर रखा है तो वहीं अब मनी लॉन्ड्री एक्ट के तहत ईडी ने खनन घोटाले जुड़े पांच अधिकारियों को समन जारी किया है। जिन अधिकारियों के खिलाफ ईडी ने मनी लॉन्ड्री एक्ट के तहत सम्मन जारी किया है इन सभी के खिलाफ सीबीआई ने खनन घोटाले को लेकर मामला दर्ज किया था। पिछले दिनों सीबीआई ने इनके यहां छापेमारी भी की थी। मिली जानकारी के अनुसार ईडी ने फतेहपुर के पूर्व डीएम अभय सिंह, आईएएस अधिकारी जीवेश नंदन, संतोष कुमार सहित दो अन्य आईएएस अधिकारियों के खिलाफ सम्मन जारी किया है। इन सभी को राजधानी लखनऊ स्थित ईडी कार्यालय बुलाया गया है जहां पर ईडी के अधिकारी मनी लॉन्ड्री के तहत विभिन्न पहलुओं पर पूछताछ करेंगे।

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समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान उत्तर प्रदेश के 13 जिलों में एक साथ हुए खनन घोटाले को लेकर पिछले दिनों सीबीआई ने ताबड़तोड़ छापेमारी कर कई आईएएस अधिकारियों को घेरे में लिया था। उसके बाद इस घोटाले से जुड़े आईएएस अधिकारियों के खिलाफ मनी लांड्रिंग केस में ईडी भी सक्रिय है।
फतेहपुर में हुए खनन घोटाले मे मनी लॉन्ड्री की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशक ईडी ने फतेहपुर के पूर्व जिलाधिकारी अभय सहित 5 आईएएस अधिकारियों के खिलाफ सम्मान जारी किया है। घोटाले से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर बातचीत करने के लिए आईएएस को शुक्रवार तक पेश होने के लिए कहा है।


आईएएस अधिकारियों के साथ-साथ फतेहपुर और देवरिया के खनन विभाग से जुड़े कई अन्य बाबू को भी ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया है। इस कार्यवाही से पहले सीबीआई कार्यवाही के आधार पर ईडी ने आईएएस के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

पिछले दिनों सीबीआई की एक टीम ने आईएएस अधिकारी के घर छापेमारी की थी आईएएस अधिकारी अभय के घर पर छापेमारी के दौरान अभय सिंह के घर से ₹4900000 बरामद किए गए थे। अभय के घर से बरामद किए गए ₹4900000 की रकम को ईडी मनी लॉन्ड्रिंग से जोड़कर देख रही है। ईडी बरामद किए गए इन पैसों के बारे में भी अभय से बातचीत करेगी।




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2012-13 में 13 जिलों में एक साथ हुए खनन भ्रष्टाचार को लेकर सीबीआई मैं पिछले दिनों छापेमारी की थी। इससे पहले खनन घोटाले को लेकर आईएएस बी चंद्रकला पर भी सीबीआई ने शिकंजा कसा था। समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान पूरे प्रदेश में खनन को लेकर किया गया यह घोटाला 5000 करोड़ का है।


वर्ष 2012-13 मे समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान एक साथ 13 जिलों में खनन के घोटाले किए गए थे। जिन जिलों में घोटाले किए गए उनमें मुख्य रूप से लखनऊ, फतेहपुर, हमीरपुर, जालौन, कौशांबी, इटावा, सहारनपुर, बदायूं श्रावस्ती, देवरिया शामिल है।

खनन घोटाले को लेकर वर्ष 2015 में विनय कुमार द्विवेदी नाम के एक वकील ने पीआईएल दाखिल की थी जिस पर हाई कोर्ट चीफ जस्टिस ने सीबीआई को खनन घोटाले की जांच सौंपी।

सीबीआई को जांच सपने के बाद भी सीबीआई लंबे समय तक शान बैठी रही। सबसे पहला मामला सीबीआई ने कौशांबी में दर्ज किया। उसके बाद लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 13 मार्च को सीबीआई ने आईएएस बी चंद्रकला समेत कई अधिकारियों के यहां छापेमारी की, इसी दौरान सीबीआई ने सपा एमएलसी रमेश मिश्रा व कुछ अन्य लोगों के घर पर छापेमारी कर दस्तावेज जुटाए।

वही अप लोकसभा चुनाव के बाद आईएएस ऑफिसर अभय सिंह व आईएएस ऑफिसर विवेक कुमार सहित 5 आईएएस अधिकारियों के घर पर सीबीआई ने छापेमारी कर दस्तावेज जुटाए थे।

संवाददाता प्रशांत मिश्रा 90 2639 25 26


Conclusion:
Last Updated :Sep 6, 2019, 3:19 PM IST
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