लखनऊ: डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में एमबीबीएस छात्रों की डिग्री की मान्यता पर अभी एक और पेंच (Problem in recognition of degree of MBBS students) बाकी है. दरअसल छात्रों के प्रदर्शन के बाद नैशनल मेडिकल कमीशन की ओर से लोहिया की एमबीबीएस पाठ्यक्रम को मान्यता तो दे दी गई है. लेकिन यह मान्यता 150 सीटों की दी गई है. जबकि लोहिया में अब वर्तमान में अब 200 छात्रों का बैच पढ़ाई कर रहा है. ऐसे में 50 छात्रों की डिग्री पर एक बार फिर से पेंच फंसेगा. ऐसे में लोहिया संस्थान के अधिकारियों को एक बार फिर से मान्यता के लिए आवेदन करना होगा.
लोहिया संस्थान में 2017 में एमबीबीएस पाठ्यक्रम शुरू किया गया था, तब 150 सीटों पर दाखिले लिये गए. 2019 से यहां एमबीबीएस की सीटें बढ़ाकर 200 कर दी गईं. चूंकि पहला बैच 150 छात्रों का था. ऐसे में मान्यता भी संस्थान को पांच सालों के लिए 150 सीटों के लिए ही मिली (Recognition Issue of degree of MBBS students) है, जबकि 2019 बैच के पासआउट होने पर महज 150 छात्रों की डिग्री ही अनुमन्य होगी.
ऐसे में जब तक 200 सीटों की मान्यता लोहिया संस्थान को नहीं मिलेगी, तब तक 2019 के बाद के बैच के सभी छात्रों के रजिस्ट्रेशन स्टेट मेडिकल काउंसिल में नहीं हो सकेगा. वहीं इस मामले पर डीन डॉ. नुजहत हुसैन ने कहा कि 50 सीटों के लिए हम नेशनल मेडिकल काउंसिल में अगले साल फिर से आवेदन करेंगे. औपचारिकताओं को पूरा कर हमें 200 सीटों की भी मान्यता मिल जाएगी.
केजीएमयू में महिला तीमारदार से छेड़छाड़: मंगलवार को किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) शताब्दी अस्पताल के वॉर्ड ब्वॉय पर एक महिला तीमारदार ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया. पीड़िता के मुताबिक विरोध पर आरोपित ने उसके साथ ही उसके बीमार पति और ननद की पिटाई कर दी. पीड़िता ने इस मामले में पुलिस को तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की. हालांकि देर शाम इस मामले सुलह भी हो गई है.
पीड़ित महिला के मुताबिक उसके पति के गले का ऑपरेशन हुआ है. सोमवार रात वह ननद के साथ पति की देखभाल कर रही थी. रात में ग्लूकोज की बोतल बदलने के लिए ननद नर्स को बुलाने गई, लेकिन नर्स न आकर वार्ड ब्वॉय आया. आरोप है कि इस दौरान वार्ड ब्वॉय ने उसका हाथ पकड़ कर छेड़खानी करने लगा. पीड़िता के शोर मचाने पर वह भागने लगा. इस पर उसे अन्य तीमारदारों की मदद से पकड़ने की कोशिश की, तो वह मारपीट करने लगा.
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