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15 जून तक पूरे किए जाएं नमामि गंगे परियोजना के कार्य : डॉ. महेन्द्र सिंह

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Published : Apr 7, 2021, 4:10 AM IST

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ग्रामीण जलापूर्ति मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह ने नमामि गंगे योजना की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने योजना से जुड़े सभी काम में तेजी लाने के निर्देश दिए. मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह ने कहा कि नमामि गंगे योजना में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

जलापूर्ति मंत्री डा. महेन्द्र सिंह
जलापूर्ति मंत्री डा. महेन्द्र सिंह

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह ने नमामि गंगे योजना की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने परियोजना से जुड़ी समस्त निर्माणाधीन इकाइयों द्वारा कराये जा रहे कार्यों में तेजी लाने और समय से पहले सभी कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए. उन्होंने कई योजनाओं की धीमी प्रगति पर नाराजगी जाहिर की. इस दौरान मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह ने कहा कि लापरवाही को किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उदासीनता बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.

'स्वच्छ बनाए जाएं घाट'

प्रदेश सरकार के जल शक्ति मंत्री डॉक्टर महेंद्र सिंह ने कहा कि घाटों को साफ-सुथरा बनाए रखने के लिए नियमित सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए. घाटों पर आने वाले लोगों को स्वच्छ वातावरण मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि घाटों की किसी न किसी अधिकारी को नामित करते हुए उसको जिम्मेदारी सौंपी जाए. जल शक्ति मंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया कि संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों से संपर्क कर योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करें. उन्होंने कहा कि परियोजनाओं पर अधिक से अधिक मानव संसाधन लगाकर 15 जून 2021 तक कार्यों को अवश्य पूर्ण करा लें.

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बुन्देलखण्ड क्षेत्र के सभी तालाबों, झीलों को भरने के निर्देश

प्रदेश के नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह ने ग्रीष्म ऋतु में पेयजल की गम्भीर समस्या वाले क्षेत्रों और जनपदों में पीने के पानी की समस्या न हो, इसके लिए बुन्देलखण्ड क्षेत्र के साथ सोनभद्र, मिर्जापुर, प्रयागराज, आगरा, फतेहपुर, चंदौली, कानपुर देहात एवं कानपुर नगर में जनपद स्तरीय कन्ट्रोल रूम स्थापित किये जाने के निर्देश दिए. उन्होंने बुन्देलखण्ड क्षेत्र के सभी तालाबों, झीलों, नहरों को भरने के निर्देश अधिकारियों को दिया. उन्होंने कहा कि संकटग्रस्ट क्षेत्रों में टैकरों से पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. इसके लिए टैंकरों एवं ट्रैक्टर उपलब्धता को चिन्हित किया जाए. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल की समस्या के समाधान के लिए जनपद एवं ब्लॉक स्तर पर कन्ट्रोल रूम को 24 घंटे अलर्ट रखा जाए. इसके लिए नोडल अधिकारी भी नामित किये जाएं. उन्होंने निर्देश दिया कि विकासखण्ड स्तर पर स्थित सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों और विद्यालयों में जलापूर्ति की स्थिति का सर्वे कराया जाए. जल जीवन मिशन द्वारा पाइप पेयजल जलापूर्ति के लिए चलाये गये 100 दिवसीय अभियान की सफलता सुनिश्चित की जाए. ग्रामीण जलापूर्ति मंत्री ने कहा कि समस्याग्रस्त सभी जनपदों तथा बुन्देलखण्ड क्षेत्र में स्थित सभी सरकारी कार्यालयों में प्याऊ लगाये जाएं. इन क्षेत्रों में पानी का अभाव न होने पाए, इसके लिए हैण्डपम्पों को रिबोर कराकर इनकी मरम्मत करायी जाए.

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