ETV Bharat / state

पाठ्यक्रमों में फिर शामिल होगा आपदा प्रबंधन, मुख्यमंत्री ने जागरूकता कार्यक्रम चलाने के दिए निर्देश

author img

By

Published : Nov 30, 2022, 12:30 PM IST

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में कहा कि स्कूलों के पाठ्यक्रम में एक बार फिर से आपदा प्रबंधन को शामिल किया जाएगा. इसके अलावा जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे. बच्चों को उसके स्तर से ही भूकंप, आकाशीय बिजली का गिरना, वन्यजीवों का हमला, सड़क दुर्घटना और बाढ़ आदि स्थितियों से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगा.

म

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में कहा कि स्कूलों के पाठ्यक्रम में एक बार फिर से आपदा प्रबंधन को शामिल किया जाएगा. इसके अलावा जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे. बच्चों को भूकंप, आकाशीय बिजली का गिरना, वन्यजीवों का हमला, सड़क दुर्घटना और बाढ़ आदि स्थितियों से निपटने की ट्रेनिंग देनी होगी. तभी हम ऐसी आपदाओं से होने वाली मौतों की संख्या में कमी ला सकेंगे.

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (National Disaster Management Authority), भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित आपदा प्रबंधन संबंधी तृतीय 'रीजनल कॉन्क्लेव' में यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहीं. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर भारत के नौ ऐसे राज्य हैं जो किसी न किसी आपदा से प्रभावित होते हैं. समय से उपाय किए जाएं तो आपदा से नुकसान को न्यूनतम किया जा सकता है. अब जिला स्तर पर आपदा मित्र (disaster friend) तैनात किए गए हैं. बाढ़ प्राकृतिक है औऱ मानव निर्मित भी है. अगर नदी के तट पर अवैध बस्ती बसेंगी तो फिर हमारे सामने इसी तरह की परेशानियां सामने आती हैं.

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी में बाढ़ का ट्रेंड बदल रहा है. समय से तैयारी करनी पड़ेगी. नेपाल से 30 जनपदों के बीच में एलगिन ब्रिज हैं. हमारी सरकार आने से पहले हर साल वहां 100 करोड़ रुपये खर्च होते थे. मैंने उसको बंद कर दिया. मैंने अफसरों के साथ बैठक की. इसमें एलगिन ब्रिज का प्रस्ताव देखा. मैंने विकल्प पूछे. मैंने कहा कि नदी काफी चौड़ी है. अगर ड्रेर्जिंग कर के चैनल बना लें तो यह समस्या दूर हो सकती है. अगले सप्ताह में ड्रेर्जिंग हुई, 12 किमी का चैनल बना. पांच करोड़ में 100 करोड़ का काम हो गया. इसके बाद समस्या का समाधान हो गया. बाढ़ प्रबंधन से हमने विभीषिका को 35 से घटाकर चार जिलों में सीमित कर दिया है. हमने पीएसी की 15 यूनिट बाढ़ में मदद के लिए तैयार किया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले आपदा प्रबंधन स्कूल के कोर्स में था. जिसको स्कूल के पाठ्यक्रम में जोड़ें. ग्राम पंचायतों को इससे जोड़ना है. मिर्जापुर औऱ सोनभद्र में बिजली गिरने से सबसे अधिक मौत होती हैं. इसको लेकर भी व्यवस्था की गई है. जिसके लिए एडवांस अलर्ट (advance alert) की व्यवस्था की जाएगी. अग्निकांड से जुड़ी घटनाओं का भी ध्यान रखना होगा. नेपाल से सटे इलाकों में वन्य जीवों का हमला होता है. हमने उसको भी आपदा में डाला है. कोरोना काल में आपदा प्रबंधन ने बेहतर भूमिका निभाई थी. सड़क दुर्घटना भी बड़ा कटु सत्य. 23600 हजार कोविड से मौतें हुई थीं. जबकि सड़क दुर्घटना से 22 हजार मौत हुई हैं.

यह भी पढ़ें : कन्नौज में मां-बेटी की गला रेतकर हत्या, दो आरोपी हिरासत में

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.