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योगी मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अटकलों का दौर जारी

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Published : May 29, 2021, 12:51 AM IST

योगी मंत्रिमंडल विस्तार
योगी मंत्रिमंडल विस्तार

उत्तर प्रदेश सरकार के बारे में लगातार अटकलें चल रही हैं. योगी के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर तमाम कयास लगाए जा रहे हैं.

लखनऊः योगी मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों को लेकर गुरुवार की रात तक जो हलचल देखने को मिल रही थी, आज (शुक्रवार) वह नहीं दिखाई दी. एक तरफ जहां कल सीएम और राज्यपाल की मुलाकात के बाद यह लग रहा था कि कुछ ही घंटों में उत्तर प्रदेश की सियासत में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे, वहीं अगर आज की बात की जाए तो मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा हल्की पड़ गई है. हालांकि भारतीय जनता पार्टी कयासों से अलग निर्णय लेने के लिए जानी जाती है, इसलिए कभी भी कुछ बड़ा फैसला हो सकता है. एक बात तो तय है कि कुछ न कुछ बदलाव जरूर होंगे.

मुख्यमंत्री के बदलाव को लेकर कयासबाजी कोरी अफवाह
योगी मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर पहली बार अटकलें नहीं लगाई जा रही हैं. इससे पहले भी योगी मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर खूब कयासबाजी हो चुकी है. गुजरात कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा के भाजपा में शामिल होने पर भी मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा हुई थी, लेकिन इस बार मुख्यमंत्री के चेहरे को बदलने पर भी लोग कयासबाजी कर रहे हैं. हालांकि पार्टी सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री को लेकर कोई बदलाव होने वाला नहीं है. जो भी बदलाव होंगे वह मंत्रियों में ही होंगे, इसलिए मुख्यमंत्री बदलने को लेकर सारी कयासबाजी केवल कोरी अफवाह ही लग रही है. हालांकि विधायकों की नाराजगी इन कयासों को बल प्रदान कर रही है. बताया जा रहा है की पार्टी के विधायक संघ और भाजपा के विभिन्न फोरम पर सरकार के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं.

डिप्टी सीएम केशव ने प्रदेश अध्यक्ष बनने से किया मना
मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा के साथ ही यह कयास लगाया जाने लगा था कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को यूपी भाजपा की कमान सौंपी जा सकती है. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को दिल्ली बुलाए जाने की खबर आने लगी तो इस पर उनके कार्यालय ने खंडन किया. उनके कार्यालय ने कहा कि डिप्टी सीएम लखनऊ में मौजूद हैं. सत्ता के गलियारे में अब केशव को लेकर दूसरी चर्चा शुरू हो गई है. बताया जा रहा है कि शीर्ष नेतृत्व ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के समक्ष प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी का प्रस्ताव रखा. इस पर उन्होंने संगठन की कमान संभालने से इनकार कर दिया. केशव कैंप के एक प्रशंसक का कहना है कि 2017 में केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में भाजपा प्रचंड बहुमत से सत्ता में आई. इसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया. अब उनके नाम पर पार्टी एक बार फिर सत्ता में आना चाह रही है. केशव प्रसाद मौर्य भाजपा की कमान एक ही परिस्थिति में संभालेंगे जब उन्हें 2022 के मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट किया जाएगा.

अरविंद शर्मा को कितना पसंद करते हैं मुख्यमंत्री
बीजेपी के एमएलसी एके शर्मा भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी माने जाते हों लेकिन भाजपा खेमे में यह चर्चा आम है कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सहमति के बगैर एक पत्ता भी हिलने वाला नहीं है. एके शर्मा की वाराणसी समेत कुछ जिलों में कोविड-19 प्रबंधन को लेकर जिस प्रकार से सराहना की गई, वह पार्टी के बहुत से लोगों को पसंद नहीं आया. बावजूद इसके माना जा रहा है कि अगर मंत्रिमंडल विस्तार होता है तो एके शर्मा को योगी सरकार में बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी.

स्वतंत्र को हटाने से नाराज हो सकते हैं यूपी के छह प्रतिशत मतदाता
मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर शुरू हुई चर्चा के बीच भाजपा में नेतृत्व परिवर्तन की भी बात शुरू हुई. अब भाजपा नेतृत्व परिवर्तन को लेकर भी पेच फंसता हुआ दिखाई दे रहा है. भाजपा संगठन के एक जिम्मेदार पदाधिकारी से नेतृत्व परिवर्तन को लेकर सवाल किया तो उन्होंने बिना देरी के कहा कि स्वतंत्र देव सिंह को हटाकर प्रदेश के छह प्रतिशत मतदाताओं को कौन नाराज करेगा ? उनका कहना है कि प्रदेश में कुर्मी बिरादरी के करीब छह प्रतिशत मतदाता हैं. ऐसे में उनको प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी से कार्यकाल पूरा किए बगैर हटाने से उस समाज के बीच गलत संदेश जाएगा. पार्टी से जुड़े इस समाज के कार्यकर्ता भी नाराज होंगे, लिहाजा पार्टी नेतृत्व फिलहाल इस तरह से कोई कदम नहीं उठाएगा. यदि नेतृत्व इस पर आमादा ही हो जाए तो स्वतंत्र देव सिंह को इससे बड़े पद पर भेजना होगा.

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संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ले चुके हैं थाह
यूपी की सियासत में बदलाव की चर्चाओं के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में नंबर दो के नेता सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले लखनऊ दौरा करके वापस दिल्ली जा चुके हैं. अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान दत्तात्रेय ने यूपी के तमाम विषयों पर नजर डाली है. उन्होंने आरएसएस के सेवा कार्यों में जाकर स्वयंसेवकों का उत्साहवर्धन किया. सेवा कार्य करने के लिए उन्हें प्रेरित किया. वहीं इस दौरान भाजपा और संघ के कई नेताओं ने उनसे मुलाकात भी की है. बताया जा रहा है कि मुलाकात के दौरान उन्हें भाजपा संगठन और सरकार के बारे में तमाम फीडबैक मिला है. उत्तर प्रदेश में भाजपा संगठन और सरकार की पूरी रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व के पास पहुंच गया है. ऐसे में केंद्रीय नेतृत्व को निर्णय लेने में आसानी होगी. वह चाहे सरकार में बदलाव की बात हो या फिर संगठन में नेतृत्व परिवर्तन की. देखना होगा कि अब बदलाव किस स्तर का होता है.

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