ETV Bharat / state

ब्राह्मण या OBC? कौन बनेगा यूपी बीजेपी चीफ? इन नामों पर मंथन जारी

author img

By

Published : Jul 28, 2022, 8:49 AM IST

ब्राह्मण
ब्राह्मण

यूपी बीजेपी में प्रदेश अध्यक्ष को लेकर आलाकमान का फैसला अंतिम दौर में है. आखिरी पड़ाव में मंथन इस बात को लेकर चल रही है कि प्रदेश अध्यक्ष ब्राह्मण हो या फिर पिछड़े वर्ग का. गौरतलब है कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का नाम भी संभावित चेहरों में एक है.

लखनऊ: यूपी में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को लेकर आलाकमान का मंथन अंतिम दौर में है. आखिरी पड़ाव पर बात इसको लेकर फंस गई है कि यूपी बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष ब्राह्मण हो या फिर पिछड़े वर्ग का.

उत्तर प्रदेश में लगभग 18 फीसदी ब्राह्मण वोटर है. जबकि ब्राह्मण संगठनों का दावा है कि यह संख्या 22 फीसदी के करीब है. इसके विपरीत पिछड़े वर्ग के वोटरों की संख्या 50 फीसदी से अधिक है, मगर पिछड़े और ब्राह्मण वर्ग में अंतर इस बात का है कि पिछड़ा वर्ग अनेक उप जातियों में बंटा हुआ है. जैसे कुर्मी, मौर्य, यादव और अन्य वर्ग. जबकि ब्राह्मण के नाम पर वोट एकजुट होता है. इसलिए दांव दोनों और बराबर है.

गौरतलब है कि अंतिम दौर में माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश कुमार शर्मा (पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा नहीं) और वर्तमान उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य अध्यक्ष पद के दावेदारों में प्रमुख हैं. इसके अलावा एक अन्य नेता बी एल वर्मा के नाम पर भी जोर शोर से बात की जा रही है. इन्हीं में से कोई एक उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष पद को सुशोभित कर सकता है.

बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश कुमार शर्मा का नाम काफी चौंकाने वाला है. वह बागपत के रहनेवाले हैं और पंजाब में भारतीय जनता पार्टी के संगठन महामंत्री रह चुके हैं. उन्हें वापस यूपी में बुलाया गया है. बताया जाता है कि वह संगठन के कार्यों में काफी सक्रिय रहते हैं और संघ के नजदीक हैं. ब्राह्मण वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं और पश्चिम उत्तर प्रदेश से हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के काफी करीबी बताए जाते हैं.

दूसरी ओर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य संगठन व सरकार पर पकड़ रखते हैं. मौर्य ही नहीं व पिछड़े वर्ग में भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश में निर्विवाद तौर पर सबसे बड़े नेता हैं. 2017 में भी उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. तब भाजपा ने 325 सीटें जीतकर रिकॉर्ड तोड़ बहुमत प्राप्त किया था. 15 साल बाद उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी थी तो माना जा रहा था कि वह मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं, मगर संगठन ने योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री चुना और केशव प्रसाद मौर्य को डिप्टी सीएम.

2022 के विधानसभा चुनाव में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य अपने क्षेत्र में जातिगत समीकरणों में उलझ गए और नजदीकी अंतर से चुनाव हार गए. इसके बावजूद उन्हें डिप्टी सीएम बनाया गया. मगर पीडब्ल्यूडी से अपेक्षाकृत कम महत्व के ग्रामीण विकास विभाग की जिम्मेदारी दी गई. सूत्रों की मानें तो केशव प्रसाद मौर्य का नाम भी प्रदेश अध्यक्ष के मजबूत दावेदारों में से एक है.

इसे भी पढे़ं- भ्रष्टाचार के विरोध में राहुल गांधी जो रास्ता अपना रहे है वह गलत है: डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.