लखनऊ: उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा विभाग (UP Secondary Education Department) में तबादलों को लेकर घमासान शुरू हो गया है. कर्मचारियों के स्थानांतरण को लेकर अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला (Additional Chief Secretary Aradhana Shukla) के आदेश पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. शिकायत है कि इन तबादलों में नीतियों की अनदेखी की गई है. उत्तर प्रदेश एजुकेशनल मिनिस्ट्रियल ऑफिसर्स एसोसिएश (UP Educational Ministerial Officers Association) की ओर से इस संबंध में उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर आपत्ति दर्ज कराई गई है. संगठन की तरफ से सत्र 2022-23 में हुए सभी स्थानांतरण की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग उठाई गई है.
प्रांतीय अध्यक्ष विवेक यादव और प्रांतीय महामंत्री
राजेश चन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि कार्मिक विभाग द्वारा सरकारी अधिकारियों / कर्मचारियों की वार्षिक स्थानान्तरण नीति वर्ष 2022-23 के लिए 15 जून को आदेश जारी किए गए थे. इसके अनुसार समूह ' ग ' और समूह ' घ ' के कार्मिकों के स्थानान्तरण संवर्गवार कुल कार्यरत कर्मिकों की संख्या के अधिकतम 10 प्रतिशत की सीमा तक किये जाने थे. उक्त निर्धारित 10 प्रतिशत से अधिक और अधिकतम 20 प्रतिशत की सीमा तक स्थानान्तरण अपरिहार्यता की स्थिति में प्रशासकीय विभाग द्वारा विभागीय मंत्री के अनुमोदन से स्थानान्तरण किये जाने थे. कर्मचारी संघ पूरी तरह से इससे सहमत है. निश्चित रूप से स्थानान्तरण नीति कर्मचारियों के हित को दृष्टिगत रखते हुए ही बनाई गई है.
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अपर मुख्य सचिव (माध्यमिक शिक्षा) की ओर से 17 जून को अलग से आदेश निर्गत किया गया. जिस को आधार बनाकर शत-प्रतिशत कर्मचारियों के स्थानांतरण किए गए हैं. इसी स्थानांतरण के लेकर कर्मचारी संगठन विरोध कर रहा है.
यह हैं आरोप
- शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा शासन के सभी आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए निदेशालय स्तर से भारी धन उगाही कर मनचाहे स्थानान्तरण के आदेश निर्गत किए गये हैं.
- जनपदीय / मण्डलीय पदाधिकारियों (जिन कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति दो वर्ष से कम है), विकलांग और अशक्त कर्मचारियों के भी स्थानान्तरण किए गए.
- जनपदों में पद रिक्त होने के बावजूद जनपदों से बाहर स्थानान्तरण किए गये हैं. ताकि बचे हुए कर्मचारियों से धन उगाही कर के मन वांछित स्थान पर संशोधन की कार्रवाई की जा सके.
- पांच वर्ष से अधिक ठहराव के कई कर्मचारियों के स्थानान्तरण आदेश निर्गत ही नहीं किए गए हैं.
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