लखनऊ. मजदूर की झोपड़ी में आग लगाकर उसके ढाई माह के बच्चे को जला कर मारने वाले अभियुक्तों रामानंद यादव और राजू यादव को अपर सत्र न्यायाधीश रेखा शर्मा ने आजीवन कारावास तथा 15 हजार 7 सौ रुपये के जुर्माना से दंडित किया है.
अदालत के समक्ष सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता एमपी तिवारी ने तर्क दिया कि वादी ने अदालत के जरिये मड़ियांव थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. वादी और उसकी पत्नी मजदूर हैं. उसके पड़ोस में रहने वाले रामानंद यादव और राजू यादव वादी की झोपड़ी खाली करवाना चाहते थे. जिसके चलते वादी से रंजिश रखते थे. इसी रंजिश के चलते 17 नवम्बर 2005 को जब वादी काम पर गया था और वादी की पत्नी अपने 3 वर्ष के पुत्र के साथ पास में परचून की दुकान गई थी और उसका ढाई माह का बेटा गोपाल घर पर अकेले सो रहा था. तभी आरोपियों ने घर मे घुसकर गोपाल के बिस्तर में आग लगा दी. इस घटना में वादी का ढाई माह के बेटे की मौत हो गई थी.
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वादी ने घटना की जानकारी मड़ियांव पुलिस को दी थी कि आरोपी उसकी झोपड़ी खाली कराने की धमकी दे रहे हैं. झोपड़ी खाली कराने के लिए ही घटना की है, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की. इसके विपरीत दारोगा एसपी सिंह ने उसे डरा धमकाकर यह लिखवा लिया कि बिस्तर पर मोमबत्ती गिर जाने से आग लगने के चलते बच्चे की मौत हो गई. उच्चाधिकारियों को जानकारी देने पर पुलिस ने आरोपी रामानंद को पकड़ा, लेकिन बाद में छोड़ दिया. इस पर वादी ने कोर्ट में अर्जी देकर 17 दिसंबर 2005 को रिपोर्ट दर्ज कराई.
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