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रेलवे में करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार का मामला, सेवानिवृत डॉक्टर समेत दवा सप्लायरों की अग्रिम जमानत अर्जी कोर्ट ने की खारिज

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Published : Nov 11, 2021, 10:10 PM IST

रेलवे में करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार का मामला
रेलवे में करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार का मामला

सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने करोड़ों के भ्रष्टाचार के एक मामले में वांछित रेलवे डिवीजन अस्पताल उत्तर रेलवे, लखनऊ के तत्कालीन सहायक मुख्य चिकित्सा अधीक्षक और इंचार्ज स्टोर डॉक्टर राकेश गुप्ता की अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है.

लखनऊः सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने करोड़ों के भ्रष्टाचार के एक मामले में वांछित रेलवे डिवीजन अस्पताल उत्तर रेलवे, लखनऊ के तत्कालीन सहायक मुख्य चिकित्सा अधीक्षक और इंचार्ज स्टोर डॉक्टर राकेश गुप्ता की अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने इस मामले में वांछित मेसर्स पीयू मेडिकल्स के प्रोपराइटर पुत्तन सिंह यादव, मेसर्स मालवीय फार्मा के प्रोपराइटर बृजेश कुमार मालवीय और ठेकेदार जितेंद्र कुमार दीक्षित की भी अग्रिम जमानत अर्जी खारिज करते हुए सभी अभियुक्तों के अपराध को गंभीर करार दिया है.

एक दिसंबर, 2015 को इस मामले की शिकायत डिप्टी सीवीओ/मैकेनिकल/उत्तर रेलवे विनोद कुमार ने दर्ज कराई थी. सीबीआई ने उनकी शिकायत पर अभियुक्तों के साथ ही रेलवे डिवीजनल अस्पताल उत्तर रेलवे, लखनऊ के तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर उत्कर्ष बंसल, तत्कालीन सीनियर डीएमओ डॉक्टर सुनीता गुप्ता, तत्कालीन फार्मासिस्ट एसएस मिश्रा और अन्य प्राइवेट व्यक्तियों के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचना के साथ साजिश और भ्रष्टाचार की गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु की.

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कोर्ट में विवेचना में पाया गया कि वर्ष 2012-14 के दौरान रेलवे हास्पिटल में लोकल दवाइयों और इन्जेक्शन की खरीद में भारी वित्तीय गड़बड़ी की गई है. उक्त वित्तीय गडबड़ियां करते हुए, अभियुक्तों ने अपने अन्य साथियों की मिलीभगत से तीन करोड़ 66 लाख 93 हजार 695 रुपये की भारी क्षति रेलवे को पहुंचाई है. 24 दिसंबर, 2020 को इस मामले में आरोप पत्र दाखिल किया गया था.

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