लखनऊः अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम, डॉक्टर नवनीत सहगल ने कहा कि एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) को वैश्विक पहचान मिल चुकी है. अंतरराष्ट्रीय बाजार की मांग के अनुरूप उत्पादों को तैयार कराने के लिए विशेष प्राथमिकता दी गई है. इसके फलस्वरूप प्रदेश के उत्पादों का निर्यात दो गुना हुआ है. हर साल प्रदेश से उत्पादों के निर्यात में 20 फीसदी की बढ़ोतरी हो रही है. इसको बढ़ाकर 50 फीसदी तक ले जाने का लक्ष्य है.
डॉक्टर सहगल आज कैसरबाग स्थित निर्यात प्रोत्साहन भवन में क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा उत्तर प्रदेश के ग्लासवेयर एवं मेटलवेयर क्लस्टर उद्यमियों के लिए आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे. इस कार्यक्रम में जिला अलीगढ़, मुरादाबाद और फिरोजाबाद से निर्यातक, उद्यमी एवं कारीगर शामिल थे. अपर मुख्य सचिव ने कहा कि ये पहली वर्कशाप है, जो तीन जिलों के ओडीओपी उत्पादों की क्वालिटी को बेहतर बनाने के लिए आयोजित की गई है. शीघ्र प्रदेश के सभी जिलों में इसका आयोजन कराया जायेगा. जिससे अधिक से अधिक उद्यमी एवं कारीगरों इससे लाभान्वित हो सके.
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि हस्तशिल्पियों के निर्मित उत्पादों की विदेशों में अधिक मांग है. प्रदेश से निर्यात बढ़ाने के लिए उत्पादों में गुणवत्ता का होना बहुत आवश्यक है. उत्पादों की पैकेजिंग भी इसका प्रमुख अंग है. उत्पादों की क्वालिटी के साथ उत्पादों को आकर्षक ढंग से प्रस्तुत करना होगा. तभी हम प्रदेश से निर्यात बढ़ाने के लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकेंगे.
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आज हुए कार्यक्रम को पोर्टल पर अपलोड भी कराया जायेगा. जिससे प्रदेश के अधिक से अधिक कारीगर एवं उद्यमी इसका लाभ ले सकें. कार्यशाला में क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के प्रतिनिधियों ने उत्पादों की क्वालिटी बेहतर बनाने से संबंधित सुझाव दिये. साथ ही कारीगरों, उद्यमियों एवं निर्यातकों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया गया. उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने ओडीओपी उत्पादों की क्वालिटी को बेहतर बनाने के लिए क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के साथ एमओयू किया गया है. इसी कड़ी में आज इस कार्यशाला का आयोजन किया गया.