ETV Bharat / state

लखनऊ: चार चरणों के लॉकडाउन पर भारी पड़े अनलॉक-1 के 30 दिन

author img

By

Published : Jul 2, 2020, 7:44 PM IST

राजधानी लखनऊ में कोरोना वायरस का कहर बढ़ता जा रहा है. कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. चार चरणों के लॉकडाउन पर अनलॉक-1 के 30 दिन भारी पड़े, जिससे साफ जाहिर होता है कि जिम्मेदारों की तरफ से अनलॉक-1 की गाइडलाइंस का सही तरीके से पालन नहीं करवाया गया.

corona virus condition in lucknow in unlock 1
लखनऊ में कोरोना का कहर.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अनलॉक-1 शुरू होने के बाद से लगातार कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिससे साफ हो जाता है कि सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस का सही तरीके से पालन नहीं करवा पाये. चार चरणों के लॉकडाउन खत्म होने के बाद 1 जून से अनलॉक-1 लागू हो गया था. सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार शाम 9:00 बजे तक ही दुकानें और लोगों को बाहर निकलने की इजाजत दी गई थी, लेकिन जिम्मेदार इसका सख्ती से पालन नहीं करवा पाए. सीएमओ दफ्तर से जारी रिपोर्ट ने चिंता बढ़ा दी है.

जिम्मेदारों ने किया गैर जिम्मेदाराना व्यवहार
लापरवाही का आलम ऐसा रहा कि जिम्मेदार संस्थाओं की तरफ से भी गैर जिम्मेदाराना व्यवहार किया गया, जिसकी वजह से राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी. हालात ऐसे हो चलें हैं कि जहां लखनऊ में लॉकडाउन के 70 दिनों में औसतन करीब 6 कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे थे, वहीं अनलॉक-1 में 553 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. यह आंकड़ा रोजाना प्रतिदिन मिलने वाले मरीजों से करीब 3 गुना ज्यादा है. कोरोना पॉजिटिव मरीजों में सबसे ज्यादा सुरक्षाकर्मी और सीएम हेल्पलाइन के कर्मचारी हैं.

स्पेशल रिपोर्ट...

सीएम हेल्पलाइन सेंटर में हुई चूक
सीएम हेल्पलाइन सेंटर में भी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी, लेकिन इस दौरान यह मालूम चला कि कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए कर्मचारियों ने अधिकारियों को आगाह किया था, लेकिन सीएम हेल्पलाइन सेंटर चलाने वाली संस्था की लापरवाही बनी रही. इसका नतीजा यह हुआ कि 90 से अधिक कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए गए.

इस पर जब ईटीवी भारत ने सीएम हेल्पलाइन सेंटर के कर्मचारियों से बातचीत की तो उनका कहना था कि उन्होंने ट्विटर के माध्यम से शासन-प्रशासन को जगाने के पूर्ण प्रयास किए थे, लेकिन हर जगह से उन्हें नाकामी ही हाथ लगी. उनकी एक न सुनी गई और संक्रमित मरीजों की जानकारी को अफवाह बताकर ऑफिस आने का दबाव बनाया गया.

सीएम हेल्पलाइन सेंटर चलाने वाली कंपनी को मिला नोटिस
अनलॉक-1 के दौरान लापरवाह रवैया अपनाने वाले निजी व सरकारी संस्थाओं को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से नोटिस भेजने का भी काम किया गया. इस दौरान लगभग 200 से अधिक अस्पतालों को कई बार 48 से 72 घंटे बंद करने के निर्देश व नोटिस थमाए गए. इसी दौरान सीएम हेल्पलाइन चलाने वाली संस्था के ऊपर एपिडेमिक एक्ट का उल्लंघन करने के आरोप के चलते स्वास्थ्य विभाग की तरफ से गैरजिम्मेदाराना व्यवहार को ध्यान में रखते हुए नोटिस थमाया गया.

स्वास्थ्य विभाग ने लापरवाही बरतने वालों को थमाया नोटिस
सीएम हेल्पलाइन सेंटर चलाने वाली कंपनी पर आरोप तय किेए गए कि लॉकडाउन खुलने के बाद कंपनी ने सरकार की तरफ से जारी अनलॉक-1 के दिशा-निर्देशों का पालन क्यों नहीं किया? इसके साथ-साथ नोटिस में यह भी पूछा गया है कि दफ्तर में सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन और मास्क का प्रयोग क्यों नहीं किया गया? एक ही समय में बड़ी संख्या में कर्मचारियों को दफ्तर में क्यों बुलाया गया? सीएमओ ने दफ्तर में चलने वाले सेंट्रलाइज्ड एसी के बारे में सवाल किया है कि कंपनी ने कोविड-19 गाइडलाइंस का पालन क्यों नहीं किया? इसी तरह स्वास्थ्य विभाग द्वारा गैर जिम्मेदाराना व्यवहार करने वाले लोगों को भी नोटिस भेजा गया है.

अनलॉक-1 के दौरान रोजाना हुई 300 कोरोना संदिग्धों की जांच
डिप्टी सीएम डॉक्टर एके त्रिपाठी ने बताया कि अनलॉक के दौरान जाहिर सी बात है शहर में आवागमन बढ़ गया, जिसकी वजह से संक्रमित मरीजों की संख्या भी बढ़ी, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के 15 से ज्यादा टीम जांच के लिए सैंपल लेने का काम कर रही हैं. उन्होंने बताया कि जहां पहले 140 से 180 लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे जाते थे. वहीं अब 300 से ज्यादा लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं. चारों लॉकडाउन में 16 हजार 500 से ज्यादा लोगों के सैंपल लिए गए. वहीं अनलॉक-1 में रोजाना 300 से अधिक लोगों की जांच की गई.

किस चरण में, कितने मामले आए सामने
पहला चरण- 44
दूसरा चरण-173
तीसरा चरण-68
चौथा चरण-84

स्वास्थ्य विभाग कर रहा बेहतर काम
राजधानी लखनऊ के पूर्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एसएनएस यादव से जब कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यदि स्वास्थ्य विभाग और अन्य विभागों में आपसी तालमेल रहता तो शायद यह नौबत न आती. उन्होंने यह भी साफ किया कि स्वास्थ्य विभाग अपना काम बेहतर ढंग से कर रहा है, लेकिन अन्य विभागों को भी स्वास्थ्य विभाग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग करना चाहिए, जिससे कि कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.

ये भी पढ़ें: लखनऊ में कोरोना फ्री हुआ कैंट क्षेत्र, हर घर हुआ सैनिटाइज

उम्मीद है कि आने वाले दिनों में सीएम हेल्पलाइन सेंटर के उच्च अधिकारियों के गैर जिम्मेदाराना व्यवहार को देखते हुए स्वास्थ विभाग द्वारा उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिससे कि अधिकारियों से भविष्य में इस तरह की लापरवाही न हो.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.