लखनऊ: प्रदेश में अब कोरोना का संक्रमण धीरे-धीरे कम हो रहा है. इससे प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी तक अब राहत भरी सांस ले रहे हैं. पिछले 7 महीनों से कोरोना का संक्रमण जारी है. इसके चलते प्रदेश में 6 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. वहीं राजधानी में भी संक्रमण के ग्राफ में काफी गिरावट आई है. इन दिनों यह संक्रमण अब 300 के नीचे रह गया है. इसके चलते अब नगर निगम की तरफ से भी लापरवाही होने लगी है.
नगर निगम के मुख्य भवन के गेट पर लगा हुआ सैनिटाइजर टनल पिछले दो महीनों से खराब पड़ा है. इसके अलावा यहां सैनिटाइजर ऑटोमेटिक मशीन भी कई दिनों से काम नहीं कर रही है. नगर निगम में प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग अपना काम कराने पहुंचते हैं. कोरोना संकट में निगम की यह लापरवाही लोगों पर भारी पड़ सकती है.
कोविड के प्रति लापरवाह हुआ लखनऊ निगम
राजधानी में कोरोना का ग्राफ अब गिरने लगा है. इसके चलते जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग काफी राहत महसूस कर रहे हैं. पहले जहां प्रतिदिन राजधानी में एक हजार से ज्यादा नए मामले आ रहे थे, अब घटकर 300 से भी कम रह गए हैं. ऐसे में अब नगर निगम की तरफ से भी लापरवाही होने लगी है. निगम परिसर में सैनिटाइजर के लिए लगाई गई डिस्पेंसर मशीने खराब होने लगी हैं, जिनकी मरम्मत भी अब नहीं हो रही है.
इस बड़ी लापरवाही का खामियाजा कार्यालय में आने-जाने वाले लोगों को उठानी पड़ सकती है. निगम ने इन मशीनों को खरीदने में लाखों रुपये खर्च किए हैं. निगम के मुख्य द्वार पर लगाया गया सैनिटाइजर टनल तो पहले से खराब है ही, अब ऑटोमेटिक सैनिटाइजर मशीन भी काम नहीं कर रही है.
सैनिटाइजर के लिए कई डिस्पेंसरी मशीनें लगाई गई हैं, जो काम कर रही हैं. जो नहीं काम कर रही हैं, उनमें हो सकता है सैनिटाइजर खत्म हो गया हो.
-डॉ. एसके रावत, नगर स्वास्थ्य अधिकारी