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नोएडा और लखनऊ में बनी रैपिड टेस्ट किट से होगी कोरोना की जांच, आत्मनिर्भर बनेगा यूपी

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Published : Apr 17, 2020, 5:24 PM IST

यूपी सरकार प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयासरत है. इसी कड़ी में एमएसएमई विभाग ने नोएडा और लखनऊ की एक-एक कंपनी को कोरोना टेस्ट किट बनाने के लिए जिम्मा सौंपा है. वहीं नोएडा में बने सैंपल को मंजूरी मिल गई है. कंपनी 20 अप्रैल को शासन को कुछ किट उपलब्ध कराएगी.

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नोएडा और लखनऊ में बनी कोरोना रैपिड टेस्ट किट से होगी जांच.

लखनऊः कोरोना की जांच के लिए उत्तर प्रदेश में रैपिड टेस्ट किट का निर्माण किया जाएगा. उत्तर प्रदेश कोरोना वायरस की जांच के लिए आत्मनिर्भर बनेगा और उसकी चीन पर निर्भरता समाप्त होगी. दरअसल अभी तक भारत को टेस्ट किट बनाने की अनुमति नहीं लेकिन कुछ दिनों पूर्व अनुमति मिलने के बाद तुरंत योगी सरकार सक्रिय हो गई. नोएडा और लखनऊ की एक-एक एमएसएमई सेक्टर की कंपनियों को किट बनाने का जिम्मा सौंपा गया है, जिसमें नोएडा वाली कंपनी के सैंपल को मंजूरी मिल गई है. ऐसा माना जा रहा है कि यह कंपनी कुछ किट 20 अप्रैल को शासन को उपलब्ध कराएगी.

नोएडा और लखनऊ में बनी रैपिड टेस्ट किट से होगी कोरोना की जांच.

एमएसएमई बनाएगा कोरोना रैपिड टेस्ट किट
योगी सरकार कोरोना की पहचान के लिए हर संभव कदम उठाने पर जोर दे रही है. इसी क्रम में सरकार कोविड-19 की जांच के लिए रैपिड टेस्ट किट बनवाने जा रही है. सरकार ने दो ऐसी कंपनियों को चिन्हित किया है, जिन्हें रैपिड टेस्ट किट बनाने की अनुमति दी गई है. एमएसएमई के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि लखनऊ की मेसर्स बायोजैनिक्स और नोएडा की मेसर्स नू लाइफ दो ऐसी एमएसएमई क्षेत्र की कंपनियां हैं, जिन्होंने इसका निर्माण करना शुरू कर दिया है. नोएडा की मेसर्स नू लाइफ कंपनी के सैंपल को अप्रूवल भी मिल गया है, जिसके बाद शीघ्र ही इसका उत्पादन बढ़ाकर कंपनी 20 अप्रैल तक कुछ किटें उपलब्ध कराएगी.

पहले चरण में पचास लाख बनेंगे खादी के मास्क
मुख्यमंत्री चाहते हैं कि प्रदेश का कोई भी व्यक्ति जो घर से बाहर निकल रहा है, वह मास्क पहनकर निकले. बिना मास्क के उसे सड़क पर आने पर पूरी तरह से प्रतिबंधित है. इसी क्रम में मास्क आसानी से लोगों को उपलब्ध हो सकें, इसके लिए सरकार की पहल पर खादी विभाग और ग्रामीण विकास विभाग मिलकर यह कार्य कर रहा है. खादी विभाग स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को कपड़ा उपलब्ध करवा रहा है, जिससे महिलाएं मास्क बना रही हैं. प्रमुख सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि प्रथम चरण में लगभग छह लाख मीटर कपड़ा चिन्हित कर लिया गया है, इसमें करीब 50 लाख मास्क बनेंगे.

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