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राजीव शुक्ला का आरोप- बीमारी के नाम पर अस्पताल में मौज कर रहे सजायाफ्ता पूर्व विधायक

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Published : Apr 28, 2021, 6:22 PM IST

पांच लोगों के सामूहिक हत्याकांड मामले में पूर्व विधायक अशोक सिंह चंदेल जेल में बंद थे. कुछ दिनों से वह बीमारी के कारण लखनऊ के अस्पताल में भर्ती हैं.

अशोक सिंह चंदेल
अशोक सिंह चंदेल

लखनऊः हमीरपुर में पांच लोगों के सामूहिक हत्याकांड का आरोपी व पूर्व विधायक अशोक सिंह चंदेल लखनऊ के राम मनोहर कोविड अस्पताल में मौज कर रहा है. ये आरोप हमीरपुर के राजीव शुक्ला ने अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी को पत्र भेजकर लगाया है. बता दें कि सामूहिक हत्याकांड में मारे गए लोग राजीव शुक्ला के परिवार के थे. राजीव ने अपने पत्र में अन्य परिजनों की हत्या की साजिश की आशंका भी जताई है.

5 मार्च को तबीयत खराब
आगरा की जेल में सजा काट रहे अशोक चंदेल के 5 मार्च को सीने में दर्द की शिकायत की. वह आगरा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराए गए, जहां से रेफर कराकर लखनऊ के केजीएमयू आ गए. केजीएमयू के डॉक्टरों ने उन्हें भर्ती कर इलाज शुरू किया. राजीव का आरोप है कि नियमानुसार जेल में बंद कैदी, जिनका कोर्ट में ट्रायल चल रहा हो उन्हें भर्ती करने का निर्णय मेडिकल बोर्ड लेता है लेकिन ऐसा नहीं किया गया. केजीएमयू ने शिकायत के बाद मरीज अशोक चंदेल को छुट्टी देकर मामले की जांच के आदेश दिए थे. राजीव का दावा है कि इसी दौरान केजीएमयू में सांठगांठ कर पूर्व विधायक अशोक चंदेल ने गंभीर बीमारी के फर्जी कागजात बनवा लिए. केजीएमयू में शिकायत की तो जांच बैठ गई. तब चंदेल रेफर कराकर लोहिया अस्पताल में भर्ती हो गया. इन्हीं कागजात के आधार पर उसने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर कर दी. कोर्ट ने उसे खारिज कर केजीएमयू को मेडिकल बोर्ड बनाकर जांच रिपोर्ट देने का आदेश दिया था.

इस आरोप में सजा काट रहा चंदेल
26 जनवरी 1997 को भाजपा नेता राजीव शुक्ला और अशोक सिंह चंदेल के बीच हमीरपुर के सुभाष नगर में मामूली कहासुनी हो गई थी, जो बड़े झगड़े में बदल गई और गोलीबारी हुई. इसमें शुक्ला के दो बड़े भाई राकेश शुक्ला, राजेश शुक्ला और 9 वर्षीय भतीजे अंबुज, वेद प्रकाश और श्रीकांत पांडे की मौत हो गई थी. दर्ज मुकदमे की विवेचना के बाद पूर्व विधायक अशोक सिंह चंदेल, रघुवीर सिंह, डब्बू सिंह, उत्तम सिंह, प्रदीप सिंह, नसीम , श्याम सिंह, साहब सिंह, झंडू और भान सिंह के खिलाफ विभिन्न धाराओं में तथा शस्त्र अधिनियम के तहत चार्जशीट दाखिल की गई थी. 17 अप्रैल को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा चंदेल समेत सभी 10 लोगों को इस आधार पर बरी कर दिया गया था कि गवाहों के बयान संदेहपूर्ण हैं. हालांकि इस मुकदमे की सुनवाई कर रहे तत्कालीन सत्र न्यायाधीश अश्वनी कुमार बर्खास्त हो गए थे. इस निर्णय को राजीव शुक्ला ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी. उच्च न्यायालय ने पूर्व विधायक अशोक चंदेल को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी. उसके बाद पूर्व विधायक ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की. तभी से वह जेल में बंद है.

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एक बार सांसद और चार बार विधायक रहे अशोक चंदेल
हमीरपुर से एक बार सांसद और चार बार विधायक रहे अशोक सिंह चंदेल ने अपना राजनीतिक कैरियर 1989 में एक निर्दलीय विधायक के तौर पर शुरू किया था. उन्हें बसपा के टिकट पर 1999 में हमीरपुर से सांसद चुना गया. बाद में वह भाजपा के टिकट पर विधायक हुए.

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