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Congress Person Supriya Shrinate ने पूछा अडाणी और मोदी का रिश्ता क्या है, साझा किए देश के हालात

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Published : Feb 17, 2023, 6:39 PM IST

अडानी मामले को लेकर कांग्रेस का रुख काफी हमलावर होता जा रहा है. विदेशी एजेंसी के खुलासे और शेयर मार्केट में गिरावट के बाद कांग्रेस मोदी सरकार पर सवालों की झड़ी लगा दी है. कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने शुक्रवार को प्रदेश पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में अडाणी और मोदी के संबंधों को लेकर कई गंभीर सवाल उठाए.

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लखनऊ : देश में बढ़ती महंगाई, उच्चतम बेरोजगारी और कुशासन की विफलताओं से जनता का ध्यान हटाने के लिए सरकार द्वारा प्रायोजित विभाजनकारी एजेंडे का दंश झेल रहे देशवासियों के साथ कांग्रेस पार्टी कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है. एक जिम्मेदार विपक्षी दल होने के नाते हम भाजपाई सत्ता के मित्र पूंजीपतियों को सरकारी खजाने की लूट की खुली छूट और प्रधानमंत्री से संबंधित इस पूरे अडानी महाघोटाले में हो रहे घोटालों से भी चिंतित हैं. इसलिए हम सरकार को उसकी जिम्मेदारी से भागने की इजाजत नहीं दे सकते और आज 'हम अडाणी के हैं कौन' शृंखला तहत देश के 23 प्रमुख शहरों में प्रेस वार्ता कर रहे हैं.

यह बातें कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रदेश पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कही. उन्होंने कहा कि एक आदमी के लिए मोदी सरकार ने इतने सारे नियम क्यों बदले. देश के एयरपोर्ट से लेकर पोर्ट तक ईडी और सीबीआई के बल पर एक आदमी को सौंप दिए गए. यह कौन से नियम के तहत किया जा रहा है. जहां देश में 11 हजार से अधिक एमएसएमई बंद हो गए. वहीं एक आदमी जो वर्ष 2014 में दुनिया के अमीर व्यक्तियों लिस्ट में 609 नंबर था वह 5 साल में दुनिया का दूसरा सबसे अमीर आदमी कैसे बन गया. ऐसे एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया गया.


सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि सरकार ने राहुल गांधी के सवालों और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के भाषण के अंशों को बेशक संसदीय कार्यवाही से हटा दिया हो, लेकिन भारत के लोग सब देख रहे हैं कि संसद में क्या हो रहा है. लोग जानना चाहते हैं कि सरकार संसदीय भाषणों का स्तर गिराने की कोशिश क्यों कर रही है और प्रधानमंत्री संसद में प्रासंगिक सवालों के जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं. देशवासी जानना चाहते हैं कि कैसे एक संदिग्ध साख वाला समूह, जिस पर टैक्स हेवन देशों से संचालित विदेशी शेल कंपनियों से संबंधों का आरोप है. भारत की संपत्तियों पर एकाधिपत्य स्थापित कर रहा है और इस सब पर सरकारी एजेंसियां या तो कोई कार्रवाई नहीं कर रही हैं या इन सब संदिग्ध गतिविधियों को ही सुगम बनाने में जुटी हैं. भारत के लोग बुद्धिमान हैं और वे मोदी जी और उनके मित्र पूंजीपतियों के बीच तालमेल को समझ सकते हैं. वे जानना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री ने एक मित्र पूंजीपति को विश्व के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बनाने में मदद क्यों की और वे इस गंभीर अंतर्राष्ट्रीय खुलासे पर चुप क्यों हैं?


सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि हम किसी व्यक्ति के दुनिया के अमीरों की सूची में 609वें से दूसरे स्थान पर पहुंचने के ख़िलाफ नहीं है. हम निस्संदेह सरकार द्वारा प्रायोजित निजी एकाधिकारों के ख़िलाफ हैं, क्योंकि वे जनता के हितों के विरुद्ध होते हैं. विशेष तौर पर हम टैक्स हेवन देशों से आपत्तिजनक संबंधों, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे एक खास व्यक्ति द्वारा हमारी अंतर्राष्ट्रीय सद्भावना और राष्ट्रीय संसाधनों का लाभ उठाते हुए एकाधिपत्य स्थापित करने के खिलाफ हैं. हम जानना चाहते हैं कि मोदी सरकार इस मुद्दे पर जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति बनाने से क्यों डर रही है, जबकि संसद के दोनों सदनों में उसका अच्छा बहुमत है. हम जानना चाहते हैं कि टैक्स हेवन देशों से संचालित होने वाली विदेशी शेल कंपनियों से भारत आने वाले काले धन का असली मालिक कौन है? क्या हुआ तेरा वादा, वो कसम वो इरादा ? काले धन पर प्रधानमंत्री के वादे का क्या हुआ?

वित्त मंत्री का मुंह से अडानी का नाम नहीं निकलता : सुप्रिया ने कहा कि वित्त मंत्री के मुंह से प्रधानमंत्री मोदी के उद्योगपति मित्र अडाणी का नाम तक नहीं निकलता. पीएम मोदी का गला सूखने लगता है. सेबी भी चुप है, क्योंकि सेबी के मेंबर अडानी के रिश्तेदार हैं. दुनिया के सबसे बड़े स्टॉक मार्केट में अडाणी को बाहर कर दिया, फिर भी प्रधानमंत्री मोदी और सरकार दोनों चुप हैं. लोकसभा में राहुल गांधी के बोलने के बाद डरे हुए नजर आए मोदी. सुप्रिया श्रीनेत ने मोदी-अडानी की कई तस्वीरें दिखाकर साधा जमकर निशाना. अडाणी की शेल कंपनियों से बाहर से आया पैसा, मोदी जी की कृपा से अडाणी बने दुनिया के दूसरे नंबर के आदमी. मोदी जी की कृपा से अडानी के लिए बदल दी जाती है नीति. पूरा देश अडानी से जुड़ा सच जानना चाहता है. अडानी की कंपनी में एसबीआई व एलआईसी से पैसा लगवाया गया. अडाणी के चलते लाखों लोगों को हुआ नुकसान. एनटीपीसी, पॉवर ग्रिड के स्टॉक्स बेचकर अडाणी की कंपनी में लगवाया जा रहा था. सरकार को राहुल गांधी के सवालों का जवाब देना चाहिए. सरकार बताए कि मोदी जी की किस-किस विदेश यात्रा पर अडाणी गए. सदन में मोदी-अडानी से जुड़े सवालों को प्रतिबंधित कर दिया गया. पीएम मोदी के बांग्लादेश, श्रीलंका, इजरायल दौरे के बाद अडाणी को कॉन्ट्रैक्ट मिल गया. देश के विकास में उधोगपतियों का बड़ा योगदान है, लेकिन अगर एक आदमी के लिए नियम बदल दिए जाएंगे तो सवाल जरूर उठेंगे.

यह भी पढ़ें : Adani Case in SC : अडाणी मामले पर केंद्र ने सीलबंद लिफाफे में दिया जवाब, कोर्ट ने कहा- नहीं स्वीकार करेंगे

लखनऊ : देश में बढ़ती महंगाई, उच्चतम बेरोजगारी और कुशासन की विफलताओं से जनता का ध्यान हटाने के लिए सरकार द्वारा प्रायोजित विभाजनकारी एजेंडे का दंश झेल रहे देशवासियों के साथ कांग्रेस पार्टी कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है. एक जिम्मेदार विपक्षी दल होने के नाते हम भाजपाई सत्ता के मित्र पूंजीपतियों को सरकारी खजाने की लूट की खुली छूट और प्रधानमंत्री से संबंधित इस पूरे अडानी महाघोटाले में हो रहे घोटालों से भी चिंतित हैं. इसलिए हम सरकार को उसकी जिम्मेदारी से भागने की इजाजत नहीं दे सकते और आज 'हम अडाणी के हैं कौन' शृंखला तहत देश के 23 प्रमुख शहरों में प्रेस वार्ता कर रहे हैं.

यह बातें कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रदेश पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कही. उन्होंने कहा कि एक आदमी के लिए मोदी सरकार ने इतने सारे नियम क्यों बदले. देश के एयरपोर्ट से लेकर पोर्ट तक ईडी और सीबीआई के बल पर एक आदमी को सौंप दिए गए. यह कौन से नियम के तहत किया जा रहा है. जहां देश में 11 हजार से अधिक एमएसएमई बंद हो गए. वहीं एक आदमी जो वर्ष 2014 में दुनिया के अमीर व्यक्तियों लिस्ट में 609 नंबर था वह 5 साल में दुनिया का दूसरा सबसे अमीर आदमी कैसे बन गया. ऐसे एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया गया.


सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि सरकार ने राहुल गांधी के सवालों और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के भाषण के अंशों को बेशक संसदीय कार्यवाही से हटा दिया हो, लेकिन भारत के लोग सब देख रहे हैं कि संसद में क्या हो रहा है. लोग जानना चाहते हैं कि सरकार संसदीय भाषणों का स्तर गिराने की कोशिश क्यों कर रही है और प्रधानमंत्री संसद में प्रासंगिक सवालों के जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं. देशवासी जानना चाहते हैं कि कैसे एक संदिग्ध साख वाला समूह, जिस पर टैक्स हेवन देशों से संचालित विदेशी शेल कंपनियों से संबंधों का आरोप है. भारत की संपत्तियों पर एकाधिपत्य स्थापित कर रहा है और इस सब पर सरकारी एजेंसियां या तो कोई कार्रवाई नहीं कर रही हैं या इन सब संदिग्ध गतिविधियों को ही सुगम बनाने में जुटी हैं. भारत के लोग बुद्धिमान हैं और वे मोदी जी और उनके मित्र पूंजीपतियों के बीच तालमेल को समझ सकते हैं. वे जानना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री ने एक मित्र पूंजीपति को विश्व के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बनाने में मदद क्यों की और वे इस गंभीर अंतर्राष्ट्रीय खुलासे पर चुप क्यों हैं?


सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि हम किसी व्यक्ति के दुनिया के अमीरों की सूची में 609वें से दूसरे स्थान पर पहुंचने के ख़िलाफ नहीं है. हम निस्संदेह सरकार द्वारा प्रायोजित निजी एकाधिकारों के ख़िलाफ हैं, क्योंकि वे जनता के हितों के विरुद्ध होते हैं. विशेष तौर पर हम टैक्स हेवन देशों से आपत्तिजनक संबंधों, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे एक खास व्यक्ति द्वारा हमारी अंतर्राष्ट्रीय सद्भावना और राष्ट्रीय संसाधनों का लाभ उठाते हुए एकाधिपत्य स्थापित करने के खिलाफ हैं. हम जानना चाहते हैं कि मोदी सरकार इस मुद्दे पर जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति बनाने से क्यों डर रही है, जबकि संसद के दोनों सदनों में उसका अच्छा बहुमत है. हम जानना चाहते हैं कि टैक्स हेवन देशों से संचालित होने वाली विदेशी शेल कंपनियों से भारत आने वाले काले धन का असली मालिक कौन है? क्या हुआ तेरा वादा, वो कसम वो इरादा ? काले धन पर प्रधानमंत्री के वादे का क्या हुआ?

वित्त मंत्री का मुंह से अडानी का नाम नहीं निकलता : सुप्रिया ने कहा कि वित्त मंत्री के मुंह से प्रधानमंत्री मोदी के उद्योगपति मित्र अडाणी का नाम तक नहीं निकलता. पीएम मोदी का गला सूखने लगता है. सेबी भी चुप है, क्योंकि सेबी के मेंबर अडानी के रिश्तेदार हैं. दुनिया के सबसे बड़े स्टॉक मार्केट में अडाणी को बाहर कर दिया, फिर भी प्रधानमंत्री मोदी और सरकार दोनों चुप हैं. लोकसभा में राहुल गांधी के बोलने के बाद डरे हुए नजर आए मोदी. सुप्रिया श्रीनेत ने मोदी-अडानी की कई तस्वीरें दिखाकर साधा जमकर निशाना. अडाणी की शेल कंपनियों से बाहर से आया पैसा, मोदी जी की कृपा से अडाणी बने दुनिया के दूसरे नंबर के आदमी. मोदी जी की कृपा से अडानी के लिए बदल दी जाती है नीति. पूरा देश अडानी से जुड़ा सच जानना चाहता है. अडानी की कंपनी में एसबीआई व एलआईसी से पैसा लगवाया गया. अडाणी के चलते लाखों लोगों को हुआ नुकसान. एनटीपीसी, पॉवर ग्रिड के स्टॉक्स बेचकर अडाणी की कंपनी में लगवाया जा रहा था. सरकार को राहुल गांधी के सवालों का जवाब देना चाहिए. सरकार बताए कि मोदी जी की किस-किस विदेश यात्रा पर अडाणी गए. सदन में मोदी-अडानी से जुड़े सवालों को प्रतिबंधित कर दिया गया. पीएम मोदी के बांग्लादेश, श्रीलंका, इजरायल दौरे के बाद अडाणी को कॉन्ट्रैक्ट मिल गया. देश के विकास में उधोगपतियों का बड़ा योगदान है, लेकिन अगर एक आदमी के लिए नियम बदल दिए जाएंगे तो सवाल जरूर उठेंगे.

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