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मौत पर राजनीति न करे सरकार, मृतक शिक्षकों के परिवार को दे मुआवजा: कांग्रेस

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Published : May 20, 2021, 1:33 PM IST

कांग्रेस का कहना है कि शिक्षकों की मौत पर प्रदेश सरकार राजनीति न करे और उनके परिवार को पूरा मुआवजा दे. सरकार की गलती से शिक्षकों ने अपने प्राण गंवाए हैं.

congress spokesperson anshu awasthi
कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी.

लखनऊ: पंचायत चुनाव के दौरान कोरोना से हुई शिक्षकों की मौत पर सरकार और शिक्षक संघ तो आमने सामने हैं ही, विपक्षी दल भी सरकार की तरफ से पेश किए गए आंकड़े से सहमत नहीं हैं. वे इसका लगातार विरोध जता रहे हैं और सरकार से शिक्षकों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग रहे हैं. कांग्रेस पार्टी ने भी सरकार से मृतकों को परिवारों को मुआवजा देकर न्याय देने की मांग की है. पार्टी की तरफ से कहा गया है कि जिन तीन शिक्षकों की मौत चुनाव ड्यूटी के दौरान कोरोना से होना सरकार बता रही है, सरासर गलत है. सरकार को इतना झूठ नहीं बोलना चाहिए.

कांग्रेस ने की मृतक शिक्षकों के परिवार को मुआवजा देने की मांग.
'सरकार की जिद से गई शिक्षकों की जान'

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने कहा है कि सरकार ऐसा कैसे कर सकती है? क्या शिक्षकों का जीवन महत्वपूर्ण नहीं था? दो हजार से ज्यादा शिक्षकों ने सरकार की गलती से अपने प्राणों की आहुति दे दी. भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव कराने की जिद की और कोरोना वायरस गांव-गांव पहुंच गया. यह शिक्षक अगर अपने घर पर रहते तो इनकी जान बच जाती. यह गलती तो सरकार की ही है. आज सरकार मुआवजा देने से बच रही है. उसमें भी आंकड़ेबाजी कर रही है. दो हजार से ज्यादा शिक्षकों ने अपनी जान गंवाई है. जिलाधिकारियों ने अगर रिपोर्ट नहीं दी तो क्या इसका मतलब शिक्षकों की मौत जाया जाएगी. सच्चाई यह है अगर शिक्षक बाहर न निकलते, चुनाव कराने न जाते तो उनकी जान बच जाती.

'संवेदनहीनता मत दर्शाइए'

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मेरा अनुरोध है कि इतनी निर्दयता और संवेदनहीनता मत दर्शाइए. जो भी दो हजार से ज्यादा शिक्षकों ने अपने प्राणों की आहूति इस लोकतंत्र के लिए दी है, उनको मुआवजा दीजिए ताकि उनके बच्चों का भरण- पोषण हो सके. उनका परिवार सकुशल चल सके.

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विरोधी दलों और सरकार में तनातनी

बता दें कि शिक्षक संघ लगातार दो हजार के करीब शिक्षकों की चुनाव के दौरान मौत का आंकड़ा बता रहा है, वहीं सरकार सिर्फ तीन शिक्षकों को ही कोरोना वायरस से मौत होना मान रही है. अब इस पर प्रदेश की सियासत गरमा गई है. शिक्षक संगठन और विभिन्न राजनीतिक दल एक तरफ खड़े हैं और सरकार एक तरफ.

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