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CM YOGI ने की संचारी रोगों की स्थिति की समीक्षा, हर अस्पताल के लिए नियुक्त होंगे नोडल अधिकारी

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 9, 2023, 5:41 PM IST

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में अपने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में संचारी रोगों की स्थिति की समीक्षा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए.

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लखनऊ : राजधानी में शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय अंतर्विभागीय बैठक की. इस दौरान उन्होंने संचारी रोगों की स्थिति की समीक्षा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि हर वर्ष अप्रैल, जुलाई, अक्टूबर में संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए अंतर्विभागीय समन्वय के साथ विशेष अभियान संचालित होता है. आगामी अक्टूबर महीने से इसका नवीन चरण प्रारंभ होना है. इसमें सरकारी प्रयास के साथ-साथ जनसहभागिता भी महत्वपूर्ण है. हमारे सामने अपना इंसेफेलाइटिस नियंत्रण और कोविड प्रबंधन के दो सफल मॉडल हैं, जो संचारी रोग अभियान में हमारे लिए उपयोगी होंगे. आज हर जिले में डेंगू जांच की सुविधा है. 15 नवम्बर तक का समय संचारी रोगों की दृष्टि से हमारे लिए संवेदनशील है.

CM YOGI ने की संचारी रोगों की स्थिति की समीक्षा
CM YOGI ने की संचारी रोगों की स्थिति की समीक्षा

सीएम योगी ने कहा कि 'हाल के दिनों में गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर नगर, मेरठ, मुरादाबाद जनपद डेंगू से प्रभावित रहे हैं. बुलंदशहर व संबल में डेंगू आउटब्रेक की स्थिति भी देखी गई, जबकि बरेली, सीतापुर, शाहजहांपुर, हरदोई, बदायूं, पीलीभीत और संभल में मलेरिया का असर रहा है. इसी तरह, प्रयागराज, कानपुर नगर, बाराबंकी, कुशीनगर, संत कबीरनगर, सहारनपुर व बस्ती में चिकनगुनिया की दृष्टि से संवेदनशील हैं. इन जिलों में विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि सभी सरकारी व निजी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में नए मरीजों की नियमित रिपोर्टिंग जरूर हो. प्रदेश के सभी पीएचसी, सीएचसी, जिला अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों के लिए जिलाधिकारी द्वारा एक-एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए. यह नोडल अधिकारी हर दिन सायंकाल अपने प्रभार के अस्पतालों की जांच कर व्यवस्था सुचारू बनाए रखें.'



सीएम योगी ने कहा कि 'पीएचसी, सीएचसी व अन्य अस्पतालों में तैनात पैरामेडिक्स नियमित रूप से अपनी सेवाएं जरूर दें. चिकित्सा व स्वास्थ्य व्यवस्था में अराजकता व अव्यवस्था फैलाने की कुत्सित करने वालों से पूरी कठोरता से निपटा जाए. जनपदों में आउटब्रेक्स की स्थिति पर नियंत्रण के लिए ठोस प्रयास किये जाने आवश्यक हैं. नगर विकास, ग्राम विकास एवं पंचायती राज विभाग मच्छरों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए फॉगिंग एवं लार्वीसाइडल स्प्रे कराई जाए. सुबह सैनीटाइज़ेशन व शाम को फॉगिंग का कार्य निरंतरता के साथ कराएं. जल भराव का निस्तारण कराएं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई हाई रिस्क क्षेत्रों की सूची में उल्लिखित समस्त क्षेत्रों में सतत वैक्टर नियंत्रण एवं संवेदीकरण गतिविधियां से संचालित की जाएं. शिक्षा विभाग द्वारा जनपद के समस्त विद्यालयों में नोडल अध्यापकों के माध्यम से विद्यार्थियों एवं अभिभावकों का संचारी रोगों के विषय में संवेदीकरण कराया जाए. संचारी रोगों से बचाव के उपाय यथा पूरी आस्तीन की कमीज, फुल लेंथ की पेंट इत्यादि का प्रयोग एवं मच्छरों के प्रजनन एवं काटने से बचाव के उपायों के विषय में संवेदीकरण किया जाना चाहिए. किसी क्षेत्र से बुखार प्रभावित छात्रों की सूचना प्राप्त होने पर स्थानीय फ्रंट लाइन वर्कर अथवा चिकित्सा अधिकारी को तत्काल जानकारी उपलब्ध कराई जाए.'



सीएम योगी ने कहा कि 'पशुपालन विभाग द्वारा सभी पशु बाड़ों की नियमित सफाई कराई जाए. पशुओं के पीने के लिए प्रयोग किए जाने वाले पात्रों के पानी में मच्छरों के प्रजनन की संभावना को समाप्त करने के लिए नियमित रूप से इस पानी को बदलना की कार्यवाही आवश्यक है. संचारी रोग अभियान की सफलता के लिए अंतर्विभागीय समन्वय महत्वपूर्ण आधार है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, मेडिकल एजुकेशन, ग्राम्य विकास, नगर विकास, महिला बाल विकास, कृषि, बेसिक माध्यमिक शिक्षा द्वारा अंतर्विभागीय समन्वय के साथ स्वच्छता और स्वास्थ्य सुरक्षा का ठोस प्रयास किया जाए. मरीजों के आवागमन के लिए एम्बुलेंस की पर्याप्त उपलब्धता रहें. एम्बुलेंस का रिस्पांस टाइम न्यूनतम रखा जाए. कम्युनिटी हेल्थ सर्विसेज को त्वरित आउटब्रेक रिस्पॉन्स के लिए प्रशिक्षण दिया जाए. त्वरित आउटब्रेक रिस्पॉन्स के लिए डिजीज सर्विलांस डेटा तंत्र का सुदृढ़ीकरण किया जाए. बरसात के दृष्टिगत नालों की सफाई करा ली जाए. सिल्ट जमा न हो, ताकि बारिश में जलभराव न हो. मलिन बस्तियों में साफ-सफाई की अत्यधिक आवश्यकता है. यहां नियमित फॉगिंग भी कराई जाए. सॉलिड वेस्ट प्रबंधन के लिए ठोस प्रयास करें. शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित हो. लोगों के सामने क्लोरीनेशन डेमो दिया जाए. पानी उबाल कर छानकर पीने की जानकारी दें. क्लोरीन की गोलियां वितरित की जाएं.'

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