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जातीय जनगणना और आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस चलाएगी मुहिम, सात जुलाई को दिल्ली में होगा बड़ा सम्मेलन

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Published : May 25, 2023, 5:48 PM IST

कर्नाटक चुनाव में मिली जीत से उत्साहित होकर कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में भी तैयारी शुरू कर दी है. गुरुवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री चंद्रजीत सिंह यादव की पुण्यतिथि के अवसर पर 'जातीय जनगणना कराओ-ओबीसी आरक्षण बढ़ाओ' सम्मेलन करके इसकी शुरुआत कर दी है.

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जानकारी देते उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश संगठन सचिव अनिल यादव .

लखनऊ : कर्नाटक चुनाव में मिली जीत से उत्साहित उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री चंद्रजीत सिंह यादव की पुण्यतिथि के अवसर पर 'जातीय जनगणना कराओ-ओबीसी आरक्षण बढ़ाओ' सम्मेलन का आयोजन किया. इस सम्मेलन के माध्यम से कांग्रेस पूरे प्रदेश में ओबीसी समाज के नेताओं और पदाधिकारियों में नया जोश भरने की तैयारी कर रही है. सम्मेलन में जातीय जनगणना कराकर ओबीसी आरक्षण बढ़ाए जानने की रणनीति तय किया गया. बैठक में तय हुआ कि प्रदेश भर में आगामी एक माह में मंडल सम्मेलन शुरू किया जाएगा. जिसमें जातीय जनगणना और ओबीसी आरक्षण बढ़ाने के लिए जिला व ब्लॉक लेवल पर आंदोलनों की रूपरेखा तय की जाएगी. सम्मेलन में मंडल व वार्ड नेताओं की जिम्मेदारी तय की गई. जातीय जनगणना और आरक्षण बढ़ाओ के लिए सड़क से सदन तक संघर्ष करने का खाका नेताओं ने तय किया.

कांग्रेस के सम्मेलन के मुद्दे.
कांग्रेस के सम्मेलन के मुद्दे.

आरक्षण बढ़ाने व जातियों की गिनती के समर्थन के लिए जारी होगा टोल फ्री नंबर : इस सम्मेलन में तय हुई कि पार्टी की ओर से पिछड़े समाज के मुद्दों को जानने के लिए टोल फ्री नंबर भी जारी किया जाएगा. इस टोल फ्री नंबर से पूरे प्रदेश में विधानसभा वार समर्थन जुटाया जाएगा. यह टोल फ्री नंबर को सोशल मीडिया और पम्पलेट्स व पोस्टर के माध्यम से पूरे प्रदेश में प्रसारित किया जाएगा. सम्मेलन में शामिल कांग्रेस को ओबीसी नेताओं ने कहा कि ओबीसी समाज की रीढ़ है. मेहनतकश जातियों में देश के निर्माण में अपना खून पसीना बहाया है. लेकिन मोदी और योगी सरकार में ओबीसी जातियों के अधिकारों के ऊपर डाका डाला जा रहा है. सम्मेलन में शामिल ओबीसी नेताओं ने कहा कि मोदी-योगी सरकार में शायद कोई भर्ती रही होगी. जिसमें वह भी समाज का हक मिल रहा हो. भाजपा पिछड़ों का वोट लेती तो है, पर उनका हक नहीं देती है. सम्मेलन में वक्ताओं ने कहा कि जातीय जनगणना के बगैर सामाजिक न्याय की अवधारणा को पूरा नहीं किया जा सकता. जातीय जनगणना न सिर्फ देश की एक मुकम्मल तस्वीर होगी बल्कि इससे लोकतंत्र को भी मजबूती मिलेगी. बैठक में आए नेताओं ने कहा कि जातीय गिनती और ओबीसी आरक्षण बढ़ाने को लेकर सड़क पर संघर्ष किया जाएगा. ट्विटर और फेसबुक पर जातीय जनगणना की बात करने वाले सियासी दल ओबीसी समाज को धोखा दे रहे हैं.

कांग्रेस सम्मेलन में लगी ओबीसी समाज के महापुरुषों की फोटो.
कांग्रेस सम्मेलन में लगी ओबीसी समाज के महापुरुषों की फोटो.

ओबीसी व दलित समाज के नेताओं को अपने साथ जोड़ेगी कांग्रेस : उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश संगठन सचिव अनिल यादव ने बताया कि कांग्रेस पार्टी पिछड़ों के आरक्षण व उनके हितों को लेकर लगातार संघर्ष करती रही है. इसी कड़ी में पार्टी आगामी 30 से 35 दिनों में प्रदेश के सभी 18 मंडल पर ब्लॉक स्तर लेवल पर संघर्ष की रणनीति तैयार करेगी. इस दौरान पार्टी ओबीसी व दलितों समाज के नेताओं व लोगों को अपने साथ जोड़ने का काम करेगी. साथ ही पार्टी मौजूदा समय में इन दोनों समुदाय के साथ हो रही अनदेखी का मुद्दा उठाएगी. उन्होंने बताया कि आगामी 7 जुलाई को दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे व राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी एक बड़ा पिछड़ा वर्ग का सम्मेलन आयोजित कर रही है. जिसमें पिछड़ों जाति जनगणना व उनके आरक्षण के मुद्दे को उठाया जाएगा. उससे पहले उत्तर प्रदेश में पिछड़ी जातियों व दलित जातियों से जुड़े मुद्दे को जानने के लिए कांग्रेस पार्टी योजनाबद्ध तरीके से काम करेगी.

ओबीसी समाज के महापुरुषों की तस्वीरों से सजाया गया हॉल : ओबीसी नेताओं की बैठक को लेकर कांग्रेस ने विशेष तैयारी की थी. पार्टी की ओर से प्रदेश मुख्यालय का मीडिया हॉल ओबीसी नेताओं और महापुरुषों के प्रतीकों व उनकी तस्वीरों से सजाया व संवरा गाया था. सम्मेलन में समाधन निषाद, रामनरेश कुशवाहा, संतराम बीए, शेख भिखारी साहेब, डा. गया प्रसाद कटियार, बुदु नोनिया, चैतू भर, मथानी लोहार, शीतल गडेरिया, शिवदयाल चौरसिया, अवन्तीबाई लोधी, सर छोटू राम, गुजर धन सिंह कोतवाल, भोदू अहीर, जैसे पिछड़े वर्ग के क्रांतिकारी, स्वतंत्रता सेनानियों की आदम कद तस्वीरें लगाई गयी. जिन्होंने आजादी के आंदोलनों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किया था. इसी रणनीती पर पार्टी आगामी दिनों में इन पिछड़े जाति के महापुरुषों के सहारे उनकी जातियों को गोलबंद करेगी. सम्मेलन में भाजपा द्वारा ओबीसी जातियों के महापुरुषों को साम्प्रदायिककरण करने के ख़िलाफ़ भी वैचारिक संघर्ष करने की प्रतिबद्धता जाहिर की गयी. बैठक में बियार, बिन्द, नोनिया, अर्कवंशी, निषाद, गद्दी, जुलाहा, फ़क़ीर, बंजारा, बारी, भुर्जी, रंगरेज, कुम्हार, काछी, राजभर, कश्यप, कोयरी, गरेडिया, अहीर, जाट, गुजर, कलार, कहार, कुर्मी, पढ़वा, तेली, कॉदू, राईन, सैफी, लोहार समेत 50 से अधिक जातियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.



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