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भाजपा को एक और झटका: कैबिनेट मिनिस्टर दारा सिंह चौहान ने भी दिया इस्तीफा

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Published : Jan 12, 2022, 3:48 PM IST

Updated : Jan 12, 2022, 4:45 PM IST

वन मंत्री दारा सिंह चौहान.
वन मंत्री दारा सिंह चौहान.

कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद योगी सरकार में वन मंत्री दारा सिंह चौहान ने भी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है.

लखनऊः विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी की एक और बड़ा झटका लगा है. कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद बुधवार को वन मंत्री दारा सिंह चौहान ने भी मंत्रिमंडल से अपना इस्तीफा भेज दिया है. दारा सिंह चौहान ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को अपना इस्तीफा भेजा है. भारतीय जनता पार्टी के लिए मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद यह एक और बड़ा झटका माना जा रहा है. दारा सिंह चौहान ने भी दलितों पिछड़ों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया है.

मंत्री दारा सिंह ने भाजपा से दिया इस्तीफा.

सपा के प्रतिनिधि ने राजभवन में रिसीव कराया दारा सिंह चौहान का इस्तीफा
दारा सिंह के प्रतिनिधि के तौर पर समाजवादी पार्टी के राहुल अवस्थी राजभवन में उनका इस्तीफा लेकर पहुंचे. उन्होंने राजभवन दफ्तर को मंत्री दारा सिंह चौहान का इस्तीफा रिसीव करा दिया. राजभवन में दारा सिंह का इस्तीफा लेकर पहुंचे रोहित शुक्ला ने 'ईटीवी भारत' से बात करते हुए बताया कि समाजवादी पार्टी की तरफ से दारा सिंह चौहान ने अपना इस्तीफा लेकर मुझे राजभवन भेजा. इस्तीफा रिसीव करा दिया गया है. दारा सिंह चौहान अखिलेश यादव से मुलाकात कर चुके हैं. अब वे समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं. उन्होंने बताया कि मंत्री दारा सिंह चौहान ने अपना इस्तीफा ई-मेल से भी राजभवन की मेल आईडी पर भेज दिया है.

दारा सिंह चौहान ने दिया इस्तीफा.
दारा सिंह चौहान ने दिया इस्तीफा.

भाजपा में पिछड़े, दलित, वंचितों की उपेक्षा की जा रही थी
वहीं, इस्तीफा देने के बाद मंत्री दारा सिंह चौहान ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि भाजपा सरकार में पिछड़े, दलित, वंचितों की उपेक्षा की जा रही थी. वह इसी बात को लेकर शुरू से भाजपा के लोगों से लड़ रहा था. उन्होंने कहा कि 'अपनी बात को कहता रहा, जिसे दलित वंचित समाज सहयोग से इतनी बड़ी सरकार बनी, इतना बड़ा बहुमत मिला उन्हें हम न्याय नहीं दे पाए. इसी से आहत होकर उन्होंने इस्तीफा दिया है. दारा सिंह ने कहा कि 'हमारे समाज के लोगों ने सम्मान देकर ताकत देकर बीजेपी को सरकार में लाया था. समाजवादी पार्टी में जाने के सवाल पर कहा कि हमारा समाज जैसा कहेगा वैसे निर्णय लूंगा.

  • परिवार का कोई सदस्य भटक जाये तो दुख होता है जाने वाले आदरणीय महानुभावों को मैं बस यही आग्रह करूँगा कि डूबती हुई नांव पर सवार होनें से नुकसान उनका ही होगा
    बड़े भाई श्री दारा सिंह जी आप अपने फैसले पर पुनर्विचार करिये

    — Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) January 12, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उपमुख्यमंत्री ने पुनर्विचार करने की दी सलाह
दारा सिंह के इस्तीफे के बाद उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट किया है कि 'परिवार का कोई सदस्य भटक जाये तो दुख होता है जाने वाले आदरणीय महानुभावों को मैं बस यही आग्रह करूँगा कि डूबती हुई नांव पर सवार होनें से नुकसान उनका ही होगा. बड़े भाई श्री दारा सिंह जी आप अपने फैसले पर पुनर्विचार करिये.

सपा में शामिल होने की संभावना
मंत्री दारा सिंह चौहान भी 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे. 5 साल सरकार में मंत्री रहे और अब जब विधानसभा चुनाव सूचना जारी हो चुकी है तो उन्होंने भी स्वामी प्रसाद मौर्य की तरह मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है. सूत्रों का कहना है कि मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ दारा सिंह चौहान भी समाजवादी पार्टी में शामिल होंगे और बीजेपी के कई अन्य मंत्री भी स्वामी प्रसाद मौर्य संपर्क में है. वह भी धीरे-धीरे मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी में शामिल होंगे. विधानसभा चुनाव से पहले मंत्री दारा सिंह चौहान का इस्तीफा भारतीय जनता पार्टी के लिए बड़ा झटका है. एक तरफ जहां स्वामी प्रसाद मौर्य को मनाने की कोशिश हो रही है, वही दारा सिंह चौहान का भी इस्तीफा बीजेपी के लिए बड़ा सियासी नुकसान साबित हो सकता है.

सपा और बसपा में भी रह चुके हैं
गौरतलब है कि दारा सिंह चौहान मूलरूप से आजमगढ़ जिले के गेलवारा गांव के रहने वाले हैं. इनकी गिनती बसपा के संस्थापक सदस्यों में होती है. कहा जाता है कि दारा सिंह राजनीति के ऐसे मंझे खिलाड़ी हैं जो हवा का रुख चुनाव से पहले ही भांप जाते हैं. दारा सिंह चौहान ने राजनीति की शुरूआत में ही अपना कर्मक्षेत्र मऊ के मधुबन क्षेत्र को बनाया. बसपा ने वर्ष 1996 में पहली बार उन्हें राज्यसभा भेजा. इसके बाद 2000 में वह सपा में शामिल हो गए. इसके बाद सपा ने उन्हें राज्यसभा भेजा. वर्ष 2007 के चुनाव से पहले वह फिर बसपा में शामिल हो गए. इसके बाद फिर बसपा ने 2009 में उन्हें राज्यसभा भेज दिया.

दो साल से भाजपा में हाशिए पर थे दारा सिंह
वर्ष 2012 के चुनाव में यूपी में सपा की सरकार बनी और मायावती सत्ता से बाहर हुईं तो फिर दारा का मोह बसपा से भंग हो गया और 2 फरवरी 2015 को वह बीजेपी में शामिल हो गए. दारा सिंह चौहान को बीजेपी ने पिछड़ी जाति प्रकोष्ठ का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया गया. इसके बाद वर्ष 2017 के चुनाव में मधुबन सीट से जीत हासिल कर दारा सिंह कैबिनेट मंत्री बन गए. पिछले 2 साल से दारा सिंह बीजेपी में हाशिए पर दिख रहे थे. यहां तक कि नवंबर 2021 में गृहमंत्री राज्य विश्वविद्यालय का लोकापर्ण करने के लिए आजमगढ़ आए तो कार्यक्रम में दारा सिंह को आमंत्रित नहीं किया गया था.

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7 साल का रहा दारा सिंह चौहान का भाजपा में सफर
उल्लेखनयी है कि दारा सिंह चौहान फरवरी 2015 को नई दिल्ली में तत्कालीन भारतीय पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की उपस्थिति में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे. भाजपा में शामिल होने के तुरंत बाद उन्हें भाजपा ओबीसी मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया और मधुबन निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया गया. उन्होंने मधुबन निर्वाचन क्षेत्र से 30,000 से अधिक मतों से चुनाव जीता और इस निर्वाचन क्षेत्र में पहली बार भाजपा जीती. यूपी में कैबिनेट मिनिस्टर बने और वन एवं जंतु मंत्रालय का मंत्री बनाया गया. लेकिन दारा सिंह चौहान लंबे समय से असंतुष्ट बताए जा रहे थे. उनके बारे में कहा जा रहा था कि वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से खुश नहीं है और उनके बताए गए कई काम ना होने की वजह से भी वह नाराज थे.

Last Updated :Jan 12, 2022, 4:45 PM IST
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