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यूपी में भी किसानों का हल्लाबोल, सड़क पर उतरे किसान

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Published : Nov 27, 2020, 11:10 AM IST

Updated : Nov 27, 2020, 2:30 PM IST

किसानों का प्रदर्शन
किसानों का प्रदर्शन

किसानों का प्रदर्शन आज भी जारी है और अब अधिक आक्रामक होता जा रहा है. पंजाब-हरियाणा से लेकर दिल्ली और UP तक किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. मेरठ और बागपत में किसानों ने सड़क जाम कर दिया है.

लखनऊ: यूपी के किसान भी कृषि बिल के विरोध में सड़कों पर उतरेंगे. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के एलान के बाद यूपी के किसान भी सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं. पंजाब-हरियाणा और दिल्ली के बाद अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी किसानों के प्रदर्शन का असर दिख रहा है. मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत में भी किसान सड़कों पर उतर गए हैं और हाइवे को जाम कर दिया गया है.

यमुना एक्सप्रेस वे पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

पुलिस हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारी
मथुरा में कृषि बिल का विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने हाइवे जाम कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया है. पांच सूत्री मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता धरने पर बैठे हुए हैं. भारतीय किसान यूनियन के सैकड़ों कार्यकर्ता यमुना एक्सप्रेस वे के सर्विस रोड पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं. जिला प्रशासन ने भी यमुना एक्सप्रेस वे पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. दमकल विभाग की तीन गाड़ियां आठ थानों का पुलिस फोर्स यमुना एक्सप्रेस वे पर मौजूद है. एसपी सुरक्षा श्रीश चंद ने बताया कि "करीब 10 किसानों को हिरासत लिया गया है. किसी भी कार्यकर्ता को कानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा. यमुना एक्सप्रेस वे पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं."

हिरासत में लिए गए कई प्रदर्शनकारी

बिजनौर नेशनल हाईवे किया जाम
बिजनौर में कृषि बिल और किसानों को दिल्ली ना घुसने देने पर भारतीय किसान यूनियन संगठन के बैनर तले सैकड़ों किसान दिल्ली पौड़ी 119 नेशनल हाईवे पर चक्का जामकर धरने पर बैठ गए हैं. नेशनल हाईवे जाम होने के कारण वाहनों की लंबी-लंबी कतारें सड़क पर लग गई है. पुलिस द्वारा रूट डायवर्ट कर लोगों को निकाला जा रहा है. भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष कुलदीप का कहना है कि केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार द्वारा लगातार किसानों का उत्पीड़न किया जा रहा है. कृषि बिल किसानों के हित में नहीं है. दिल्ली जा रहे किसानों पर पुलिस द्वारा उत्पीड़न किया जा रहा है. किसानों का साफ तौर से कहना है कि जब तक केंद्र सरकार द्वारा किसानों की मांग नहीं मानी जाती है. तब तक किसान वे सड़क पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे रहेंगे.

भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने विरोध प्रदर्शन का किया एलान

बागपत में हरियाणा बॉर्डर पर किसानों का चक्का जाम
बागपत में यूपी हरियाणा बॉर्डर पर भाकियू के कार्यकर्ताओं ने कोतवाली बागपत क्षेत्र में निवाड़ा चेकपोस्ट के पास यमुना नदी के पुल पर चक्का जाम कर दिया. भाकियू के आंदोलन की चेतावनी के बाद जनपद की सभी सीमाओं पर भारी पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है. विरोध प्रदर्शन के चलते एक्सप्रेस वे पर तीन किलोमीटर लंबा जाम लग गया है.

बागपत में धरने पर बैठे किसान
बागपत में धरने पर बैठे किसान

अमरोहा में 2 किलोमीटर लंबा जाम
अमरोहा में भारतीय किसान यूनियन के हजारों किसानों ने दिल्ली लखनऊ नेशनल हाईवे 9 को जाम कर दिया है. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विजय पाल सिंह ने कहा की "जब तक किसानों की मांग पूरी नहीं होती. तब तक हाईवे जाम रखेंगे और किसानों पर दिल्ली में पुलिस द्वारा जो लाठीचार्ज की गई हैं उसका खामियाजा केंद्र सरकार को भुगतना पड़ेगा. सरकार द्वारा लाया गया कृषि अध्यादेश बिल अब तक काला अध्यादेश बिल है.

अमरोहा में सड़क जाम कर धरने पर बैठे किसान
अमरोहा में सड़क जाम कर धरने पर बैठे किसान

संत कबीर नगर में तीखी नोकझोंक
शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने अपनी 7 सूत्रीय मांगों को लेकर खलीलाबाद मेहदावल रोड को जाम करते हुए प्रदर्शन किया. इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने जिला अधिकारी को प्रधानमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा. किसानों के प्रदर्शन के दौरान पुलिस और भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं में तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली. मांगे पूरी ना होने पर भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने वृहद आंदोलन की चेतावनी दी.भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष जनार्दन मिश्रा ने कहा कि अगर किसानों की मांग जल्द पूरा नहीं की गई तो किसान वृहद आंदोलन करने पर बाध्य होगा.

संत कबीर नगर में सड़क पर उतरे किसान
संत कबीर नगर में सड़क पर उतरे किसान

प्रयागराज में विरोध प्रदर्शन
प्रयागराज में अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा ने कृषि कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी किसानों की मांग है कि सरकार कृषि कानून को वापस ले. धान का रेट 1868 रूपये प्रति क्विंटल गारंटी करने और खेती की लागत कम करने ,पराली की सरकारी खरीद सुनिश्चित करने और पराली न जलाने का आदेश वापस लिया जाए. किसानों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहां कि यह खेती के पूरे संसाधन को घरेलू एवं विदेशी कारपोरेट को सौंपने की तैयारी का क्रम है.

प्रयागराज में सड़क पर उतरे किसान

किसानों और पुलिस के बीच संघर्ष
किसानों के प्रदर्शन के कारण एनसीआर में पहले से ही मेट्रो सेवा बाधित है और नोएडा से दिल्ली मेट्रो नहीं जा पा रही है. बता दें कि गुरुवार को पंजाब से चले किसानों का पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर पुलिस ने रोक दिया. इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच संघर्ष भी हुआ. दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर भी हालात तनावपूर्ण हैं. कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के 'दिल्ली चलो' आंदोलन को देखते हुए सिंघू बॉर्डर (हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर) पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं.

शुक्रवार सुबह किसान पुलिस द्वारा सारी रोक हटाकर रोहतक पहुंच गए, यहां रोहतक-दिल्ली हाईवे पर किसान इकट्ठा होना शुरू हो गए हैं. दूसरी ओर सोनीपत में भी किसानों और पुलिस में तनाव बढ़ गया है, किसानों का एक जत्था पानीपत-सोनीपत बॉर्डर पहुंच गया. किसानों ने यहां भी बैरिकेडिंग को हटाना शुरू कर दिया है.

Last Updated :Nov 27, 2020, 2:30 PM IST
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