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राज्यपाल ने बेस्ट स्टार्टअप बनाने वाले मेधावियों को किया सम्मानित, जानिए किसने क्या बनाया

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 26, 2023, 9:45 PM IST

Updated : Dec 26, 2023, 10:26 PM IST

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के दीक्षांत समारोह में पहली बार बेस्ट स्टार्टअप के लिए सम्मान परंपरा शुरू की. इस अवसर पर मुख्य अतिथि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने तीन कैटेगरी के मेधावियों को अवार्ड देकर सम्मानित किया.

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बेस्ट स्टार्टअप बनाने वाले मेधावियों से वरिष्ठ संवाददाता श्यामचंद्र सिंह की बातचीत.

लखनऊ : डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के 21वें दीक्षांत समारोह में पहली बार प्रदेश में उद्यमिता और नवाचार की संस्कृति विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए तीन स्टार्टअप को पुरस्कृत किया गया. विश्वविद्यालय ने पहली बार तीन कैटेगरी में स्टूडेंट्स के स्टार्टअप को सम्मानित किया. इनमें पहला अवार्ड बेस्ट वुमन लेड स्टार्टअप अवार्ड, दूसरा बेस्ट सोशल इंपैक्ट स्टार्टअप अवार्ड और तीसरा बेस्ट टेक इन्नोवेशन स्टार्टअप अवार्ड कैटेगरी में दिया गया. बेस्ट वुमन लेड स्टार्टअप अवार्ड के लिए स्टार्टअप कंपनी में महिला डायरेक्टर का 25% हिस्सेदारी होना जरूरी है. बेस्ट सोशल इंपैक्ट अवार्ड का चरण स्वास्थ्य, भारतीय भाषा, शिक्षा, जीवन शैली जैसे सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने वाले स्टार्टअप कंपनी को दिया गया. बेस्ट टेक इन्नोवेशन स्टार्टअप अवार्ड इनोवेशन पेटेंट तकनीकी विकसित कर वस्तुओं और सर्विस के क्षेत्र में डिजिटल सहयोग प्रदान करने वाले स्टार्टअप को दिया गया है.




बेस्ट टेक इनोवेशन स्टार्टअप अवार्ड : एमआईईटी में सीएस चौथे वर्ष में पढ़ाई कर रहे प्रशांत वर्मा और उनकी टीम को बेस्ट टेक इनोवेशन स्टार्टअप अवार्ड दिया गया. उन्होंने ‘पीवीएचकेआर’ साइबर सिक्योरिटी कंपनी बनाई है. उन्होंने साइबर शील्ड और डेटा ब्लॉकर प्रॉडक्ट बनाए हैं. साइबर शील्ड सॉफ्टवेयर की मदद से फिशिंग व साइबर स्पेस में मौजूद कुछ अन्य संदिग्ध गतिविधियों को रोका जा सकता है. इसके अलावा डेटा ब्लॉकर साफ्वेयर की मदद से व्यक्तिग डेटा के गलत उपयोग को रोका जाता है. कोई भी बिना अनुमति के डेटा का उपयोग किसी भी सर्चिंग साइड से काफी करके नहीं कर सकता है. प्रशांत ने बताया कि वह अपनी टीम के साथ स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों में जाकर स्टूडेंट्स को साइबर क्राइम से बचने के लिए अलर्ट भी करते हैं. इसके अलावा प्रशांत और उनकी टीम ने पुलिस की मदद भी साइबर क्राइम से जुड़े मामलों में की है. उनकी टीम में हरि, देवांशु, शिवम और अजय है. कंपनी का रेवेन्यू मौजूदा समय में 40 लाख रुपये है.


दिव्यांगजनों की मदद के लिए बनाए प्रोडक्ट : एआईटीएच से इलेक्ट्रॉनिक्स से बीटेक चौथे वर्ष के छात्र आदित्य सिंह ने दिव्यांगजनों के लिए दो प्रोडक्ट बनाए हैं. उन्होंने ऐसा स्टेलिवेटर बनाया है जो जीने पर लगाया जाता है. इसके स्टेलिवेटर की मदद से दिव्यांगजन जीने असानी से चढ़-उतर सकते हैं. दूसरा प्रोडक्ट ट्राइसाइकिल विथ क्रॉलर है. जिन दिव्यांगजनों का ट्राइसाइकल पर चढ़ने में दिक्कत होती है, वह क्रॉलर की मदद से ट्राइसाइकल पर बैठ सकते हैं. आदित्य की टीम में अमन,वैभव और रितिक है. दोनों प्रोडक्ट उन्होंने करीब डेढ़ लाख रुपये में तैयार किए है. उन्होंने अपनी कंपनी का नाम ईरेप्नीक्स प्राइवेट लिमिटेड रखा है. उन्हें दीक्षांत समारोह में गवर्नर ने बेस्ट सोशल इम्पैक्ट अवार्ड दिया है.

बेस्ट वुमन लेड स्टार्टअप अवार्ड दिया गया : आईईटी की आराधना कनौजिया बीटेक ईसी की तीसरे वर्ष की छात्रा हैं. उन्होंने वाइल लेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाई है. उन्होंने ऐसा सॉफ्टवेयर और ऐप बनाया है जो किसी भी वेबसाइट पर सर्च करने पर अनावश्यक कंटेट का फिल्टर करता है. उनकी एडटैक टक्नोलॉजी की मदद से स्टूडेंट अपने काम का कंटेट सर्च कर सकते हैं. इस कंपनी में आराधना का 28 प्रतिशित का शेयर है. उन्होंने बताया कि टीम में अंकित कुमार,आनंद मिश्रा और अनुराग हैं. उन लोगों को इस प्रोडक्ट को बनाने के लिए सरकार की ओर से ढाई लाख रुपये की आर्थिक सहायता भी मिली थी.

यूपी के पूर्व मुख्य सचिव आरके तिवारी को डिग्री.
यूपी के पूर्व मुख्य सचिव आरके तिवारी को डिग्री.

112 विद्यार्थियों को पीएचडी की डिग्री : डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के 21वें दीक्षांत समारोह में कुल 112 विद्यार्थियों को पीएचडी की डिग्री प्रदान की गई. इस बार की पीएचडी उपाधि में विश्वविद्यालय के लिए खास है, क्योंकि विश्वविद्यालय इस बार उत्तर प्रदेश सरकार में चीफ सेक्रेटरी रह चुके राजेंद्र कुमार तिवारी को भी मैनेजमेंट विषय से पीएचडी की उपाधि दी गई. राजेंद्र कुमार तिवारी 30 अगस्त 2019 से 30 दिसंबर 2021 तक उत्तर प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी के पद पर तैनात थे. वह भारतीय प्रशस्तिक सेवा के 1985 बैच के आईएएस ऑफिसर रहे हैं. उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार के साथ ही भारत सरकार के मिनिस्ट्री आफ एग्रीकल्चर एंड कारपोरेशन में भी जॉइंट सेक्रेटरी के पद पर काम किया है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार में हायर एजुकेशन, सेकेंडरी एजुकेशन, इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट, एग्रीकल्चर, इंफ्रास्ट्रक्चर, कमर्शियल, टैक्स, लेबर, आईटी सहित विभिन्न विभागों में भी रहे हैं. वह आगरा सुल्तानपुर और मिर्जापुर जैसे शहरों के जिला अधिकारी के पद रह चुके हैं.



आईआईटी कानपुर के रहे छात्र : यूपी के पूर्व मुख्य सचिव आरके तिवारी आईआईटी कानपुर और ससेक्स यूनिवर्सिटी यूके के पूर्व छात्र रह चुके है. डॉ. राजेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि उनकी पीएचडी का विषय 'उत्तर प्रदेश राज्य के संदर्भ में सार्वजनिक सेवा वितरण प्रणाली का एक अध्ययन' था. उन्होंने बताया कि इस शोध के दौरान उन्होंने 1000 से अधिक मौजूदा सर्विस जुड़े कर्मचारियों और 700 से अधिक अधिकारियों से बातचीत और सर्वेक्षण पर आधारित है. इस अध्ययन में सेवा वितरण की प्रभावशीलता और इस प्रक्रिया में प्राप्त समग्र सार्वजनिक संतुष्टि को मापने के लिए एक नया मॉडल सामने लाया है. यह शोध डॉ. एमके झा इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ कोऑपरेटिव मैनेजमेंट की देखरेख में किया गया है. उन्होंने कहा कि जीवन सीखने की एक सतत प्रक्रिया है और कभी न खत्म होने वाली यात्रा है. यह समाज, देश और दुनिया द्वारा उन्हें दिए गए महान अवसर और सम्मान का चुकाने का समय है. वह उत्तर प्रदेश राज्य और सरकार, उसके लोगों और अधिकारियों तथा अपने परिवार के सदस्यों के उस सहयोग के लिए आभारी हैं, जिसने उन्हें अपना शोध कार्य शुरू करने और पूरा करने में सक्षम बनाया.

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प्राविधिक विश्वविद्यालय अपने दीक्षांत समारोह में इस बार बेस्ट स्टार्टअप के लिए तीन अवार्ड देगा

Last Updated : Dec 26, 2023, 10:26 PM IST
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