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लोकबंधु अस्पताल में प्रस्तावित ट्रॉमा सेंटर पर लगी रोक, माल के 100 बेड के अस्पताल पर भी ब्रेक

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 8, 2024, 2:29 PM IST

लखनऊ में कानपुर रोड स्थित लोकबंधु अस्पताल में प्रस्तावित ट्रॉमा सेंटर के निर्माण के साथ माल में बनने वाले 100 बेड के अस्पताल पर भी ब्रेक लगा दिया गया है. यह रोक अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर शासन ने लगाई है.

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लखनऊ : कानपुर रोड स्थित लोकबंधु अस्पताल में प्रस्तावित ट्रॉमा सेंटर का निर्माण नहीं होगा. अधिकारियों का कहना है कि अस्पताल के आसपास के 10 दस किमी के दायरे में दो ट्रॉमा सेंटर का संचालन हो रहा है. ऐसे में तीसरे ट्रॉमा सेंटर की जरूरत नहीं है. उधर, माल में शुरू होने वाले 100 बेड के अस्पताल का काम भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.




लोकबंधु अस्पताल में प्रधानमंत्री जन विकास योजना के तहत ट्रॉमा सेंटर शुरू करने की कवायद शुरू हुई थी. इसके लिए खाका तैयार हो गया था. अस्पताल के पार्किंग एरिया वाले क्षेत्र में ट्रॉमा सेंटर निर्माण के लिए जमीन चिह्नित कर ली गई थी. करीब 50 बेड का ट्रॉमा सेंटर बनना था. इसके लिए 49 करोड़ रुपये की मांग करते हुए शासन को प्रस्ताव भेजा गया था. शासन ने नए ट्रॉमा सेंटर की कवायद पर रोक लगा दी है. इसी तरह माल में 100 बेड के अस्पताल के निर्माण के प्रस्ताव पर रोक लगाई है.


इधर, ट्रॉमा शुरू, पर भर्ती नहीं : जानकीपुरम ट्रॉमा सेंटर में मरीजों को इलाज के लिए अभी और इंतजार करना होगा. इसकी वजह यह है कि सीएमओ के यहां से डॉक्टर-मैनपावर की मांग भेजी गई थी, जो अभी पूरी नहीं हुई. ट्रॉमा संचालन के लिए ऑर्थो, जनरल सर्जन, न्यूरो, डेंटल, मेडिसिन के डॉक्टर तैनात किए जाने के लिए पत्र भेजा गया था. विशेषज्ञ न मिलने से ट्रॉमा में अभी ओपीडी का संचालन हो रहा है. यहां पर इमरजेंसी व मरीजों की भर्ती नहीं हो सकी है. यहां पर दो डॉक्टर व स्टॉफ की तैनाती हो सकी है.


ट्रॉमा पहुंचने में ही मरीजों की हालत हो जाती है खराब : बता दें, कानपुर रोड स्थित बंधु अस्पताल एक ऐसा अस्पताल है जहां पर आलमबाग, आशियाना, सरोजनी नगर, बंथरा, कृष्णानगर और अमौसी इत्यादि क्षेत्र के लोग इलाज के लिए पहुंचते हैं. यह एक ऐसा अस्पताल है जो शहर के दूसरे हिस्से में पड़ता है और एक घनी आबादी वहां पर इलाज करने के लिए जाती है. शहर की एक हिस्से से दूसरे हिस्से जाने में घंटों समय लगता है. इमरजेंसी में जो मरीज अस्पताल की इमरजेंसी में आता है और उसे अन्य जगहों पर किया जाता है तो ऐसे में लंबी ट्रैफिक जाम का सामना करते हुए मरीज को केजीएमयू ट्रामा सेंटर जाना पड़ता हैं. कई केसों में ट्रामा सेंटर पहुंचने से पहले ही मरीजों ने एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया.

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