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अभियुक्त तौफीक अहमद की जमानत अर्जी खारिज, हनुमान मंदिर में मूर्ति तोड़ने का मामला

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Published : Nov 17, 2022, 10:04 PM IST

सीबीआई के विशेष जज मनोज पांडेय ने ‘लेटे हुए हनुमान जी मंदिर’ के प्रांगण में स्थापित शनिदेव व धर्मध्वज के नीचे स्थापित कपिध्वज हनुमान जी विग्रह को खंडित करने के मामले में निरुद्ध अभियुक्त तौफीक अहमद की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने प्रथम दृष्टया अभियुक्त के अपराध को गंभीर करार देते हुए कहा है कि इस घटना से साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता था. जिससे कानून व्यवस्था की गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाती. लिहाजा अर्जी स्वीकार करने योग्य नहीं है.

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लखनऊ : सीबीआई के विशेष जज मनोज पांडेय (Special CBI Judge Manoj Pandey) ने ‘लेटे हुए हनुमान जी मंदिर’ के प्रांगण में स्थापित शनिदेव व धर्मध्वज के नीचे स्थापित कपिध्वज हनुमान जी विग्रह को खंडित करने के मामले में निरुद्ध अभियुक्त तौफीक अहमद की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने प्रथम दृष्टया अभियुक्त के अपराध को गंभीर करार देते हुए कहा है कि इस घटना से साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता था. जिससे कानून व्यवस्था की गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाती. लिहाजा अर्जी स्वीकार करने योग्य नहीं है.


इस मामले की एफआईआर सात सितंबर 2022 को थाना चौक में दर्ज हुई थी. इसके अगले ही दिन अभियुक्त को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था. सरकारी वकील अशोक त्रिपाठी (Government Advocate Ashok Tripathi) ने अभियुक्त की जमानत अर्जी का विरोध किया. उनका कहना था कि इसे मंदिर परिसर में ही श्रद्धालुओं ने पकड़ लिया था. मंदिर में लगे सीसीटीवी फुटेज के अवलोकन से भी अभियुक्त का अपराध उजागर है. अभियुक्त ने पूछने पर अपना गलत नाम भी बताया थ.यदि अभियुक्त जमानत पर रिहा किया गया, तो साक्ष्य को प्रभावित कर सकता है.


कमीशन एंजेट की जमानत अर्जी खारिज : भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज अजय श्रीवास्तव (Ajay Srivastava, Special Judge, Prevention of Corruption Act) ने प्लाट बुक करने के एवज में लिए गए लाखों की रकम हड़पने के मामले में निरुद्ध अभियुक्त महेंद्र सिंह टुटेजा की जमानत अर्जी खारिज कर दिया है. कोर्ट ने प्रथम दृष्टया अपराध को गंभीर करार दिया है. इस मामले की एफआईआर मेसर्स बिग सिटी ग्रीन रेजीडेंसी के प्रबंध निदेशक अभिषेक द्विवेदी ने थाना विभूतिखंड में दर्ज कराई थी. आरोप है कि अभियुक्त इस कम्पनी में कमीशन एंजेट के रूप में नियुक्त हुआ था. यह कंपनी आसान किस्तों पर भूखंड उपलब्ध कराती थी. इसने प्लाट के एवज में लोगों से करीब 27 लाख की रकम ली, लेकिन उसे कंपनी में जमा न कर हड़प लिया.

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