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सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो अयोध्या जमीन खरीद मामले की जांच: मायावती

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Published : Dec 23, 2021, 12:56 PM IST

Updated : Dec 23, 2021, 1:40 PM IST

यूपी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी बसपा प्रमुख मायावती ने गुरुवार को राजधानी लखनऊ में पदाधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए मायावती ने कहा कि अयोध्या जमीन खरीद मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में होनी चाहिए.

मायावती
मायावती

लखनऊ: बसपा प्रमुख मायावती ने अयोध्या जमीन खरीद मामले में बयान दिया है. जहां उन्होंने जमीन खरीद मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में करने की मांग की है. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियों में जुटी बसपा प्रमुख मायावती ने गुरुवार को राजधानी लखनऊ में पदाधिकारियों के साथ बैठक की.

यूपी विधानसभा का चुनाव 2022 में होना हैं. ऐसे में बसपा प्रमुख मायावती भी सक्रिय हो गई हैं. उन्होंने 9 अक्टूबर को कांशीराम की पुण्यतिथि पर लखनऊ में बड़ी रैली कर चुनावी शंखनाद फूंका था. लखनऊ में जुटी भारी भीड़ ने विपक्षी पार्टियों को चिंतन में डाल दिया. वहीं अब पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा सुरक्षित सीटों पर मंडलवार जनसभाएं कर रहे हैं. उधर, बसपा अध्यक्ष मायावती हर सीट पर बूथ लेवल तक की रिपोर्ट तलब कर संगठन का ढांचा दुरुस्त कर रही हैं. गुरुवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय पर पदाधिकारियों संग बैठक की. इसमें 18 मंडलों के कॉर्डिनेटर, 75 जिलों के अध्यक्षों की क्लास ली. जिसमें सभी 403 विधानसभा सीटों की समीक्षा की गई.

जानकारी देती मायावती.

मायावती ने कहा कि अगले वर्ष की शुरुआती माह में चुनाव होने वाले हैं. इस दौरान पदाधिकारियों को बूथ लेवल तक सभी तैयारियां पुख्ता करने के लिए सप्ताह भर का वक्त दिया है. जिसमें हीलाहवाली करने वाले पदाधिकारियों पर कार्रवाई होगी.

'मतदाता कार्ड को आधार से जोड़ने पर चर्चा की कमी'

मायावती ने कहा कि मतदाता कार्ड को आधार से जोड़ने का मामला गंभीर है. ऐसे में केंद्र सरकार को इस पर सदन में विस्तृत चर्चा करनी चाहिए. जल्दबाजी में बिल पास कराना उचित नहीं है.

'चुनावी हार की घबराहट में भाजपा-सपा'
मायावती ने कहा की भाजपा और सपा दोनों 300 से 400 सीट जीतने का दावा कर रही हैं. वहीं भाजपा जहां जल्दबाजी में उद्घाटन और शिलान्यास में जुटी है. उसके बड़े-बड़े नेता राज्य में दौरा भी कर रहे हैं. यह उनकी(बीजेपी) घबराहट हार को दर्शाती है. उधर सपा 400 सीट जीत का दावा कर रही है. उनके नेता दिन-रात रैली कर रहे हैं. इस बात से उनकी भी घबराहट का अंदाजा लगाया जा सकता है. जबकि बसपा कार्यकर्ता बूथ लेवल तक अपनी तैयारियों में जुटे हैं. बसपा की ही सरकार बनना तय है. हिंदू-मुस्लिम की राजनीति कर रहे पार्टियों को लेकर बसपा कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर जागरूक करेंगे.

जनता को किया आगाह, सपा को बताया गुंडों की पार्टी
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि राजनीति पार्टियां बाबा साहेब के योगदान को दरकिनार करती रहीं हैं. अब राजनीतिक हित साधने के लिए दिखावटी सम्मान कर रही हैं. वहीं अभी चुनाव हुआ नहीं सपा विजय यात्रा निकाल रही है. उनके कार्यकर्ताओं ने गुंडई शुरू कर दी है. चंदौली में पुलिसकर्मी की पिटाई इसका उदाहरण है. लिहाजा, जनता गुंडागर्दी करने वाली पार्टी से सावधान रहें.

यूपी-उत्तराखंड में सरकार बनाने का दावा
मायावती ने कहा कि बसपा यूपी और उत्तराखंड में अपने दम पर सरकार बनाएगी. वहीं, पंजाब में अकाली दल के साथ गठबंधन की सरकार बनेगी. यूपी में दलितों पर अत्याचार हो रहा है, लेकिन सरकार मौन है.

कांशीराम की पुण्यतिथि पर विपक्षियों पर बरसी थीं मायावती

9 अक्टूबर को कांशीराम की पुण्यतिथि पर जुटी भीड़ बसपा की चुनावी रैली में तब्दील हो गई थी. इस दौरान बसपा प्रमुख मायावती ने भाजपा, सपा, कांग्रेस पर जमकर हमला बोलाथा. साथ ही बसपा सरकार के कार्यों व कानून व्यवस्था की उपलब्धियों को भी गिनाया था.

'सर्वजन हिताय के आधार पर होगा काम'
मायावती ने कहा कि कई पन्नों का फोल्डर शहर, कस्बा, गांव में वितरित किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार बनने पर गरीब, मजदूर, महिला, युवा, व्यापारी, छात्रों को ध्यान में रखकर बसपा काम करेगी. सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय ही बसपा की नीति है.

28-29 नवंबर से शुरू होंगे महिला सम्मेलन
बसपा के बंद महिला सम्मेलन फिर से शुरू होंगे. यह 28 या 29 नवंबर से शुरू करने पर विचार हैं. यह हर मंडलवार कर महिलाओं को जोड़कर पार्टी का जनाधार बढ़ाया जाएगा. इसकी कमान कल्पना मिश्रा संभालेंगी. यह राज्य के 18 मंडलों में होगा. इसमें जिले से भी महिला कार्यकर्ता जुटेंगी.

जिताऊ उम्मीदवार पर पार्टी लगाएगी दांव पर
बसपा की भी अंदरूनी तैयारियां जारी हैं. पार्टी में सत्ताधारी भाजपा को टक्कर देने के लिए रणनीति बन रही है. ऐसे में पार्टी अपने पुराने सोशल इंजीनियरिंग फार्मूले पर फोकस करेगी. साथ ही, टिकट बंटवारे में विधानसभा वार सामाजिक-जातीय संतुलन साध कर जिताऊ प्रत्याशी पर दांव लगाएगी.

अंतिम सप्ताह में पहली लिस्ट
यूपी में विधानसभा की 403 सीटें हैं. इन पर बसपा के विधानसभा प्रभारी घोषित किए गए हैं. यह जनता से संपर्क साध रहे हैं. जोनल कॉर्डिनेटर, प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश महासचिव कई विधानसभा प्रभारियों को उनके क्षेत्र में बतौर प्रत्याशी उतार चुके हैं. पार्टी सूत्रों के मुताबिक 70 फीसद टिकट विधान सभा प्रभारियों को ही मिलेंगे. अब तक 120 के करीब विधानसभा प्रभारी बतौर प्रत्याशी मैदान में कूद चुके हैं. वहीं, आधिकारिक घोषणा बसपा प्रमुख करेंगी. नवंबर अंतिम सप्ताह में आने वाली पहली लिस्ट में 160 से 180 नाम घोषित होने की उम्मीद है. वहीं लखनऊ जिले की विभिन्न सीटों से बसपा के सरवर मलिक, कायम रजा, जलीस खान, देवेन्द्र पासी, सलाउद्दीन सिद्दीकी बतौर प्रत्यशी जनसंपर्क साध रहे हैं.

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Last Updated : Dec 23, 2021, 1:40 PM IST
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