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फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट की प्रवेश परीक्षा कराने से एकेटीयू ने किया मना, जानिए क्या है वजह

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Published : Dec 16, 2022, 5:51 PM IST

एकेटीयू ने साफ किया है कि हम फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट की प्रवेश परीक्षा नहीं करा सकते हैं. विश्वविद्यालय का कहना है कि जब हम खुद के कोर्सेज के लिए प्रवेश परीक्षा नहीं कराते तो फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट के कैसे करा सकते हैं.

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लखनऊ : लखनऊ में बंद फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट (Forensic Science Institute) में अगले सत्र से क्लास शुरू हो जाएंगी. इसके लिए डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (Dr. APJ Abdul Kalam Technical University) को प्रवेश परीक्षा की जिम्मेदारी सौंपी. इस पर एकेटीयू ने साफ किया है कि हम फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट की प्रवेश परीक्षा नहीं करा सकते हैं. विश्वविद्यालय का कहना है कि जब हम खुद के कोर्सेज के लिए प्रवेश परीक्षा नहीं कराते तो फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट के कैसे करा सकते हैं.

ज्ञात हो कि मंगलवार को गृह विभाग के कमांड सेंटर बोर्ड आफ गवर्नेंस बॉडी (Command Center Board of Governance Body of Home Department) की चौथी बैठक में फिंगर प्रिंटिंग विभाग को इस ग्रुप से जोड़ने का निर्णय लिया गया. बैठक में उत्तर प्रदेश फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट में छात्रों के दाखिले की प्रक्रिया प्राविधिक विश्वविद्यालय से कराने मुहर लगी. इसके अलावा बैठक में इंस्टीट्यूट में बाकी रह गए निर्माण कार्य को पूरा कराने के साथ ही रिक्रूटमेंट प्रक्रिया को जल्दी पूरा करने का निर्देश दिया गया था.

फॉरेंसिक साइंस इंस्टिट्यूट को लिखेंगे लेटर : एकेटीयू के कुलपति प्रो. पीके मिश्र (AKTU Vice Chancellor Prof. PK Mishra) ने बताया कि दो साल से एकेटीयू ने राज्य प्रवेश परीक्षा नहीं करा रहा है. विश्वविद्यालय खुद जेईई और दूसरे राष्ट्रीय स्तर के प्रवेश परीक्षा के माध्यम से अपने बीटेक सहित विभिन्न विषयों के प्रवेश को पूरा कर आता है. ऐसे में हम किसी दूसरे संस्थान के सीटों को बढ़ने के जिम्मेदारी नहीं ले सकते.

कुलपति ने बताया (Vice Chancellor told) कि इस संबंध में फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर (Director of Forensic Science Institute) को पत्र भेजकर अवगत करा दिया जाएगा ताकि वह अपने सीटों पर प्रवेश के लिए वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार कर सकते. मंगलवार को हुई बैठक के दौरान अगले शैक्षिक सत्र में तीन पाठ्यक्रम शुरू करने पर सहमति बनी. इसमें एमएससी फॉरेंसिक साइंस, पीजी डिप्लोमा इन फॉरेंसिक डॉक्यूमेंट एग्जामिनेशन और पीजी डिप्लोमा इन साइबर सिक्योरिटी कोर्सेज शामिल हैं. इन पाठ्यक्रमों की फीस शैक्षिक योग्यता और सीटों की संख्या पर चर्चा हुई. इस दौरान बताया गया कि एकेडमिक कार्य के लिए प्रस्तावित 94 पदों के मुकाबले पहले चरण में 29 पद भरे जाने हैं.

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