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प्रोफेसर विनीत कंसल ने आईईटी के निदेशक का कार्यभार संभाला, जानिए कैसे पलटा आदेश

आईईटी के निदेशक रहे प्रोफेसर विनीत कंसल ने शुक्रवार को दोबारा कार्यभार संभाल लिया है. एकेटीयू प्रशासन ने अपने आदेश में कहा है कि कुलाधिपति द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में डॉ. कंसल को दोबारा से सभी प्रभाव एवं लंबित लाभों सहित निदेशक के पद पर नियुक्ति दी जाती है.

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Published : May 18, 2023, 10:11 PM IST

Updated : May 19, 2023, 8:26 PM IST

लखनऊ : डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के घटक संस्थान इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (आईईटी) हटाए गए निदेशक प्रोफेसर विनीत कंसल ने शुक्रवार को दोबारा से संस्थान के निदेशक के पद का कार्यभार ग्रहण कर लिया. बीते 10 जनवरी को पूर्व कुलपति प्रोफेसर पीके मिश्रा ने डॉ. विनीत कंसल को अहर्ता पूरी न करने के मामले में कार्यपरिषद की बैठक में मामला रखकर उन्हें उनके पद से हटा दिया था. गुरुवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कार्य परिषद के आदेश को पलटते हुए 10 जनवरी 2023 को हुए सभी आदेश को निरस्त कर दिया. इसके बाद शुक्रवार को प्रोफेसर विनीत कंसल ने दोबारा से आईईटी के निदेशक पद का चार्ज ले लिया है.

प्रोफेसर विनीत कंसल ने आईईटी के निदेशक का कार्यभार संभाला, जानिए कैसे पलटा आदेश
प्रोफेसर विनीत कंसल ने आईईटी के निदेशक का कार्यभार संभाला, जानिए कैसे पलटा आदेश


राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 29 पन्नों के आदेश में प्रोफेसर विनीत कंसल को सस्पेंड करने के आदेश को निरस्त करते हुए उन्हें बहाल करने का निर्देश दिया था. राज्यपाल ने अपने आदेश में कहा है कि 10 जनवरी 2023 के संबंध में प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल, समीर गुप्ता व महेश मुंजाल के ईमेल का संदर्भ लेने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि कार्यपरिषद की बैठक के लिए अनिवार्य संख्या यानी कोरम उपलब्ध नहीं था. अन्यथा उनका सुझाव है कि शुचिता एवं पारदर्शिता को दृष्टिगत रखते हुए 10 जनवरी 2023 को कार्यपरिषद को निरस्त करते हुए बैठक किया जाना नियम संगत नहीं है. राज्यपाल के इस आदेश के बाद उस कार्य परिषद में पास हुए सभी निर्णयों को डिसक्वालीफाई करते हुए प्रोफेसर कंसल को आईआईटी का निदेशक पद का कार्यभार दोबारा दे दिया गया.

प्रोफेसर विनीत कंसल ने आईईटी के निदेशक का कार्यभार संभाला, जानिए कैसे पलटा आदेश
प्रोफेसर विनीत कंसल ने आईईटी के निदेशक का कार्यभार संभाला, जानिए कैसे पलटा आदेश
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के आदेश के बाद एकेटीयू प्रशासन ने डॉ. विनीत कंसल को आईईटी निदेशक के पद पर दोबारा से कार्यभार ग्रहण करा दिया है. विश्वविद्यालय ने अपने आदेश में कहा है कि कुलाधिपति द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में डॉ. कंसल को दोबारा से सभी प्रभाव एवं लंबित लाभों सहित निदेशक के पद पर नियुक्ति दी जाती है. 10 जनवरी 2023 को कार्यपरिषद की बैठक में पूर्व कुलपति प्रो. पीके मिश्रा ने डॉ. विनीत कंसल को अहर्ता पूरी न करने के बावजूद आईईटी में नियुक्ति देने के मामले को सही बताते हुए उन्हें उनके पद से हटा दिया था. डॉ. कंसल पर आरोप था कि वह मैनेजमेंट फील्ड से है. जबकि आईईटी के निदेशक पद पर प्राविधिक क्षेत्र के व्यक्ति को ही निदेशक पद की नियुक्ति दी जा सकती है.
आईईटी के निदेशक रहे प्रोफेसर विनीत कंसल को निलंबित करने का आदेश गलत.
आईईटी के निदेशक रहे प्रोफेसर विनीत कंसल को निलंबित करने का आदेश गलत.

प्रोफेसर विनीत कंसल पर नियम विरुद्ध नौकरी पाने का था आरोप

एकेटीयू के तत्कालीन कुलपति रहे प्रोफेसर पीके मिश्रा ने 10 जनवरी 2023 को कार्यपरिषद की बैठक में प्रो. विनीत कंसल के नियुक्ति का मामला रखा था. इसमें कार्यपरिषद में निर्णय लिया गया था कि प्रो. कंसल प्रोफेसर कंसल की अहर्ता नहीं होने के बाद भी उन्हें गलत तरीके से आईआईटी में नियुक्ति प्रदान किया गया था. अपने ऊपर हुए कार्रवाई के बाद प्रोफेसर विनीत कंसल ने पूर्व कुलपति पीके मिश्रा पर गंभीर आरोप लगाते हुए पूरे मामले की शिकायत राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से किया था. इसके बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 16 जनवरी 2023 को इस पूरे मामले पर जांच कमेटी बैठा दिया था. ज्ञात हो कि प्रोफेसर कंसल पर आरोप लगाया गया था कि वह मैनेजमेंट फील्ड के विशेषज्ञ हैं और उन्हें प्राविधिक फील्ड में गलत तरीके से नौकरी प्रदान की गई थी. जबकि आईटी में निदेशक का प्राविधिक शिक्षा से होना अनिवार्य है.


कार्य परिषद की मीटिंग ही गलत


राजभवन की ओर से गठित की गई जांच कमेटी ने अपनी जांच में माना है कि 10 जनवरी 2023 को हुए कार्य परिषद की बैठक में जो कोरम होना चाहिए. वह पूरा नहीं था. ऐसे में उस बैठक में लिए गए सारे निर्णय निरस्त किए जाने चाहिए. ऐसे में राजपाल ने 10 जनवरी को हुए सभी कार्य परिषद की बैठक के निर्णय को अमान्य घोषित कर दिया गया है. जिसके बाद से प्रो. विनीत कंसल के निलंबन की कार्रवाई को भी निरस्त माना रहा है.


यह भी पढ़ें : डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी में अप्लाइड इंजीनियरिंग रिसर्च का मिलेगा मौका : कुलपति

लखनऊ : डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के घटक संस्थान इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (आईईटी) हटाए गए निदेशक प्रोफेसर विनीत कंसल ने शुक्रवार को दोबारा से संस्थान के निदेशक के पद का कार्यभार ग्रहण कर लिया. बीते 10 जनवरी को पूर्व कुलपति प्रोफेसर पीके मिश्रा ने डॉ. विनीत कंसल को अहर्ता पूरी न करने के मामले में कार्यपरिषद की बैठक में मामला रखकर उन्हें उनके पद से हटा दिया था. गुरुवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कार्य परिषद के आदेश को पलटते हुए 10 जनवरी 2023 को हुए सभी आदेश को निरस्त कर दिया. इसके बाद शुक्रवार को प्रोफेसर विनीत कंसल ने दोबारा से आईईटी के निदेशक पद का चार्ज ले लिया है.

प्रोफेसर विनीत कंसल ने आईईटी के निदेशक का कार्यभार संभाला, जानिए कैसे पलटा आदेश
प्रोफेसर विनीत कंसल ने आईईटी के निदेशक का कार्यभार संभाला, जानिए कैसे पलटा आदेश


राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 29 पन्नों के आदेश में प्रोफेसर विनीत कंसल को सस्पेंड करने के आदेश को निरस्त करते हुए उन्हें बहाल करने का निर्देश दिया था. राज्यपाल ने अपने आदेश में कहा है कि 10 जनवरी 2023 के संबंध में प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल, समीर गुप्ता व महेश मुंजाल के ईमेल का संदर्भ लेने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि कार्यपरिषद की बैठक के लिए अनिवार्य संख्या यानी कोरम उपलब्ध नहीं था. अन्यथा उनका सुझाव है कि शुचिता एवं पारदर्शिता को दृष्टिगत रखते हुए 10 जनवरी 2023 को कार्यपरिषद को निरस्त करते हुए बैठक किया जाना नियम संगत नहीं है. राज्यपाल के इस आदेश के बाद उस कार्य परिषद में पास हुए सभी निर्णयों को डिसक्वालीफाई करते हुए प्रोफेसर कंसल को आईआईटी का निदेशक पद का कार्यभार दोबारा दे दिया गया.

प्रोफेसर विनीत कंसल ने आईईटी के निदेशक का कार्यभार संभाला, जानिए कैसे पलटा आदेश
प्रोफेसर विनीत कंसल ने आईईटी के निदेशक का कार्यभार संभाला, जानिए कैसे पलटा आदेश
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के आदेश के बाद एकेटीयू प्रशासन ने डॉ. विनीत कंसल को आईईटी निदेशक के पद पर दोबारा से कार्यभार ग्रहण करा दिया है. विश्वविद्यालय ने अपने आदेश में कहा है कि कुलाधिपति द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में डॉ. कंसल को दोबारा से सभी प्रभाव एवं लंबित लाभों सहित निदेशक के पद पर नियुक्ति दी जाती है. 10 जनवरी 2023 को कार्यपरिषद की बैठक में पूर्व कुलपति प्रो. पीके मिश्रा ने डॉ. विनीत कंसल को अहर्ता पूरी न करने के बावजूद आईईटी में नियुक्ति देने के मामले को सही बताते हुए उन्हें उनके पद से हटा दिया था. डॉ. कंसल पर आरोप था कि वह मैनेजमेंट फील्ड से है. जबकि आईईटी के निदेशक पद पर प्राविधिक क्षेत्र के व्यक्ति को ही निदेशक पद की नियुक्ति दी जा सकती है.
आईईटी के निदेशक रहे प्रोफेसर विनीत कंसल को निलंबित करने का आदेश गलत.
आईईटी के निदेशक रहे प्रोफेसर विनीत कंसल को निलंबित करने का आदेश गलत.

प्रोफेसर विनीत कंसल पर नियम विरुद्ध नौकरी पाने का था आरोप

एकेटीयू के तत्कालीन कुलपति रहे प्रोफेसर पीके मिश्रा ने 10 जनवरी 2023 को कार्यपरिषद की बैठक में प्रो. विनीत कंसल के नियुक्ति का मामला रखा था. इसमें कार्यपरिषद में निर्णय लिया गया था कि प्रो. कंसल प्रोफेसर कंसल की अहर्ता नहीं होने के बाद भी उन्हें गलत तरीके से आईआईटी में नियुक्ति प्रदान किया गया था. अपने ऊपर हुए कार्रवाई के बाद प्रोफेसर विनीत कंसल ने पूर्व कुलपति पीके मिश्रा पर गंभीर आरोप लगाते हुए पूरे मामले की शिकायत राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से किया था. इसके बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 16 जनवरी 2023 को इस पूरे मामले पर जांच कमेटी बैठा दिया था. ज्ञात हो कि प्रोफेसर कंसल पर आरोप लगाया गया था कि वह मैनेजमेंट फील्ड के विशेषज्ञ हैं और उन्हें प्राविधिक फील्ड में गलत तरीके से नौकरी प्रदान की गई थी. जबकि आईटी में निदेशक का प्राविधिक शिक्षा से होना अनिवार्य है.


कार्य परिषद की मीटिंग ही गलत


राजभवन की ओर से गठित की गई जांच कमेटी ने अपनी जांच में माना है कि 10 जनवरी 2023 को हुए कार्य परिषद की बैठक में जो कोरम होना चाहिए. वह पूरा नहीं था. ऐसे में उस बैठक में लिए गए सारे निर्णय निरस्त किए जाने चाहिए. ऐसे में राजपाल ने 10 जनवरी को हुए सभी कार्य परिषद की बैठक के निर्णय को अमान्य घोषित कर दिया गया है. जिसके बाद से प्रो. विनीत कंसल के निलंबन की कार्रवाई को भी निरस्त माना रहा है.


यह भी पढ़ें : डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी में अप्लाइड इंजीनियरिंग रिसर्च का मिलेगा मौका : कुलपति

Last Updated : May 19, 2023, 8:26 PM IST
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