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लखनऊ: एकेटीयू ने मनाया 22वां स्थापना दिवस, मुख्य सचिव ने विश्वविद्यालय को दिए ये सुझाव

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Published : Jul 27, 2022, 9:13 AM IST

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय का 22वां स्थापना दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज में विभिन्न लैब का भ्रमण कर जानकारी ली.

लखनऊ.
लखनऊ.

लखनऊ: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) का 22वां स्थापना दिवस समारोह बड़ी धूमधाम से मनाया गया. इस मौके पर विश्वविद्यालय ने सम्बद्ध उन संस्थानों को सम्मानित किया, जिन्होंने एनबीए, एनआईआरएफ, एआरआईआईए में रैंकिंग और नैक में ग्रेडिंग हासिल किया. कार्यक्रम में विश्वविद्यालय पर आधारित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज में विभिन्न लैब का भ्रमण कर उनकी जानकारी ली. उन्होंने वहां गूगल कोड लैब, इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन लैब, साइबर सिक्योरिटी लैब, नैनोटेक्नोलॉजी लैब, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लैब और इन्नोवेशन हब का निरीक्षण किया.

जानकारी देते एकेटीयू कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्रा.

इस मौके पर उन्होंने परिसर के बाहर आम का पौधा भी लगाया. साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह बहुत हर्ष का विषय है कि विश्वविद्यालय अपना 22वां स्थापना दिवस मना रहा है. इस 22 सालों में विश्वविद्यालय ने तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश को नया आयाम दिया है. 25 साल पूरा होने पर इस विश्वविद्यालय का सिल्वर जुबली मनाया जाएगा. इसलिए सोचना होगा कि उस वक्त तक हम क्या कर सकते हैं. कहां की प्रधानमंत्री का सपना है कि आजादी के 100 वर्ष पूरा होने पर देश हर क्षेत्र में विकसित हो इसके लिए अभी से सभी को कार्य करना होगा. कहा कि हमें यह सोचना होगा कि हम किस तरह अपने संसाधनों और तकनीक का इस्तेमाल कर आने वाली पीढ़ी को तैयार कर देश को आगे ले जाएं. राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने तमाम रास्ते खोल दिए हैं. राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने बहुत लचीलापन ला दिया है. जरूरत है हमें इस अवसर का लाभ लेने की.

मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि एनईपी ने हमें बहुत सहूलियत दी है. इसके तहत हम अपनी मातृभाषा में पढ़ाई कर सकते हैं. कहां की हमें अपनी भाषा पर गर्व होना चाहिए. इसलिए अगर इंजीनियरिंग की पढ़ाई छात्र हिंदी में करें तो वह अपना बेहतर दे सकते हैं. हमें तकनीकी भाषा को हिंदी में आसान बनाना होगा. उन्होंने तकनीकी का हिंदी शब्दकोश बनाने का सुझाव दिया. कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी को भागीदारी होना चाहिए.

ईटीवी से बातचीत के दौरान एकेटीयू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर प्रदीप कुमार मिश्रा ने बताया कि एकेटीयू को स्थापित हुए आज से 22 साल पूरे हो चुके हैं. पहले कुलपति ने कार्यभार ग्रहण किया था और उस समय विश्वविद्यालय बनाने का उद्देश्य यही था कि इंजीनियर को एक नई दिशा और दशा दी जाए. पिछले 22 सालों में विश्वविद्यालय अपने कर्तव्य में निर्वहन में हमेशा अग्रणी रहा है. बीच में इस विश्वविद्यालय को दो भागों में बांटा गया था .फिर इसका प्रयोग असफल रहा जिसके बाद तकनीकी शिक्षा का भार एकेटीयू को पुनः दिया गया और हम अपना कार्य तकनीकी शिक्षा को लेकर कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि देश बदल रहा है टेक्नोलॉजी की जरूरतें आगे बढ़ रही है. आज स्थापना दिवस पर मुख्य सचिव उपस्थित हुए थे और उन्होंने कार्यक्रम के दौरान जो विचार दिए है वह काफी अच्छे है और उस पर काम किया जाएगा. उन्होंने अपनी भाषा को बढ़ावा देने के लिए कहा और जो नए-नए चित्र है टेक्नोलॉजी के उसमें हम अध्ययन अध्यापन को बढ़ावा देने की राय दी. स्थापना दिवस पर उन्होंने सिल्वर जुबली की तैयारी करने के लिए कहा है. सिल्वर जुबली में अभी 3 साल का समय है. अमृत महोत्सव का इस समय वर्ष समय चल रहा है. भारत को एक तकनीकी रूप से सुदृण देश बनाने के लिए एकेटीयू अपना योगदान देगा.

मुख्य सचिव ने कहा कि तकनीकी भाषा कोष भी स्थापित करें ,क्षेत्रीय भाषाओं में यह अच्छा सुझाव है,हम हिंदी से शुरू करेंगे इसके अलावा और भी जो भाषाएं हैं उससे संबंधित भी जो काम होगा उसे करेंगे.

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