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लखनऊः 'छपाक' में दीपिका के साथ इन एसिड अटैक सर्वाइवर्स ने किया काम, फिल्म को बताया समाज का आईना

एसिड अटैक सर्वाइवर्स पर बनी फिल्म छपाक 10 जनवरी को सभी सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. एसिड अटैक की पीड़ितों ने भी लखनऊ में छपाक फिल्म देखी. उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि फिल्म देखते ही सभी एसिड अटैक सर्वाइवर्स की आंखों से आंसू निकल आए.

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फिल्म देखते ही छलक उठा एसिड अटैक पीड़िताओं का दर्द
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Published : Jan 11, 2020, 5:20 PM IST

Updated : Jan 11, 2020, 6:53 PM IST

लखनऊ: एसिड अटैक सर्वाइवर्स पर बनी दीपिका पादुकोण के अभिनय वाली फिल्म छपाक को देखकर एसिड अटैक पीड़ितों की आंखों में आंसू आ गए. वे फिल्म देखने के दौरान उस दर्दनाक पल को याद कर सिहर उठीं. फिल्म ने जख्म हरे कर दिए. लेकिन उन्हें इस बात की खुशी है कि सच्चाई पर आधारित फिल्म समाज को आईना दिखाती है.

फिल्म देखते ही छलक उठा एसिड अटैक पीड़िताओं का दर्द.

इस फिल्म में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के साथ लखनऊ के शीरोज कैफे की दो एसिड अटैक सर्वाइवर्स ने भी बेहतरीन अभिनय किया है. 'ईटीवी भारत' से एसिड सर्वाइवर के दोनों कलाकारों ने खास बातचीत की और दीपिका के साथ फिल्म शूट से लेकर अपनी जिंदगी के दर्द भरे पलों को भी साझा किया.

एसिड अटैक पीड़िताओं का दर्द
एसिड अटैक पीड़िता जीतू और कुंती ने कभी सोचा भी नहीं था कि उनकी जिंदगी में अचानक कोई ऐसा हादसा होगा. उनके सपने एक झटके में चकनाचूर हो जाएंगे और उनके मासूम चेहरे को कोई देखना भी पसंद नहीं करेगा. उनका कहना है कि उन्हें यह उम्मीद भी नहीं थी कि एसिड अटैक सर्वाइवर्स पर कोई फिल्म बनेगी, जो समाज को आईना दिखाने का काम करेगी. उन्हें अफसोस भी है कि इस फिल्म पर भी इस तरह की सियासत हो रही है.

'फैमिली को साथ देखनी चाहिए ये फिल्म'
जीतू बताती हैं कि छपाक फिल्म रिलीज हुई तो हम सभी एसिड अटैक सर्वाइवर्स ने एक साथ पहला शो देखा. फिल्म देखते समय हमारी आंखों में आंसू आ गए. हम पूरी फिल्म देखने के दौरान रोते ही रहे. जीतू ने दीपिका पादुकोण के साथ फिल्म में अभिनय किया है. वह बताती हैं कि 3 से 4 महीने तक वे दीपिका पादुकोण के साथ दिल्ली और मुंबई में ही रहीं. फिल्म के बारे में बात करते हुए कहा कि इस फिल्म को पूरी फैमिली साथ बैठकर देखना चाहिए.

फिल्म के नाम को लेकर उन्होंने कहा कि इसका नाम छपाक इसीलिए रखा गया क्योंकि कोई भी चेहरे पर एसिड फेंकता है, तो छपाक की आवाज आती है. एक एसिड अटैक पीड़िता को मेडिकल से लेकर अन्य सभी जगह पर कितना दर्द झेलना पड़ता है. यह इस फिल्म में बखूबी दर्शाया गया है. जीतू का कहना है यह फिल्म सभी को देखनी चाहिए. यह फिल्म संदेश देती है कि बाजार में अगर एसिड बिके ही नहीं तो भला यह नौबत ही क्यों आए.

जीतू का यह भी कहना है कि जिस तरह अन्य राज्यों की सरकारों ने इस फिल्म को टैक्स फ्री किया है, उसी तरह उत्तर प्रदेश सरकार को भी फिल्म टैक्स फ्री कर देनी चाहिए. यह फिल्म समाज को संदेश देगी और लोगों को जागरूक करेगी.

फिल्म में दीपिका पादुकोण के साथ अभिनय करने वाली एसिड अटैक सर्वाइवर कुंती ने फिल्म में अपनी भूमिका पर खुशी जाहिर की. लेकिन उन्हें इस बात का गम भी है कि समाज में लोग इस तरह का कुकृत्य करते हैं. उनका कहना है कि यह फिल्म सभी को देखनी चाहिए. यह फिल्म सीख देती है कि एसिड अटैक सर्वाइवर्स को कितने दर्द झेलने पड़ते हैं. हम सभी एसिड अटैक सर्वाइवर्स ने जब यह फिल्म देखी तो सभी उस दृश्य को देखकर रोने लगे.

उन्होंने बताया कि फिल्म का बिल्कुल भी विरोध नहीं होना चाहिए, यह ठीक नहीं है. इसमें कोई राजनीति वाली बात भी नहीं है. यह एसिड अटैक सर्वाइवर्स पर बनी सामाजिक फिल्म है. इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए. सरकार को ये फिल्म टैक्स फ्री करनी चाहिए. जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग यह फिल्म देखें और लड़कियां सतर्क हो जाएं.

बता दें कि लखनऊ के गोमतीनगर स्थित शीरोज कैफे में दर्जनों एसिड अटैक सर्वाइवर्स काम करती हैं. इसी के सहारे वह अपना जीवन-यापन करती हैं. एसिड अटैक सर्वाइवर्स पर छपाक फिल्म बनी तो दीपिका पादुकोण इसी सिरोज कैफे में अपना जन्मदिन मनाने भी आईं थीं. साथ ही इसमें से दो सर्वाइवर्स ने दीपिका पादुकोण के साथ फिल्म में काम भी किया है.

लखनऊ: एसिड अटैक सर्वाइवर्स पर बनी दीपिका पादुकोण के अभिनय वाली फिल्म छपाक को देखकर एसिड अटैक पीड़ितों की आंखों में आंसू आ गए. वे फिल्म देखने के दौरान उस दर्दनाक पल को याद कर सिहर उठीं. फिल्म ने जख्म हरे कर दिए. लेकिन उन्हें इस बात की खुशी है कि सच्चाई पर आधारित फिल्म समाज को आईना दिखाती है.

फिल्म देखते ही छलक उठा एसिड अटैक पीड़िताओं का दर्द.

इस फिल्म में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के साथ लखनऊ के शीरोज कैफे की दो एसिड अटैक सर्वाइवर्स ने भी बेहतरीन अभिनय किया है. 'ईटीवी भारत' से एसिड सर्वाइवर के दोनों कलाकारों ने खास बातचीत की और दीपिका के साथ फिल्म शूट से लेकर अपनी जिंदगी के दर्द भरे पलों को भी साझा किया.

एसिड अटैक पीड़िताओं का दर्द
एसिड अटैक पीड़िता जीतू और कुंती ने कभी सोचा भी नहीं था कि उनकी जिंदगी में अचानक कोई ऐसा हादसा होगा. उनके सपने एक झटके में चकनाचूर हो जाएंगे और उनके मासूम चेहरे को कोई देखना भी पसंद नहीं करेगा. उनका कहना है कि उन्हें यह उम्मीद भी नहीं थी कि एसिड अटैक सर्वाइवर्स पर कोई फिल्म बनेगी, जो समाज को आईना दिखाने का काम करेगी. उन्हें अफसोस भी है कि इस फिल्म पर भी इस तरह की सियासत हो रही है.

'फैमिली को साथ देखनी चाहिए ये फिल्म'
जीतू बताती हैं कि छपाक फिल्म रिलीज हुई तो हम सभी एसिड अटैक सर्वाइवर्स ने एक साथ पहला शो देखा. फिल्म देखते समय हमारी आंखों में आंसू आ गए. हम पूरी फिल्म देखने के दौरान रोते ही रहे. जीतू ने दीपिका पादुकोण के साथ फिल्म में अभिनय किया है. वह बताती हैं कि 3 से 4 महीने तक वे दीपिका पादुकोण के साथ दिल्ली और मुंबई में ही रहीं. फिल्म के बारे में बात करते हुए कहा कि इस फिल्म को पूरी फैमिली साथ बैठकर देखना चाहिए.

फिल्म के नाम को लेकर उन्होंने कहा कि इसका नाम छपाक इसीलिए रखा गया क्योंकि कोई भी चेहरे पर एसिड फेंकता है, तो छपाक की आवाज आती है. एक एसिड अटैक पीड़िता को मेडिकल से लेकर अन्य सभी जगह पर कितना दर्द झेलना पड़ता है. यह इस फिल्म में बखूबी दर्शाया गया है. जीतू का कहना है यह फिल्म सभी को देखनी चाहिए. यह फिल्म संदेश देती है कि बाजार में अगर एसिड बिके ही नहीं तो भला यह नौबत ही क्यों आए.

जीतू का यह भी कहना है कि जिस तरह अन्य राज्यों की सरकारों ने इस फिल्म को टैक्स फ्री किया है, उसी तरह उत्तर प्रदेश सरकार को भी फिल्म टैक्स फ्री कर देनी चाहिए. यह फिल्म समाज को संदेश देगी और लोगों को जागरूक करेगी.

फिल्म में दीपिका पादुकोण के साथ अभिनय करने वाली एसिड अटैक सर्वाइवर कुंती ने फिल्म में अपनी भूमिका पर खुशी जाहिर की. लेकिन उन्हें इस बात का गम भी है कि समाज में लोग इस तरह का कुकृत्य करते हैं. उनका कहना है कि यह फिल्म सभी को देखनी चाहिए. यह फिल्म सीख देती है कि एसिड अटैक सर्वाइवर्स को कितने दर्द झेलने पड़ते हैं. हम सभी एसिड अटैक सर्वाइवर्स ने जब यह फिल्म देखी तो सभी उस दृश्य को देखकर रोने लगे.

उन्होंने बताया कि फिल्म का बिल्कुल भी विरोध नहीं होना चाहिए, यह ठीक नहीं है. इसमें कोई राजनीति वाली बात भी नहीं है. यह एसिड अटैक सर्वाइवर्स पर बनी सामाजिक फिल्म है. इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए. सरकार को ये फिल्म टैक्स फ्री करनी चाहिए. जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग यह फिल्म देखें और लड़कियां सतर्क हो जाएं.

बता दें कि लखनऊ के गोमतीनगर स्थित शीरोज कैफे में दर्जनों एसिड अटैक सर्वाइवर्स काम करती हैं. इसी के सहारे वह अपना जीवन-यापन करती हैं. एसिड अटैक सर्वाइवर्स पर छपाक फिल्म बनी तो दीपिका पादुकोण इसी सिरोज कैफे में अपना जन्मदिन मनाने भी आईं थीं. साथ ही इसमें से दो सर्वाइवर्स ने दीपिका पादुकोण के साथ फिल्म में काम भी किया है.

Intro:**ईटीवी भारत स्पेशल**

नोट: फीड एफटीपी से भेजी गई है। स्लग: up_luc_04_acid victims नाम से

छपाक फिल्म की कलाकार एसिड सर्वाइवर्स ने बयां किया दर्द: कहा समाज का असली चेहरा दिखाती है ये फिल्म

लखनऊ। एसिड सरवाइवर्स पर बनी दीपिका पादुकोण के अभिनय वाली फिल्म छपाक को देखकर एसिड अटैक विक्टिम्स की आंखों में आंसू आ गए। नम आंखों से उन्होंने पूरी फिल्म देखी और अपने साथ हुए उस दर्दनाक पल को याद कर वे सिहर उठीं। बेसाख्ता बहते आंसुओं के साथ किसी तरह फिल्म तो खत्म हो गई लेकिन उनके जख्म फिर से हरे कर गई। अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के साथ लखनऊ के शीरोज कैफे की दो एसिड सर्वाइवर ने भी बेहतरीन अभिनय किया है। 'ईटीवी भारत' से एसिड सर्वाइवर दोनों कलाकारों ने खास बातचीत की और दीपिका के साथ फिल्म शूट से लेकर अपनी जिंदगी के दर्द भरे पलों को भी साझा किया।


Body:एसिड अटैक पीड़िता जीतू और कुंती ने कभी सोचा भी नहीं था कि उनकी जिंदगी में अचानक ही कोई ऐसा मोड़ आएगा जो उसके सपनों को भी चकनाचूर कर देगा। जो मासूम चेहरा जमाने के लिए था उस मासूम चेहरे को कोई ऐसा भी बना देगा जिसे कोई देखना भी पसंद न करे। उन्हें कभी यह भी उम्मीद नहीं थी कि एसिड सर्वाइवर पर भी कोई फिल्म बनेगी और समाज को आईना दिखाने का काम करेगी। उन्हें अफसोस भी है कि इस फिल्म पर भी इस तरह के सियासत होगी। ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान जीतू बताती हैं कि आज छपाक फिल्म रिलीज हुई तो हम सभी एसिड सर्वाइवर्स ने एक साथ पहला शो देखा। फिल्म देखते समय आंखों में आंसू आ गए। पूरी फिल्म भर रोते ही रहे। जीतू ने दीपिका पादुकोण के साथ फिल्म में अभिनय किया है। वह बताती हैं कि 3 से 4 महीने तक वे दीपिका पादुकोण के साथ दिल्ली और मुंबई में ही रहीं। फिल्म के बारे में बताती हैं कि इतनी अच्छी फिल्म है जिसका कोई भी विरोध नहीं कर सकता। फिल्म का नाम छपाक इसीलिए रखा गया क्योंकि कोई भी जब चेहरे पर एसिड फेंकता है तो छुपाक की आवाज आती है। फिल्म में खास बात ये है कि एक एसिड अटैक पीड़िता को कितना दर्द झेलना पड़ता है मेडिकल से लेकर अन्य सभी जगह पर, यह इस फिल्म में बखूबी दर्शाया गया है। जीतू का कहना है यह फिल्म सभी को देखनी चाहिए। फिल्म संदेश देती है कि बाजार में अगर एसिड बिके ही नहीं तो भला यह नौबत ही क्यों आए। जीतू का यह भी कहना है कि जिस तरह अन्य राज्यों की सरकारों ने इस फिल्म को टैक्स फ्री किया है उसी तरह उत्तर प्रदेश सरकार को भी फिल्म टैक्स फ्री कर देनी चाहिए क्योंकि यह फ़िल्म समाज को संदेश देगी लोगों को जागरूक करेगी।


Conclusion:फिल्म में दीपिका पादुकोण के साथ अभिनय करने वाली एसिड सर्वाइवर कुंती ने फिल्म में अपनी भूमिका पर खुशी जाहिर की, लेकिन उन्हें इस बात का गम भी है कि समाज में लोग इस तरह का कुकृत्य करते हैं। उनका कहना है कि यह फिल्म सभी को देखनी चाहिए। यह फिल्म सीख देती है कि एसिड सर्वाइवर को कितने दर्द झेलने पड़ते हैं। आज हम सभी एसिड सर्वाइवर ने यह फिल्म देखी तो सभी उस दृश्य को देखकर रोने लगे जब फिल्म में मालती पर एसिड अटैक किया गया। फिल्म का बिल्कुल भी विरोध नहीं होना चाहिए, यह ठीक नहीं है। इसमें कोई राजनीति वाली बात भी नहीं है। यह एसिड सर्वाइवर पर बनी फिल्म है जो सामाजिक है। इसमें राजनीति नहीं लानी चाहिए। सरकार को ये फ़िल्म टैक्स फ्री करनी चाहिए। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग यह फिल्म देखें और लड़कियां सतर्क हो जाएं।

बता दें कि लखनऊ के गोमतीनगर स्थित शीरोज कैफे में दर्जनों एसिड सर्वाइवर काम करती हैं। इसी के सहारे वह अपना जीवन यापन करती हैं। एसिड सर्वाइवर पर छपाक फिल्म बनी तो दीपिका पादुकोण इसी सिरोज कैफे में अपना जन्मदिन मनाने भी आई थी और इस सिरोज कैफे के लिए वह यादगार दिन था। साथ ही इसमें से दो सर्वाइवर्स ने दीपिका पादुकोण के साथ फिल्म में काम किया तो यह फ़िल्म भी उनके लिए यादगार हो गई।

अखिल पांडेय, लखनऊ, 93368 64096
Last Updated : Jan 11, 2020, 6:53 PM IST
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