लखनऊ: एसिड अटैक सर्वाइवर्स पर बनी दीपिका पादुकोण के अभिनय वाली फिल्म छपाक को देखकर एसिड अटैक पीड़ितों की आंखों में आंसू आ गए. वे फिल्म देखने के दौरान उस दर्दनाक पल को याद कर सिहर उठीं. फिल्म ने जख्म हरे कर दिए. लेकिन उन्हें इस बात की खुशी है कि सच्चाई पर आधारित फिल्म समाज को आईना दिखाती है.
इस फिल्म में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के साथ लखनऊ के शीरोज कैफे की दो एसिड अटैक सर्वाइवर्स ने भी बेहतरीन अभिनय किया है. 'ईटीवी भारत' से एसिड सर्वाइवर के दोनों कलाकारों ने खास बातचीत की और दीपिका के साथ फिल्म शूट से लेकर अपनी जिंदगी के दर्द भरे पलों को भी साझा किया.
एसिड अटैक पीड़िताओं का दर्द
एसिड अटैक पीड़िता जीतू और कुंती ने कभी सोचा भी नहीं था कि उनकी जिंदगी में अचानक कोई ऐसा हादसा होगा. उनके सपने एक झटके में चकनाचूर हो जाएंगे और उनके मासूम चेहरे को कोई देखना भी पसंद नहीं करेगा. उनका कहना है कि उन्हें यह उम्मीद भी नहीं थी कि एसिड अटैक सर्वाइवर्स पर कोई फिल्म बनेगी, जो समाज को आईना दिखाने का काम करेगी. उन्हें अफसोस भी है कि इस फिल्म पर भी इस तरह की सियासत हो रही है.
'फैमिली को साथ देखनी चाहिए ये फिल्म'
जीतू बताती हैं कि छपाक फिल्म रिलीज हुई तो हम सभी एसिड अटैक सर्वाइवर्स ने एक साथ पहला शो देखा. फिल्म देखते समय हमारी आंखों में आंसू आ गए. हम पूरी फिल्म देखने के दौरान रोते ही रहे. जीतू ने दीपिका पादुकोण के साथ फिल्म में अभिनय किया है. वह बताती हैं कि 3 से 4 महीने तक वे दीपिका पादुकोण के साथ दिल्ली और मुंबई में ही रहीं. फिल्म के बारे में बात करते हुए कहा कि इस फिल्म को पूरी फैमिली साथ बैठकर देखना चाहिए.
फिल्म के नाम को लेकर उन्होंने कहा कि इसका नाम छपाक इसीलिए रखा गया क्योंकि कोई भी चेहरे पर एसिड फेंकता है, तो छपाक की आवाज आती है. एक एसिड अटैक पीड़िता को मेडिकल से लेकर अन्य सभी जगह पर कितना दर्द झेलना पड़ता है. यह इस फिल्म में बखूबी दर्शाया गया है. जीतू का कहना है यह फिल्म सभी को देखनी चाहिए. यह फिल्म संदेश देती है कि बाजार में अगर एसिड बिके ही नहीं तो भला यह नौबत ही क्यों आए.
जीतू का यह भी कहना है कि जिस तरह अन्य राज्यों की सरकारों ने इस फिल्म को टैक्स फ्री किया है, उसी तरह उत्तर प्रदेश सरकार को भी फिल्म टैक्स फ्री कर देनी चाहिए. यह फिल्म समाज को संदेश देगी और लोगों को जागरूक करेगी.
फिल्म में दीपिका पादुकोण के साथ अभिनय करने वाली एसिड अटैक सर्वाइवर कुंती ने फिल्म में अपनी भूमिका पर खुशी जाहिर की. लेकिन उन्हें इस बात का गम भी है कि समाज में लोग इस तरह का कुकृत्य करते हैं. उनका कहना है कि यह फिल्म सभी को देखनी चाहिए. यह फिल्म सीख देती है कि एसिड अटैक सर्वाइवर्स को कितने दर्द झेलने पड़ते हैं. हम सभी एसिड अटैक सर्वाइवर्स ने जब यह फिल्म देखी तो सभी उस दृश्य को देखकर रोने लगे.
उन्होंने बताया कि फिल्म का बिल्कुल भी विरोध नहीं होना चाहिए, यह ठीक नहीं है. इसमें कोई राजनीति वाली बात भी नहीं है. यह एसिड अटैक सर्वाइवर्स पर बनी सामाजिक फिल्म है. इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए. सरकार को ये फिल्म टैक्स फ्री करनी चाहिए. जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग यह फिल्म देखें और लड़कियां सतर्क हो जाएं.
बता दें कि लखनऊ के गोमतीनगर स्थित शीरोज कैफे में दर्जनों एसिड अटैक सर्वाइवर्स काम करती हैं. इसी के सहारे वह अपना जीवन-यापन करती हैं. एसिड अटैक सर्वाइवर्स पर छपाक फिल्म बनी तो दीपिका पादुकोण इसी सिरोज कैफे में अपना जन्मदिन मनाने भी आईं थीं. साथ ही इसमें से दो सर्वाइवर्स ने दीपिका पादुकोण के साथ फिल्म में काम भी किया है.