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पीपीपी मॉडल के पांच बस स्टेशनों के निर्माण पर खर्च होंगे 701 करोड़

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Published : Jun 13, 2023, 7:42 AM IST

सोमवार को लखनऊ में परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 23 बस स्टेंशनों को एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित किया जाना है. पीपीपी मॉडल के पांच बस स्टेशनों के निर्माण (Five bus stations construction with PPP model) पर 701 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

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परिवहन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार दयाशंकर सिंह पीपीपी मॉडल के पांच बस स्टेशनों के निर्माण पांच बस स्टेशनों का निर्माण Minister of State for Transport Dayashankar Singh

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 23 बस स्टेंशनों को एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित किया जाना है. इनमें से पांच बस स्टेशनों को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानी पीपीपी मॉडल पर विकसित करने के लिए योगी सरकार की तरफ से हरी झंडी मिल चुकी है. अब इन बस स्टेशन के निर्माण के लिए एलओआई भी जारी हो गई है. 700 करोड़ से ज्यादा की लागत से इन पांच बस स्टेशनों का निर्माण कराया जाएगा. पीपीपी मॉडल पर बनने वाले पांच बस स्टेशनों में से एक बस स्टेशन लखनऊ के विभूतिखंड में भी बनाया जाएगा.


परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह (Minister of State for Transport Dayashankar Singh) ने बताया कि इन बस 23 बस स्टेशनों पर यात्रियों को सभी अत्याधुनिक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. इसकी कनेक्टिविटी बेहतर होगी. 23 चिन्हित बस स्टेशनों के टेंडर में पांच बस स्टेशनों (Five bus stations construction with PPP model) के लिए बिड्स को उपयुक्त पाते हुए बीती छह जून की मंत्रिपरिषद की बैठक में लेटर आफ इनटेन्ट जारी किये जाने पर अनुमोदन प्राप्त हुआ था. शेष 18 बस स्टेशनों के लिए फिर से निविदा आमंत्रण का निर्णय लिया गया है.

परिवहन मंत्री ने बताया कि पीपीपी मॉडल पर विकसित किये जाने वाले इन पांच बस स्टेशनों के विकास पर कुल 701 करोड़ रुपये की लागत आएगी. उन्होंने बताया कि इन 05 बस स्टेशनों में चार बस स्टेशन कौशाम्बी बस टर्मिनल गाजियाबाद, विभूति खण्ड गोमती नगर बस टर्मिनल लखनऊ, सिविल लाइन्स बस टर्मिनल प्रयागराज और गाजियाबाद ओल्ड बस टर्मिनल गाजियाबाद के लिए ओमेक्स लिमिटेड और आगरा फोर्ट बस टर्मिनल आगरा के लिए मेसर्स एजी. इन्टरप्राइजेज को काम सौंपा गया है. निगम की तरफ से लेटर ऑफ इन्टेन्ट (एलओआई) जारी कर दिया गया है.


प्रदेश में स्मार्ट कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस की पेंडेंन्सी खत्म: उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह के निर्देश पर परिवहन विभाग ने अधिकारियों/कर्मचारियों की छह छह घंटे की रोटेशन में ड्यूटी लगाते हुए ड्राइविंग लाइसेंस की पेंडेंन्सी समाप्त कर दी है. प्रदेश में स्मार्ट कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस की कुल साढ़े 11 लाख की पेंडेंन्सी थी. परिवहन आयुक्त चन्द्रभूषण सिंह ने बताया कि आवेदकों को समय पर ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त हो, इसके लिए टेक्निकल समस्याओं को दूर कराते हुए डीएल की पेंडेंन्सी समाप्त करने का कार्य किया गया. अब समय पर डीएल प्राप्त होंगे. (Lucknow News in Hindi)

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