लखनऊः राजस्व कोर्ट ने राजा महमूदाबाद की 422 हेक्टेयर जमीन पर दावेदारी खारिज करने का फैसला दिया है. ये जमीनें बाराबंकी, सीतापुर और लखीमपुर खीरी में चिन्हित की गयी हैं. इस जमीन पर सिलिंग का आदेश दिया है. एडीएम कोर्ट प्रशासन के फैसले के बाद अब ये जमीन राज्य सरकार के स्वामित्व में आ जायेगी. करीब 13 साल बाद राजा मोहम्मद आमीर खान बनाम सरकार केस में फैसला आया है.
कोर्ट का फैसला
फैसले के मुताबिक सीतापुर में 388.30 हेक्टेयर, लखीमपुर खीरी में 10.6695 और बाराबंकी में 23.005 हेक्टेयर जमीन को सीलिंग में दर्ज किया जायेगा. अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमरपाल सिंह के मुताबिक सीलिंग एक्ट 1976 के तहत किसी भी खातेदार के पास एक निश्चित माप से अधिक जमीन पर सीलिंग की कार्रवाई करते हुए सरकार के नाम दर्ज किया जाता है. ग्रामीण इलाकों में माप से अधिक सिंचित जमीन पर पूर्व में सीलिंग की कार्रवाई की गयी थी. इस फैसले के खिलाफ विपक्षी ने न्यायालय में अपील की थी कि हाईकोर्ट ने इस मामले को कमिश्नर के पास भेज दिया था. उन्होंने बताया कि 422 हेक्टेयर घोषित की गयी सीलिंग जमीन की कीमत करीब 421 करोड़ रुपये है. साल 2007 में तत्कालीन कमीश्नर ने इस केस को अपर जिलाधिकारी प्रशासन कोर्ट में भेज दिया था. अपर आयुक्त न्यायिक लखनऊ मंडल के स्थानांतरण पत्र में पारित आदेश का पालन करते हुए 15 जनवरी 2007 को मूल पत्रावली एडीएम प्रशासन की कोर्ट में भेज दिया गया था. तभी से इस मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही थी.
233 गांवों में जब्द होगी जमीन
सीतापुर में 182 गांवों में कुल 388.391 हेक्टेयर जमीन जब्त होगी. इसकी कीमत करीब 388 करोड़ है. वहीं लखीमपुर खीरी के 31 गांवों में 10.659 हेक्टेयर जमीन सरकार अपने कब्जे में लेगी. इस जमीन की कीमत करीब 11 करोड़ रुपये की है, जबकि बाराबंकी में 20 गांवों में 23.045 हेक्टेयर जमीन जिला प्रशासन अपने कब्जे में लेगा. इसकी कीमत करीब 23 करोड़ रुपये आंकी गई है.
18 एकड़ से अधिक नहीं रख सकते जमीन
जमींदारी प्रथा के उन्मूलन के बाद साल 1961 में सीलिंग एक्ट लागू किया गया. कानून बनने के बाद एक परिवार को 15 एकड़ से अधिक सिंचित भूमि रखने का अधिकार नहीं है. असिंचित भूमि के मामले में ये रकबा 18 एकड़ तक बढ़ जाता है.
उत्तराखंड में 396 संपत्तियां
राजा महमूदाबाद और उनके परिजनों की इराक, पाकिस्तान समेत दूसरे देशों में भी संपत्तियां हैं. उत्तराखंड में भी 396 संपत्तियां हैं. अक्टूबर 2006 में हुए सरकारी आकलन के मुताबिक उनकी संपत्तियों की कीमत करीब 50 हजार करोड़ रुपये थी.