लखनऊ: प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही (Agriculture Minister Surya Pratap Shahi) ने बुधवार को कहा है कि किसान पाठशाला की रिपोर्ट तैयार कर उस पर फिल्म बनाई जाए. उन्होंने सभी जिलों के उप कृषि निदेशकों से कहां है कि किसान पाठशाला की रिपोर्ट तैयार करा जनप्रतिनिधियों को उपलब्ध कराएं. सोलर पंप सिंचाई योजनांर्गत जिन पंपों की स्थापना (30000 solar pumps will be installed in UP) कराई जानी अवशेष है, उन्हें 31 अगस्त से पूर्व पूर्ण कराएं.
कृषि मंत्री ने सोलर कंपनियों को 15 सितंबर से पूर्व जिला स्तर पर सर्विस सेंटर खोलने के लिए भी कहा है. कृषि मंत्री ने कहा कि वर्ष 2023-24 में 30000 सोलर पंप स्थापित करने के जो लक्ष्य रखे गए हैं, उन्हें भी पोर्टल पर विज्ञापन देकर शुरू कराया जाए. जिन क्षेत्रों में बाजरा की बुवाई हुई है, उन क्षेत्रों में अधिकारी जाकर सुनिश्चित करें कि ज्वार, बाजरा, रागी इत्यादि की फसलों के लिए क्रय केंद्र भी उपलब्ध हों. मंत्री कृषि निदेशालय में कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे.
मंत्री ने बताया कि इस वर्ष खरीफ में विभिन्न फसलों के अंतर्गत कुल 96.20 लाख हेक्टेयर आच्छादन का लक्ष्य रखा गया था जिसके सापेक्ष कुल 95.67 लाख हेक्टेयर आच्छादन पूर्ण हो गया है. 07-25 अगस्त 2023 के बीच कुल 27161 किसान पाठशालाएं आयोजित की गई हैं. कृषि के क्षेत्र में जो प्रगतिशील कृषक हैं तथा पद्म पुरस्कार से पुरस्कृत कृषक हैं, उनको भी अलग-अलग गोष्ठियों में प्रतिभाग कराएं, जिससे अन्य कृषक भी उनके द्वारा किए जा रहे नवाचार से लाभान्वित हो सकें. खेत तालाब योजना की धीमी प्रगति पर कृषि मंत्री ने रोष व्यक्त किया.
कृषि यंत्रीकरण के क्षेत्र में जो भी भुगतान अवशेष हैं, उन्हें भी एक सप्ताह में पूर्ण कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं. रबी बीज की तैयारी जैसे मुख्य फसलें गेहूॅ, चना, मटर, मसूर, सरसों इत्यादि के बीज की व्यवस्था समय से कराने के लिए बीज विकास निगम के प्रबंध निदेशक को निर्देशित किया गया. साथ ही 40000 तोरिया के मिनीकिट वितरण के निर्देश अपर कृषि निदेशक, बीज एवं प्रक्षेत्र को दिए गए. रबी में कुल 686382 क्विंटल बीजों की व्यवस्था कराए जाने के बारे में प्रबंधक निदेशक, बीज विकास निगम द्वारा अवगत कराया किया कि सभी बीजों की व्यवस्था सुनिश्चित करा ली गई है.
समय से जनपदों में आपूर्ति भी करा दी जाएगी. नमामि गंगे , पीकेवीवाई एवं बुंदेलखंड प्राकृतिक खेती की प्रगति काफी धीमी थी जिसपर मंत्री ने आक्रोष व्यक्त करते हुए निर्देशित किया गया कि इसकी साप्ताहिक समीक्षा कर प्रगति बढ़ाई जाए. सितंबर माह में नए कृषि यंत्रों के चयन के लिए पोर्टल चालू करा दिया जाए, जिसका विकास खण्डवार लक्ष्य निर्धारित किया जाए. प्रथम आओ-प्रथम पाओ के अनुसार किसानों का चयन पूर्ण करते हुए उन्हें अनुदान की धनराशि उपलब्ध कराई जाए.
साथ ही साथ राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना, नेशनल मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन एण्ड टेक्नालॉजी/सब मिशन आन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन एण्ड टेक्नालॉजी योजना, तिलहन योजना, खेत तालाब योजना , किसान समृद्धि योजना इत्यादि की प्रगति की भी समीक्षा की गई तथा निर्देशित किया गया कि जहॉ भी वित्तीय स्वीकृति जारी हो गई है. धनराशि प्राप्त हो गई है, वहॉ किसानों को नियमानुसार भुगतान सुनिश्चित करें.
बैठक में कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, विशेष सचिव ऋषिरेंद्र कुमार, कृषि निदेशक विवेक कुमार सिंह, डॉ पंकज त्रिपाठी, निदेशक, सीमा, रहमानखेड़ा, डॉ जितेंद्र कुमार तोमर, प्रबंध निदेशक, बीज विकास निगम सहित सभी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
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