ETV Bharat / state

30 फीसदी लोग एसिडिटी से पीड़ित, विशेषज्ञों ने शेयर की विशेष जानकारी

author img

By

Published : Jul 19, 2023, 10:17 AM IST

Etv Bharat
30 percent people suffering from acidity 30 फीसदी लोग एसिडिटी से पीड़ित मेदांता अस्पताल के निदेशक डॉ राज कुमार शर्मा Director of Medanta Hospital

देश में 30 फीसदी लोग एसिडिटी से पीड़ित (30 percent people suffering from acidity) हैं. यह बात लखनऊ में मेदांता अस्पताल के निदेशक डॉ. राज कुमार शर्मा ने कही.

लखनऊ: देश की कुल आबादी में से करीब 30 फीसदी लोग एसिडिटी-संबंधित विकारों से पीड़ित (30 percent people suffering from acidity) हैं. इसमें भी उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्यों में से एक है. यह कहना है किडनी एंड यूरोलॉजी इंस्टीट्यूट, मेदांता अस्पताल के निदेशक डॉ. राज कुमार शर्मा का. वह मंगलवार को एक होटल में हील फाउंडेशन की ओर से 'एसिडिटी करोड़ों लोगों की समस्या का सुरक्षित समाधान' विषय पर आयोजित कराए गए जागरूकता कार्यशाला में जानकारी साझा कर रहे थे.

उन्होंने बताया कि गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिसीज (जीईआरडी) जैसा हाइपरएसिडिटी संबंधी विकार एक बहुत ही आम समस्या है. खान-पान की आदतें, नींद संबंधी विकार और तनाव कुछ सामान्य कारण है। हालांकि, 2 में से 1 मरीज या तो अपनी मर्जी से ही कोई दवाई खा लेता है या दवाई की दुकान पर जाकर दुकानदार के कहने पर किसी दवाई का इस्तेमाल करता है. लेकिन दोनों ही तरह से दवा लेना ठीक नहीं है, इस स्थिति को गंभीरता से लें और आगे की जटिलताओं को रोकने के लिए डॉक्टर से परामर्श लें.

उन्होंने बताया कि शहरी भारतीयों के पाचन स्वास्थ्य को समझने के लिए इंडियन डायटेटिक एसोसिएशन, मुंबई के साथ साझेदारी में कंट्री डिलाइट द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में यह सामने आया है कि प्रत्येक 10 में से 7 लोग पाचन तंत्र से संबंधित किसी न किसी समस्या से जूझ रहे हैं, इस सूची में एसिडिटी सबसे ऊपर है. इसके विपरीत, उत्तर प्रदेश के 4 गांवों में किए गए एक घरेलू सर्वेक्षण में यह तथ्य उभरकर आया है कि 10.7 प्रतिशत लोगों को जीईआरडी है.

दवाइयों का चयन करते समय बरते सावधनी: केजीएमयू के पूर्व प्रोफेसर व एचओडी मेडिसिन डॉ. सीजी अग्रवाल ने बताया कि हाइपरएसिडिटी पाचन के साथ-साथ हमारे स्वास्थ्य के लिए खराब है. एसिडिटी अक्सर तले हुए, मसालेदार खाद्य पदार्थों, चाय, कॉफी, कार्बोनेटेड शीतल पेय और शराब के अधिक सेवन के कारण होती है. स्वस्थ जीवनशैली और नियमित व्यायाम के अलावा हमें दवाईओं का चयन करते समय भी सावधानी बरतनी चाहिए. अक्सर देखा जाता है कि लोग एसिडिटी की तेज दवाएं लेते हैं, जो पेट में महत्वपूर्ण एसिड के उत्पादन को पूरी तरह से रोक सकती है, जो हानिकारक है. लिहाजा एक अच्छे डॉक्टर से ही दवाइयां लिखवानी चाहिए.

खराब जीवन शैली भी मुख्य वजह: केजीएमयू के प्रोफेसर डॉ. नरसिंह वर्मा ने बताया कि 'खराब जीवनशैली जिसमें नींद से संबंधित गड़बड़ियां, काम का नियत समय न होना और खानपान की गलत आदतें शामिल हैं. यह एसिडिटी के प्रमुख कारण हैं क्योंकि यह पेट को अधिक एसिड पैदा करने के लिए प्रेरित करती हैं नियमित व्यायाम, जंक और मसालेदार भोजन से परहेज और खूब पानी पीना इससे बचने के प्रमुख उपाय हैं.

ये भी पढ़ें- पाकिस्तानी सीमा हैदर से ATS ने पूछे ये 13 सवाल, जवाब सुनकर हैरान हुए अफसर

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.