ललितपुर: जिले में ग्राम सौजना में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मनमानी का मामला सामने आया है. यहां पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने एक गरीब विधवा महिला की दुकान और उसका मकान गिरा दिया. महिला का आरोप है कि बिना कोई नोटिस दिए एसडीएम ने उसके घर को गिरवा दिया. वहीं महिला ने दो अन्य लोगों पर भी आरोप लगाया है. महिला का आरोप है कि सुनील वैध, अशोक कुमार के कहने पर प्रशासन ने यह कार्रवाई की है. जिलाधिकारी का कहना है कि वह मामले की जांच करेंगें, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
एसडीएम ने गिरवाया महिला का घर
दरअसल, जिले के ग्राम सौजना निवासी विधवा महिला रजनी वैध अपने दो बच्चों के साथ रहती हैं. दो साल पहल उनके पति की मौत हो गई थी. जिसके बाद से महिला अकेले ही घर संभालती है. बुधवार को SDM महरौनी और क्षेत्राधिकारी महरौनी ने विधवा महिला के घर पहुंचे. यहां उन्होंने बिना नोटिस दिये स्थानीय पुलिस सौजना थानाध्यक्ष की मदद से रात्रि में 8 बजे उसकी दुकान और मकान को गिरवा दिया. इतना ही नहीं महिला पुलिस के बिना ही उसकी 15 वर्षीय नाबालिग बेटी को अपने साथ थाने ले गए. जहां लगभग 3 घंटे बैठाने के बाद उसी रात्रि में 11 बजे छोड़ा गया.
महिला ने लगाया मनमानी का आरोप
महिला ने बताया कि अचानक एसडीएम आये और खड़े होकर मकान गिरवा कर चले गये. न कोई नोटिस दी और न कुछ बताया. पहले से आदेश दिया जाता या बताया जाता है. हमने जब उनसे पूछा तो गाली-गलौज करने लगे. महिला का आरोप है कि सुनील वैध, अशोक कुमार और मंत्री के कहने पर हमारा घर गिरा दिया. अधिकारियों से शिकायत की कोई नहीं सुन रहा.
जिलाधिकारी ने कहा करेंगे जांच
वहीं इस मामले को लेकर ललितपुर जिलाधिकारी का कहना है कि 2 जून को रजनी वैध द्वारा एक शिकायत पत्र प्राप्त हुआ था. उसके पहले 1 जून को जानकारी दी गई थी कि सौजना में अवैध निर्माण किया जा रहा है. मैंने SDM महरौनी, क्षेत्राधिकारी महरौनी और थानाध्यक्ष सौजना को मौके पर जाकर जांच करने की बात कही थी. SDM महरौनी, क्षेत्राधिकारी महरौनी और थानाध्यक्ष सौजना मौके पर चकबंदी लेखपाल के साथ गये. उन्होंने मौके की जांच कराई और जांच में पाया गया कि अवैध रूप से निर्माण किया जा रहा है. जिसके बाद अवैध निर्माण को उन्होंने गिरवा दिया.
2 जून को ही रजनी वैध ने शिकायत की थी कि उसका निर्माण वैध था. इस पर मैंने उसे अश्वासन दिया है कि मैं स्वयं ही इसे देखूंगा. यदि कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो दोषी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी. वहीं यदि गड़बड़ी नहीं पाई जाती है तो शिकायकर्ता के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.