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ललितपुर: जैविक खेती करके किसान ज्ञासी अहिरवार कमा रहे लाखों का मुनाफा

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Published : May 8, 2019, 1:21 PM IST

बुंदेलखंड के ललितपुर जिले में रहने वाले किसान ज्ञासी अहिरवार ने 20 किलो केंचुए से खाद बनाने का अपना कारोबार शुरू किया था. आज इनके पास लगभग 50 टन खाद बनकर तैयार है, जिसकी कीमत लाखों रुपये है.

किसान ज्ञासी अहिरवार

ललितपुर: बुंदेलखंड के ललितपुर जिले में रहने वाले किसान ज्ञासी अहिरवार जो कभी आत्महत्या करने की कगार पर थे, आज वह दूसरे किसानों को प्रशिक्षित करने के कार्य करने में लगे हुए हैं. दरअसल, ज्ञासी अहिरवार को खेती में लगभग 15 साल पहले रासायनिक खाद डालने के कारण भारी नुकसान हुआ था, जिस कारण से लाखों का कर्जा हो गया था. इस वजह से उन्होंने जैविक खेती करने का मन बनाया और सफल भी हुए.

ललितपुर जिला मुख्यालय से 17 किलोमीटर दूर आलापुर गांव में मेन रोड पर लगभग 3 एकड़ में प्लांट लगा है. यहां यह जैविक खाद का एक सबसे बड़ा प्लांट है. ललितपुर जिले के एक साधारण से किसान ने जैविक खाद बनाकर करोड़ों का कारोबार खड़ा कर दिया. इनके जज्बे को बुंदेलखंड सलाम करता है.

कैसे शुरू किया खाद का कारोबार

  • किसान ज्ञासी अहिरवार ने मात्र 20 किलो केंचुए से खाद बनाने का अपना कारोबार शुरू किया था,
  • आज इनके पास लगभग 50 टन खाद बनकर तैयार है, जिसकी कीमत लाखों रुपये है.
  • आज की तारीख में ज्ञासी अहिरवार को सरकारी टेंडर भी मिलते हैं.
  • ज्ञासी से गांव के कई किसान भी केंचुए के खाद बनाने का प्रशिक्षण ले रहे हैं.
  • केंचुआ खाद, वर्मी कम्पोस्ट बनाने के साथ ही ये लगभग 15 एकड़ खेत में जैविक ढंग से खेती करते हैं.
  • इनकी खाद और जैविक सब्जियों की मांग दूसरे जिलों में रहती है, जिससे ज्ञासी को अच्छा मुनाफा मिलता है.
    जैविक खेती करके किसान ज्ञासी अहिरवार कमा रहे लाखों का मुनाफा

ऐसे आया ज्ञासी के मन में केचुए की खाद का आइडिया:

किसान ज्ञासी अहिरवार जैविक खाद का कारोबार शुरू करने को लेकर अपना अनुभव ईटीवी भारत से साझा किया.

  • पहले वह रासायनिक खाद अपने खेतों में डालते थे, जिससे उनकी जमीन में उर्वरा शक्ति कम हो गई और खेतों में फसल की पैदावार काफी कम हो गई.
  • इसके चलते उस पर काफी कर्जा हो गया और वह परेशान रहने लगे.
  • कुछ समय बाद उन्होंने ललितपुर में पढ़े-लिखे लोगों से जैविक खाद बनाने के बारे में सुना.
  • इसके बाद गोबर से केंचुआ खाद बनाकर खेतों में डालना शुरू किया तो अच्छा फायदा हुआ.
  • उन्होंने बताया कि यह खाद खाद 45 दिन में तैयार हो जाती है.
  • वहीं ज्ञासी से जैविक खाद खरीदने आए किसानों का कहना है कि केंचुए की खाद रासायनिक खाद से ज्यादा लाभदायक है. उन्हें इससे काफी फायदा होता है.
Intro:एंकर-बुंदेलखंड के ललितपुर जिले में रहने वाला एक किसान ज्ञासी अहिरवार जो कभी आत्महत्या करने की कगार पर था.आज वह दूसरे किसानों को प्रशिक्षित करने का कार्य करने में लगा हुआ है. ज्ञासी अहिरवार को खेती में लगभग 15 साल पहले रासायनिक खाद डालने के कारण भारी नुकसान हुआ था. जिस कारण से लाखों का कर्जा हो गया था.जिसके चलते वह मानसिक रूप से परेशान होकर कई बार आत्महत्या जैसा कदम उठाने की कोशिश भी की.


Body:वीओ-बुन्देलखण्ड का जैविक खाद का ये सबसे बड़ा प्लांट है.ललितपुर जिले के एक साधारण से किसान ने जैविक खाद बनाकर करोड़ों का कारोबार खड़ा कर दिया.इनके जज्बे को बुंदेलखंड सलाम करता है.ललितपुर जिला मुख्यालय से 17 किलोमीटर दूर आलापुर गांव में मेन रोड पर अम्बेडकर बायो फर्टिलाइजर के नाम से लगभग 3  एकड़ में प्लांट लगा है.

वीओ 2-बताते चलें कि ज्ञासी अहिरवार ने मात्र 20 किलो केंचुए से खाद बनाने का अपना कारोबार शुरू किया था.जो आज इनके पास लगभग 50 टन खाद बनकर तैयार है जिसकी कीमत लाखों रुपए है.आज की तारीख में ज्ञासी अहिरवार को सरकारी टेंडर भी मिलते है.साथ ही कई गांव के किसान भाई भी केंचुए के खाद बनाने का प्रशिक्षण ले रहे हैं.केंचुआ खाद, वर्मी कम्पोस्ट बनाने के साथ ही ये लगभग 15 एकड़ खेत में जैविक ढंग से खेती करते हैं.इनकी खाद और जैविक सब्जियों की मांग दूसरे जिलों में रहती है जिससे इन्हें अच्छा मुनाफा मिलता है.


Conclusion:बाइट-एक साधारण किसान ज्ञासी अहिरवार (59 वर्ष) जैविक खाद का कारोबार शुरू करने को लेकर अपना अनुभव etv bharat से साझा किया.बताया कि पुराने समय मे जो रासायनिक खाद अपने खेतों में डालते थे.जिससे उसकी ज़मीन में उर्बरा शक्ति कम हो गई और खेतों में फसल की पैदावार काफी कम हो गयी । जिसके चलते उस पर काफी कर्जा हो गया और वह आत्महत्या करने के बारे में सोचने लगा ,लेकिन जब ललितपुर में पड़े लिखे लोगों से जैविक खाद बनाने के बारे में अकसर सुना करता था.तो एक बार गोबर से केंचुआ खाद बनाकर खेती में डालना शुरू करा. तो अच्छा फायदा हुआ.और कोई बीमारी व नुकसान नही हुआ.तो फिर खाद 45 दिन में तैयार हो जाती है.

बाइट-किसान ज्ञासी अहिरवार(खाद निर्माता)

बाइट-वहीं खाद लेने आये किसानों ने बताया कि केंचुए की खाद रासायनिक खाद से ज्यादा लाभदायक है.और रासायनिक खाद जमीन को बंजर भी कर देता है. साथ ही इससे हम रासायनिक खाद से पैदावार तो देख सकते हैं लेकिन जो नुकसान होता है.उससे हमारे स्वास्थ्य पर फर्क पड़ता है. 

पीटीसी-लकी चौधरी
बाईट-काशीराम यादव(किसान)
बाईट-दीपक अहिरवार(किसान)

नोट-इस स्पेशल स्टोरी में जो बाइट विसुअल है वो ftp पर भेजे गए है.जिसकी स्वीकृति असाइनमेंट डेस्क पर आशुतोष सहाय सर से ली.
(बाइट और विसुअल ftp1 पर
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