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लखीमपुर खीरी: बाढ़ के कारण एक नवम्बर से दुधवा टाइगर रिजर्व खुलने पर संशय

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Published : Oct 26, 2021, 12:47 PM IST

Updated : Oct 26, 2021, 12:53 PM IST

लखीमपुर खीरी जिले में बारिश और उसके बाद आई बाढ़ के बाद एक नवंबर से दुधवा टाइगर रिजर्व (डीटीआर) के खुलने में और देरी हो सकती है. डीटीआर और किशनपुर वन्यजीव अभयारण्य (केडब्ल्यूएस) के प्रमुख हिस्से में पानी भर गया है और अधिकारी फिर से खोलने की योजना की समीक्षा कर रहे हैं.

बाढ़ के कारण एक नवम्बर से दुधवा टाइगर रिजर्व खुलने पर संशय

लखीमपुर खीरी: बाढ़ और बेमौसम बारिश ने दुधवा टाइगर रिजर्व के पर्यटन सत्र पर ब्रेक लगा दिया है. अब एक नवम्बर से दुधवा टाइगर रिजर्व का पर्यटन सत्र शायद ही शुरू हो पाए. दुधवा पहुंचने के सभी रास्ते अभी तक बाढ़ के चलते नहीं खुल पाए हैं. टाइगर रिजर्व में सैलानियों को घुमाने की तैयारियां भी पूरी नहीं हो पाईं है. दुधवा के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक कहते हैं,'कि हम स्थितियों का आकलन कर रहे हैं बाढ़ का पानी दुधवा टाइगर रिजर्व में भी घुसा हुआ है अभी रास्ते भी नहीं खुल पाए हैं. स्थितियां सामान्य होंगी तो ही शायद टाइगर रिजर्व खुल पाए'.

यूपी में बेमौसम बारिश और उत्तराखण्ड के बनबसा बैराज से छोड़े पानी ने दुधवा पर्यटन सत्र की चल रही तैयारियों को बुरी तरह प्रभावित किया है. जिसे लंबे समय तक कोरोना लॉकडाउन के बाद एक नवंबर से शुरू किया जाना था. दुधवा राष्ट्रीय उद्यान (Dudhwa tiger reserve) और किशनपुर वन्यजीव अभयारण्य (kishanpur wildlife santuary) और कर्तनियाघट (KWS) के लगभग सभी प्रमुख हिस्सों में भारी बाढ़ के कारण, पार्क अधिकारियों को पर्यटकों के लिए एक नवंबर से पार्क के उद्घाटन की समीक्षा करने के लिए मजबूर होना पड़ा है.

शेरनी अपने शावकों के साथ.
पर्यटक

दुधवा टाइगर रिजर्व (डीटीआर) के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक कहते हैं, 'अभूतपूर्व बाढ़ और बारिश के कारण दुधवा नेशनल पार्क (DNP) और किशनपुर अभयारण्य (KWS) के अंदर भारी जल-जमाव हो गया है' उन्होंने कहा, 'पर्यटकों द्वारा उपयोग किए जाने वाले पार्क के अंदर के मार्ग और पुल बाढ़ और बाद में जल-जमाव के कारण बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं. जिसके कारण पर्यटकों के वाहनों की आवाजाही कीचड़ और कीचड़ भरे जंगल मार्गों पर संभव नहीं होगी'.

गौरतलब है कि अरसे बाद यूपी के तराई इलाके में उत्तराखंड के बनबसा बैराज से 5.50 लाख क्यूसेक और गिरिजापुरी बैराज से साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया. अक्टूबर में इतना पानी शायद ही कभी पीलीभीत और खीरी जिले में आया हो. बाढ़ ने बहुत नुकसान किया है. खीरी में 10 से ज्यादा लोग डूबकर मर चुके हैं. आधा दर्जन लापता हैं. ऐसे मे बाढ ने जंगलों को भी बुरी तरह हिट किया है. बाढ़ का पानी दुधवा टाइगर रिजर्व किशनपुर सेंचुरी और कतर्नियाघाट वाइल्डलाइफ सेंचुरी में भी भरा हुआ है.

शेरनी अपने शावकों के साथ.
शेरनी अपने शावकों के साथ.

दुधवा के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक कहते हैं, 'दुधवा आगंतुकों की सुविधा के लिए मार्गों और पुलों की मरम्मत होने तक हम पार्क के उद्घाटन को एक सप्ताह या उससे अधिक के लिए स्थगित कर सकते हैं'. पाठक ने कहा, 'हम अगले गुरुवार या शुक्रवार को स्थिति की समीक्षा करेंगे और पर्यटन गतिविधियों के लिए पार्क खोलने के संबंध में उचित निर्णय लेंगे.

लखनऊ के वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर और टूर आपरेटर सिद्धार्थ सिंह कहते हैं, 'हमारी सात नवम्बर से सफारी बुक थी, पूरी तैयारी थी. दिल्ली, मुंबई के वाइल्ड लाइफर्स ने प्लेन टिकट दो महीने पहले बुक करा लिए थे. अब सब असमंजस में है. टिकट रद्द कराने पड़ रहे हैं. सबसे ज्यादा नुकसान तो लोकल रिजॉर्ट और होटल वालों का हो रहा है'.

दुधवा टाइगर रिजर्व अपने खास तरह के इकोलॉजी और जंगली जानवरों के संसार के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है. दुधवा में 105 रॉयल बंगाल टाइगर, 42 एक सींग वाले गैंडे, 400 पक्षी प्रजातियां, बारहसिंघा (स्वैम्प डियर) समेत हिरण की पांच प्रजातियां हैं. इसके अलावा जंगली हाथी, जंगली सुअर और तमाम समृद्ध वनस्पतियों और जीवों सहित कई अन्य जंगली प्रजातियां हैं.

दुधवा टाइगर रिजर्व में गैंडा
दुधवा टाइगर रिजर्व में गैंडा

दुधवा टाइगर रिजर्व नवंबर महीने में सैलानियों के लिए खुलना तय था. कोरोना महामारी के प्रकोप ने दुधवा पर्यटन को बहुत प्रभावित किया था. हालांकि इसने जंगली जानवरों को रिजर्व के अंदर मानवीय गतिविधियों के बिना पनपने में मदद की. दुधवा के अधिकारियों ने महामारी के घटने के बाद एक नवंबर से इस सीजन में पर्यटकों की एक बड़ी आमद की उम्मीद की थी. हालांकि, पहले बेमौसम बारिश के बाद उत्तराखंड में बनबसा बैराज से शारदा नदी में बड़े पैमाने पर 5.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण आई बाढ़ ने पर्यटन की एक शानदार शुरुआत की उम्मीदों को धराशायी कर दिया.

गुस्से में शारदा ने किशनपुर अभयारण्य में पानी भर दिया. दुधवा की लाइफ लाइन सुहेली और मोहाना गेरुआ नदियों ने दुधवा राष्ट्रीय उद्यान की लगभग सभी इलाकों में पानी भर दिया. जंगल के रास्ते और संपर्क मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए हैं पुल बह गए हैं, जबकि भारी बारिश ने पर्यटकों की झोपड़ियों और विश्राम गृहों की सफेदी भी धो दी है. मिट्टी और बाढ़ में आई गाद से रेस्ट हाउसेज तक को प्रभावित किया है. थारू हट्स बारिश बाढ़ के पानी से भर गईं है. दुधवा के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक कहते हैं,' कि बाढ़ का पानी कम होने के बाद पार्क क्षेत्र में सभी पर्यटक सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए नए सिरे से अभ्यास शुरू किया जाएगा'.

बाघ.
बाघ.

दुधवा पर्यटन के लिए कोविड प्रोटोकॉल जरूरी
एक नवंबर से दुधवा टाइगर रिजर्व का पर्यटन सत्र शुरू हो पाता है. इसको लेकर संशय के बादल मंडरा रहे हैं. अफसर सुनिश्चित नहीं कर पा रहे हैं कि वह पर्यटक सुविधाएं बहाल कर पाएंगी. सड़कों को ठीक कर पाएंगे या नहीं, पर पर्यटन सत्र शुरू होने के पहले दुधवा में को भी प्रोटोकाल का पालन करना जरूरी कर दिया गया है. डिप्टी डायरेक्टर संजय पाठक कहते हैं,' दुधवा टाइगर रिजर्व में आने वाले सैलानी कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत ही सफारी कर सकते हैं. इस बार हाथी की सवारी बहाल कर दी गई है.

इसे भी पढ़ें-दुधवा टाइगर रिजर्व की कार्बन क्रेडिट से हर साल होगी करोड़ों की कमाई

दुधवा के निदेशक श्री पाठक कहते हैं, फर्क नहीं पड़ता कि दुधवा एक नवंबर या उसके बाद खुलता है, पर दुधवा टाइगर रिजर्व (डीटीआर) में आने वाले पर्यटकों को अनिवार्य रूप से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा. फील्ड निदेशक संजय कुमार पाठक ने कहा कि पर्यटकों को मास्क पहनना चाहिए और सामाजिक दूरी के मानदंडों और अन्य स्वच्छता उपायों का पालन करना पड़ेगा.

हिरण.
हिरण.

बाढ़ ने होटल और पर्यटन व्यवसाय को भी दिया झटका
दुधवा टाइगर रिजर्व का पर्यटन सत्र एक नवंबर से शुरू होना था. इसको लेकर दुधवा टाइगर रिजर्व और आसपास के होटल और रिजॉर्ट व्यवसायियों ने भी सैलानियों की सुविधाओं के लिए खास तैयारियां कर रखी थी. पर बाढ़ और बेमौसम बारिश ने सारी तैयारियों पर पानी फेर दिया है. होटल व्यवसायियों को उम्मीद थी कि इस साल 14 की जगह एक नवंबर से पर्यटन सत्र शुरू हो रहा है तो उनका व्यवसाय थोड़ा ठीक होगा, पर बाढ़ ने एक बार फिर पर्यटन व्यवसाय को झटका दिया है.

दुधवा टाइगर रिजर्व में भालू.
दुधवा टाइगर रिजर्व में भालू.

दुधवा टाइगर रिजर्व के पास राइनो रिजॉर्ट चलाने वाले अमितोश जायसवाल कहते हैं कि कोरोना से पर्यटन व्यवसाय वैसे भी काफी घाटे में चल रहा है. हमें उम्मीद थी कि एक नवंबर से दुधवा खुलेगा तो थोड़ा व्यवसाय पटरी पर आएगा, हमने सैलानियों के लिए सफारी और रुकने के लिए विशेष व्यवस्थाएं की थी. खाने-पीने से लेकर यात्री सुविधाओं तक की खांसी तैयारी की थी, पर बाढ़ ने एक बार फिर झटका दिया है. हमारी तैयारियां हैं देखना है कि एक नवंबर से पार्क खुलता है या नहीं. तमाम सैलानी फोन कर रहे हैं, हम अथॉरिटीज के निर्णय का इंतजार कर रहे हैं.

Last Updated : Oct 26, 2021, 12:53 PM IST
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