लखीमपुर खीरीः खीरी के बीएसए लक्ष्मीकांत पांडेय(BSA Laxmikant Pandey) का एक आदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस आदेश में बीएसए ने कहा है कि कुछ पत्रकार सरकारी स्कूलों में जाकर बाकायदा चेकिंग करने लगते हैं, इससे शिक्षण कार्य मे बाधा पड़ती है. वहीं, कथित पत्रकार सरकारी दस्तावेजों के फोटो वीडियो बनाने लगते हैं, ये बिल्कुल गलत है. बीएसए ने आदेश में कहा कि कोई भी शिक्षक अब कथित पत्रकारों को तब तक स्कूल में दाखिल न होने दे, जब तक पत्रकार सूचना विभाग से जारी कोई आईकार्ड न दिखाए.
बीएसए के इस आदेश के जारी होने के बाद ग्रामीणों और जिले के पत्रकारों में रोष फैल गया है. पत्रकारों का कहना है कि सूचना विभाग छोटी-छोटी जगहों, गांव, कस्बों में काम करने वाले पत्रकारों को कोई कार्ड जारी नहीं करता. ऐसे में स्कूलों में कुछ अनियमितता या गड़बड़ी हो रही है, तो वह ग्रामीण पत्रकार कैसे कवर करेंगे.
बीएसए लक्ष्मीकांत पांडेय ने यह कहा कि ग्रामीण पत्रकार भी बिना सूचना विभाग के कार्ड के भी स्कूलों में जा सकते हैं, लेकिन उनके ब्यूरो चीफ की अनुमति जरूरी है.
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इसके पहले भी खीरी के बीएसए लक्ष्मीकांत पांडेय का एक आदेश विवाद का विषय बन गया था, जिसमें बीएसए ने गोला गोकर्णनाथ के शिव मंदिर में दर्शन करने आने वाले कांवड़ियों की आवभगत करने के लिए महिला शिक्षकों को उनके आवागमन और उनकी व्यवस्था देखने के लिए ड्यूटी में तैनात कर दिया था. इसका एक आदेश सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इसके बाद बीएसए ने अपनी सफाई में कहा था कि यह आदेश ऐच्छिक है.
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