कुशीनगर में लेते हैं सरकारी तनख्वाह और आवासीय भत्ता, देवरिया में रहकर करते हैं प्राइवेट प्रैक्टिस

author img

By

Published : Aug 11, 2021, 10:52 PM IST

रियलिटी चेक.

यूपी के कुशीनगर में ईटीवी भारत की टीम ने कुछ होम्योपैथिक डॉक्टरों के काम की पड़ताल की तो पता चला कि वे कुशीनगर में तैनात हैं, लेकिन देवरिया में रहकर प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं. विभागीय सूत्रों के अनुसार, यह डॉक्टर यदा-कदा अपने तैनाती स्थल पहुंचते हैं और बाकी के सारी दिनों की हाजिरी भरकर गायब हो जाते हैं. देखिए ये रिपोर्ट...

कुशीनगर: होम्योपैथ ग्रामीण इलाकों में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दे, इसके लिए कुशीनगर जिले में सरकार ने 45 होम्योपैथिक चिकित्सालयों पर 34 डॉक्टर के साथ लगभग 40 फर्मासिस्टों को तैनात किया है. होम्योपैथ में नियुक्त जिले के चिकित्सकों की तनख्वाह लगभग 60 हजार से डेढ़ लाख तक है. साथ ही सरकार उन्हें अपने औषधालय की पोस्टिंग स्थल से 7 से 8 किलोमीटर की सर्किल के भीतर रहने के लिए आवासीय भत्ता भी देती है, ताकि यह चिकित्सक अपने नियुक्ति स्थल पर बने रहें और समय से जाकर औषधालय पर मरीजों को देख सकें. साथ ही डॉक्टरों को निर्देश हैं कि वे जब जिला छोड़कर 7 से 8 किलोमीटर की सर्किल से बाहर जाए तो उसके लिए जिला होम्योपैथिक अधिकारी को सूचित करें, हालांकि होम्योपैथ के चिकित्सकों को एनपीए नहीं मिलता है. जिसकी वजह से इनको इतनी छूट होती है कि वह अपने तैनाती स्थन से 7 से 8 किलोमीटर की सर्किल के भीतर किसी प्राइवेट क्लीनिक पर मरीजों को देख सकते हैं. लेकिन उसकी शर्त यह होती है कि वे अपनी निर्धारित ड्यूटी पूरी करने के बाद ही प्राइवेट मरीजों को देखें.

कुशीनगर जिले के होम्योपैथी डॉक्टर सरकार से आवासीय भत्ता तनख्वाह तो लेते हैं, पर सरकार के किसी निर्देश का पालन करते नहीं दिखते. कुशीनगर जिले में तैनात होने के बाद भी होम्योपैथिक डॉक्टर अपने तैनाती स्थल से 50 से 60 किलोमीटर दूर स्थित देवरिया जिले के हेड क्वार्टर पर अपने प्राइवेट क्लीनिक में बैठकर धड़ल्ले से मरीज देखते हैं. विभागीय सूत्रों के अनुसार, यह डॉक्टर यदा-कदा अपने तैनाती स्थल पहुंचते हैं और बाकी के सारी दिनों की हाजिरी भरकर गायब हो जाते हैं. सूत्रों के अनुसार, जिला होम्योपैथिक अधिकारी से सांठगांठ के कारण इनके अस्पतालों की जांच भी नहीं होती.

रियलिटी चेक.

ऐसे ही कुछ डॉक्टरों की लिस्ट Etv भारत के हाथ लगी. जिसमें बताया गया था कि यह डॉक्टर जिला देवरिया हेड क्वार्टर पर ही अपना निजी क्लिनिक चला रहे हैं. जहां के लिए सरकार उन्हें लाखो की तनख्वाह दे रही है, वहां फार्मासिस्ट और वार्ड बॉय तो कहीं पर फार्मासिस्ट के साथ प्राइवेट कर्मचारी सरकारी क्लीनिक चलाते हैं. ETV भारत की टीम ने इसकी पड़ताल की. पड़ताल के लिए सोमवार शाम को ईटीवी भारत की टीम कुशीनगर से देवरिया पहुंची और वहां जाकर पहले सभी चिकित्सकों के साथ एक आम मरीज की इलाज कराया. लिस्ट में 5 डॉक्टरों के क्लीनिक पर जाया गया जिसमें 4 लोगों ने मिलकर लगभग 3000 की दवाइयां लिखें.

क्या कहते हैं जिला होम्योपैथी अधिकारी (DHMO)
इस पूरे मामले पर कुशीनगर जिले के जिला होम्योपैथिक अधिकारी अशोक गौड़ से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि अस्पताल पर रहने की व्यवस्था नहीं है. आरएचए मिलता है, जिससे उन्हें पांच से छः किमी की सर्किल में रहना होता हैं. सभी लोग यही रहते हैं कोई दूसरे जिले में प्रैक्टिस करता है इसका मुझे पता नहीं है.

इसे भी पढ़ें- सरकारी डॉक्टर लेते हैं केवल दाम उनकी जगह प्राइवेट आदमी करते हैं काम, देखिए खास रिपोर्ट

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.