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कुशीनगर से कन्नी नहीं काट पाएंगे बौद्ध पर्यटक, रेलवे ट्रैक बनाने के लिए बजट मंजूर

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Published : Feb 21, 2023, 1:09 PM IST

Updated : Feb 21, 2023, 1:48 PM IST

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देश में वैसे तो रेलवे ट्रैक का निरंतर विस्तार हो रहा है मगर यूपी का जिला कुशीनगर अभी भी रेल से जुड़ा नहीं है. इस कारण बौद्ध पर्यटक उसके पड़ोस में वाराणसी तक आते हैं मगर कुशीनगर से कन्नी काट लेते हैं. 2023 के केंद्रीय बजट में गोरखपुर से कुशीनगर होते हुए पडरौना तक नई रेल लाइन बिछाने का प्रस्ताव दिया गया है. उम्मीद है कि अब कुशीनगर का भविष्य भी बदलेगा.

कुशीनगर में रेलवे ट्रैक बनाने के लिए बजट मंजूर

कुशीनगर : तथागत भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में भी विख्यात है. कुशीनगर में प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में देशी विदेशी पर्यटक आते हैं. कुशीनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट तो है मगर यहां से रेग्युलर फ्लाइट कम ही हैं. जिले का राज्य और देश से रेल संपर्क नहीं है, यही कारण है कि यहां पहुंचने के लिए पर्यटकों के पास रोड का विकल्प ही बचता है. रेलवे कनेक्ट नहीं होने के कारण अक्सर बौद्ध धर्म के अनुयायी वाराणसी, बोधगया और लुम्बनी जाने के बाद कुशीनगर नहीं आते हैं.

भूटान से आए पर्यटक सोनल लामा ने बताया कि वह बस के जरिये कुशीनगर पहुंचे. उनका कहना है कि अगर ट्रेन यहां तक आती है तो पर्यटकों को कुशीनगर पहुंचने में सहूलियत मिल जाएगी. ट्रेन की जर्नी से पर्यटक की यात्रा आरामदेह हो जाएगी. स्थानीय निवासी मनिंद्र तिवारी ने बताया कि 2023 में केंद्र सरकार के बजट में कुशीनगर को रेल लाइन से जोड़ने की घोषणा की गई है. इस ऐलान से लोगों में उम्मीद जगी है कि कुशीनगर अगर रेललाइन से जुड़ जाता है तो यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही लाखों लोगों को ट्रैवल के लिए एक और ऑप्शन मिलेगा.

फरवरी की शुरुआत में मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट पेश किया. कुशीनगर के सांसद विजय दुबे ने बताया कि केंद्रीय बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने कुशीनगर को बड़ा तोहफा दिया है. बजट में गोरखपुर से कुशीनगर होते हुए पडरौना तक नई रेल लाइन बिछाने के लिए 1359 करोड़ के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. बजट में इसकी डीपीआर बनाने के लिए 10 करोड़ रुपये का आवंटन भी किया गया. 64 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के लिए वर्ष 2019 में केंद्र सरकार ने सर्वे कराया था.

जिला प्रशासन के रेकॉर्ड के हवाले से सांसद ने बताया कि गोरखपुर के चौराचौरी के सरदार नगर में सरैया चीनी मिल की स्थापना 1900 में सरदार उमराव सिंह मजीठिया ने की थी. कुशीनगर जिले के विभिन्न क्षेत्रों से होते हुए देवरिया जिले के हेतिमपुर तक इस छोटी रेलवे लाइन को बिछाया गया था. 33 किलोमीटर के इस ट्रैक पर गन्ना लाने के लिए तीन स्टेशन बनाए गए थे. सरैया चीनी मिल प्रबंधन के पास भाप से चलने वाले ट्रेनों के तीन इंजन थे. छोटी लाइन की ट्रेनें आसपास के इलाकों से गन्ना मिल तक पहुंचाती थीं. वर्ष 1998 में इस चीनी मिल को बंद कर दिया गया. इसके बाद छोटी लाइन का ट्रैक भी कबाड़ हो गया. अब केंद्र सरकार ने भी इस रेललाइन के जरिये ही गोरखपुर रेलवे लाइन को कुशीनगर से जोड़ने को लेकर बजट दिया है.

सांसद ने बताया कि छोटी रेलवे लाइन हेतिमपुर तक है. इसे आगे बढ़ाने के लिए छोटी गंडक नदी पर पुल बनाना होगा और कुशीनगर जिले में रेल ट्रैक बिछाने के लिए 6 किमी विस्तार करना होगा. इस विस्तार के लिए रेलवे को जमीन का अधिग्रहण करना होगा. जिसके सर्वे का काम 3-4 साल पहले ही पूरा किया जा चुका है.

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Last Updated :Feb 21, 2023, 1:48 PM IST
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