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6 साल बाद मिला न्याय, दहेज हत्या के दोषी को हुई आजीवन कारावास की सजा

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Published : Jan 25, 2022, 8:21 PM IST

यूपी के कौशांबी में दहेज के लिए पत्नी की हत्या के मामले में आरोपी को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने दोषी पर 16 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है.

जिला एवं सत्र न्यायालय कौशांबी.
जिला एवं सत्र न्यायालय कौशांबी.

कौशाम्बी: जनपद न्यायालय के एडीजे ने 2017 में हुए दहेज हत्या के आरोपी पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. मृतका की माता ने इस मामले में पुलिस से शिकायत की थी. जिस पर पुलिस ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की है. मंगलवार को न्यायालय ने इस दहेज हत्या के मामले में दोषी पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 16 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है.

दहेज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप

मामला कोखराज थाना क्षेत्र के मुजाहिदपुर गांव का है, जहां सैनी थाना क्षेत्र के रहने वाले धुन्नी लाल ने अप्रैल 2017 में अपनी बेटी कविता देवी की शादी मुजाहिदपुर गांव के रहने वाले स्व. धर्मवीर के लड़के शिवाकांत के साथ की थी. पीड़ित धुन्नी लाल की पत्नी मलती देवी ने कोखराज थाने की पुलिस को शिकायती पत्र देते हुए बताया कि शिवाकांत को पीड़ित ने अपनी हैसियत के मुताबिक शादी में नकद समेत अन्य घरेलू सामान दिए थे. उन्होंने आरोप लगाया था कि बेटी कविता देवी को पति शिवाकांत आए दिन दहेज के लिए प्रताड़ित करता था. शादी के 6 माह के अंदर 5 बार उनकी बेटी घर चली आई, लेकिन हर बार वह अपनी बेटी को समझा-बुझाकर वापस ससुराल भेज देती थीं.

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जेवर नहीं देने पर जला दिया

27 अगस्त 2017 को मालती देवी को सूचना मिली कि उनकी बेटी ने आग लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की है. जिसके बाद मालती देवी बेटी से मिलने उसके ससुराल पहुंची तो लोगों ने बताया कि उसे हॉस्पिटल ले जाया गया है. हॉस्पिटल पहुंचने पर मालती देवी ने देखा कि उसकी बेटी अकेले पड़ी हुई है. वहां कोई ससुराल वाले मौजूद नहीं हैं. मालती देवी का आरोप है कि बेटी ने बताया कि उसका पति शिवाकांत उससे जेवर मांग रहा था. जेवर नहीं देने पर उसने धकेल कर उसपर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दिया. मालती देवी ने एक सप्ताह तक अपनी बेटी का हॉस्पिटल में इलाज कराया, लेकिन 2 सितंबर 2017 को उसकी मौत हो गई.

दोषी पर 16 हजार रुपये का अर्थदंड

इस पूरे मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी पति के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया. मामले में एफटीसी फस्ट के अपर सत्र न्यायाधीश कीर्ति कुणाल ने अपने न्यायालय में आरोपी के खिलाफ सुनवाई शुरू की. मामले में अपर शासकीय अधिवक्ता अनिरुद्ध कुमार मिश्रा ने गवाहों को परीक्षण के लिए न्यायालय के समक्ष पेश किया, जिस पर अपर सत्र न्यायाधीश कीर्ति कुमार ने पूरे मामले में सुनवाई करते हुए पति शिवाकांत को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही दोषी पति शिवाकांत के पर 16 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है.

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