ETV Bharat / state

डिलीवरी के बाद मां-बच्चे की मौत, डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप

author img

By

Published : Jan 3, 2021, 5:07 PM IST

Updated : Jan 3, 2021, 6:06 PM IST

कासगंज में प्राइवेट अस्पताल की लापरवाही से मां और बच्चे की मौत का मामला सामने आया है. इसमें एक आशा कार्यकत्री की मिलीभगत भी सामने आई है, जिसने उनको प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया था. फिलहाल मृतका के पति ने आशा कार्यकत्री और डॉक्टर के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी है.

डॉक्टर की लापरवाही से मां और बच्चे की मौत.
डॉक्टर की लापरवाही से मां और बच्चे की मौत.

कासगंज : यूपी के कासगंज में मानकों के विपरीत चल रहे एक हॉस्पिटल में गलत इलाज के चलते आज एक जच्चा-बच्चा की मौत हो गई. सबसे बड़ी बात जो सामने आई वह यह कि प्रसूता को क्षेत्र की आशा ने अस्पताल में भर्ती कराया था. जबकि आशा कार्यकत्री को किसी भी केस को सरकारी अस्पताल में ले जाना होता है.

डॉक्टर की लापरवाही से मां और बच्चे की मौत.

कृष्णा हॉस्पिटल का मामला
दरअसल मामला सोरों कोतवाली क्षेत्र के अमांपुर रोड स्थित कृष्णा हॉस्पिटल का है. यहां आज एक जच्चा और बच्चा की इलाज के दौरान मौत हो गई. मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा काटा. परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया. फिलहाल मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

आशा कार्यकत्री ने कराया था प्रसूता को भर्ती
ग्राम मानपुर नगरिया निवासी कैलाश पुत्र विष्णु स्वरुप ने जानकारी देते हुए बताया कि मेरी पत्नी रेखा गर्भवती थी. गांव की आशा कार्यकत्री मिथिलेश मेरी पत्नी को नगरिया के कृष्णा हॉस्पिटल में लेकर आई. यहां पहले मुझसे 50 हज़ार रुपए जमा कराए गए. नॉर्मल डिलीवरी होने के बाद मेरी पत्नी को दो बोतल खून चढ़ाया गया. खून चढ़ाने के बाद से ही मेरी पत्नी की हालत खराब हो गई. इसके बाद मेरी पत्नी और नवजात बच्चे की मौत हो गई. लेकिन इसके बावजूद अस्पताल के डॉक्टर मुझे गुमराह करते रहे और 50 हज़ार रुपए की मांग और की. जिस पर मैंने 30 हज़ार रुपए और जमा करा दिए. फिर मेरी पत्नी को डॉक्टरों ने रेफर कर दिया. इसके बाद मेरी पत्नी और बच्चे को एंबुलेंस कासगंज के कृष्णा हॉस्पिटल में ले जाया गया. यहां डॉक्टरों ने जच्चा-बच्चा दोनों को मृत घोषित कर दिया.

पति ने आशा और डॉक्टर के खिलाफ दी तहरीर
फिलहाल मृतका के पति कैलाश ने आशा कार्यकत्री और डॉक्टर के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी है. वहीं नवागत मुख्य चिकित्सा अधिकारी अनिल कुमार ने इस बाबत बताया कि मामला संज्ञान में आया है और जांच के आदेश दे दिए गए हैं.

इस पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग और फर्जी अस्पतालों की मिलीभगत सामने आई है. सबसे बड़ी बात जो सामने आई वह यह कि प्रसूता को क्षेत्र की आशा ने अस्पताल में भर्ती कराया था. जबकि आशा कार्यकत्री को किसी भी केस को सरकारी अस्पताल में ले जाना होता है. लेकिन कमीशन के लालच में यह आशा कार्यकत्रियां मरीजों को निजी अस्पतालों में ले जाती हैं. जिसका खामियाजा मरीजों को अपनी जान चुका कर उठाना पड़ता है.

Last Updated : Jan 3, 2021, 6:06 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.