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ओह हो: ताइवान का पपीता अब कानपुर में खाइये, एक पेड़ में 100 फल हो रहे हैं तैयार

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 21, 2023, 7:32 AM IST

कानपुर में अब ताइवान का पपीता (Taiwan Papaya) लोग आसानी से पा सकते हैं. यहां कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वेजिटेबल सेंटर में पपीते की दो प्रजातियों को तैयार किया गया है. एक पपीते के पेड़ में लगभग 80 से 100 फल आसानी से लग जाते हैं.

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वेजिटेबल के प्रभारी डीपी सिंह ने बताया.

कानपुर: वैसे तो पपीता हमारी सेहत के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है. इस फल की पत्तियां और बीज भी कई तरह की बीमारियों से बचाव का काम करती हैं. इस फल को कच्चा और पक्का दोनों तरह से लोग खाते हैं. फल में विटामिन-C, विटामिन-A, विटामिन-B, विटामिन-E भरपूर मात्रा में पाया जाता है. साथ ही फल में विटामिन के साथ ही कैलोरी, प्रोटीन, वसा, कार्ब्स और फाइबर जैसे पोषक तत्व भरे होते हैं. लोग भारतीय पपीते का स्वाद खूब लिए होंगे, लेकिन अब कानपुर में ताइवान के पपीते का लोग स्वाद ले सकते हैं. साथ ही इसका उत्पादन कर अच्छा पैसा भी कमा सकते हैं.

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कानपुर में ताइवान का पपीता.

ताइवान प्रजाति की दो प्रजातियां
कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल में पहली बार ताइवान से पपीते के बीज को लाकर लाया गया, अब इसके पौधे को यहां तैयार किया गया है. इसमें रेड लेडी और रेड बेबी नामक दो प्रजातियां शामिल हैं, जो की उच्च उत्पादन के साथ-साथ स्वाद के लिए भी काफी मशहूर हैं. पपीता को खाने से 2 या 4 घंटे पहले या बाद में खाना सेहत के लिए फायदेमंद होता है.

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ताइवान का पपीता की प्रजाति.

ताइवान प्रजाति हुई तैयार
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल के प्रभारी डीपी सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि यहां ताइवान से पपीते के बीज को मंगाया गया था. यहां इसकी दो प्रजातियों के पौधे को तैयार किया गया है. इन पौधों के परिणाम भी काफी अच्छे देखने को मिल रहे हैं. उन्होंने बताया कि अगर इसी तरीके के अच्छे परिणाम आगे भी देखने को मिलते रहे तो यहां बड़ी संख्या में पेड़ तैयार किए जाएंगे. इन पौधों को लगाने के लिए किसानो को भी प्रेरित किया जाएगा, जिससे किसान भी अधिक से अधिक मुनाफा कमा सकें. उन्होंने बताया कि बाजार में रेड लेडी पपीते की ज्यादा मांग है. इस पपीते को लोग अधिक पसंद कर रहे हैं.

जानें ताइवान के पपीते की खासियत
बता दें कि ताइवान में सबसे बड़ा प्रभारी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल का केंद्र है. जहां पर इन पेड़ों पर शोध किया जाता है. इसमें एक पेड़ में करीब 90 से 100 के आस-पास फल होते हैं. एक पेड़ में इतना फल किसी भी भारतीय प्रजाति के पपीते से अधिक है. यहां की प्रजाति का पपीता खाने में सभी पपीतों से अधिक स्वादिष्ट होता है. बता दें कि पपीता में एंटी डायबिटीज जैसे गुण होते हैं, जो लोगों के ब्लेड में बढ़े ब्लड शुगर को कम करने का काम करता है.

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