कानपुर व्यापारी मौत मामलाः पत्नी ने लौटाया दस लाख का चेक, नहीं उठने दिया शव

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Published : Sep 29, 2021, 3:48 PM IST

Updated : Sep 29, 2021, 11:32 PM IST

बिजनेसमैन मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता ने रखी मांगें.

गोरखपुर में पुलिस की पिटाई से दम तोड़ने वाले कानपुर के बिजनेसमैन (businessman) मनीष गुप्ता (36) की मौत को लेकर परिजन बेहद दुखी और आक्रोशित हैं. सीएम के ऐलान के तहत कानपुर के कमिश्नर दस लाख रुपये की चेक लेकर मनीष के घर पहुंचे तो उनकी पत्नी ने यह चेक लौटा दी. उधर, देर शाम तक पत्नी ने शव भी उठने नहीं दिया.

कानपुरः गुरुग्राम से दो दोस्तों के साथ गोरखपुर घूमने आए कानपुर के बिजनेसमैन मनीष गुप्ता (36) की सोमवार देर रात पुलिस की पिटाई से मौत हो गई. आरोप है कि जांच का विरोध करने पर पुलिस कर्मियों ने उन्हें और दोेस्तों को बेरहमी से पीटा था. अस्पताल में मनीष ने दम तोड़ दिया था. इसके विरोध में मनीष की पत्नी ने थाने के बाहर धरना भी दिया. पुलिस ने रामगढ़ताल थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज किया. निलंबित इंस्पेक्टर जगतनारायण सिंह, चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा और विजय यादव को नामजद किया गया है. तीन अन्य भी आरोपी है.

कमिश्नर असीम अरुण.

उधर, बुधवार को कानपुर में बर्रा स्थित बिजनेसमैन मनीष गुप्ता के आवास पर सुबह से ही परिजनों का तांता लग गया. कमिश्नर असीम अरुण दस लाख रुपये का चेक लेकर पहुंचे और पत्नी मीनाक्षी गुप्ता को सौंपना चाहा. लेकिन मीनाक्षी गुप्ता ने चेक लेने से मना कर दिया और एक मांग पत्र सौंपा. जिसमें 50 लाख रुपये मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग की. साथ ही सीएम से मिलने की इच्छा भी जताई. चूंकि योगी आदित्यनाथ गुरुवार को कानपुर में रैली में भाग लेने आ रहे हैं. ऐसे में कमिश्नर असीम अरुण ने आश्वासन दिया कि रैली के दौरान मुलाकात सीएम से कराई जाएगी. उधर, देर शाम तक पत्नी ने शव नहीं उठने दिया.

उधर, घटना के बाद से ही कानपुर स्थित मनीष के घर में कई पार्टियों के नेता पहुंचने लगे. सपा के पूर्व विधायक सतीश निगम भी पहुंचे. उन्होंने परिजनों को सांत्वना दी. साथ ही उन्होंने कहा कि योगी सरकार में पुलिसकर्मियों के द्वारा युवक की हत्या किया जाना जंगलराज का जीता जागता सबूत है. समाजवादी पार्टी पूरी तरह से परिजनों के साथ है. पीड़ित परिजनों को न्याय दिलाया जाएगा.

बिजनेसमैन मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता ने रखी मांगें.

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कांग्रेसियों ने किया विरोध प्रदर्शन

यह मांगपत्र सौंपा गया.
यह मांगपत्र सौंपा गया.
बिजनेसमैन मनीष की मौत के मामले में कानपुर में कांग्रेसियों ने भी मोर्चा खोल दिया. घटना के विरोध में कई कांग्रेसी दक्षिण जिलाध्यक्ष शैलेन्द्र दीक्षित के नेतृत्व में कमिश्नर दफ्तर पहुंच गए और जोरदार नारेबाजी करने लगे. कांग्रेसियों ने मांग की कि दोषी पुलिसकर्मियों को बचाने के बजाय जेल भेजा जाए. पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए. मनीष के परिवार को 50 लाख का मुआवजा दिया जाए और पत्नी को सरकारी नौकरी. कांग्रेसियों ने कहा कि यदि ऐसा न हुआ तो सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

प्रियंका गांधी समेत कांग्रेसियों ने बोला हमला

प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर जताई नाराजगी.
प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर जताई नाराजगी.

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता पंकज तिवारी ने प्रदेश में बढ़ते अपराध पर योगी आदित्यनाथ सरकार पर प्रहार किया है. उन्होंने नृशंसतापूर्ण तरीके से पीट-पीटकर की गई हत्या को उत्तर प्रदेश में रिकॉर्ड तोड़ अपराध की पराकाष्ठा बताया है. कहा कि उत्तर प्रदेश योगी शासन में जंगलराज में बदलकर पिछले कई वर्षों में एनसीआरबी के आंकड़े में प्रथम स्थान पर अपना स्थान बनाए हुए है. सरकार के संरक्षण में अपराधी कानून व्यवस्था को खुली चुनौती दे रहे है. उन्होंने मनीष के परिवार को एक करोड़ का मुआवजा देने की मांग की. उधर, प्रियंका गांधी ने ट्ववीट के जरिए इस घटना को लेकर गहरी नाराजगी जताई है.

पत्नी ने लगाया था हत्या का आरोप

घटना के बाद बिजनेसमैन मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता गोरखपुर पहुंच गई थीं, वहां उन्होंने पुलिस पर पति की हत्या करने का आरोप लगाया था. कहा था कि आखिर बिना वजह पुलिस होटल में देर रात क्यों घुसी. मीनाक्षी ने यह भी आरोप लगाया था कि पुलिस की पिटाई से तीनों दोस्तों को गंभीर चोटें आई थीं. उन्हें समय से अस्पताल नहीं पहुंचाया गया. इस कारण उनके पति मनीष गुप्ता की मौत हो गई. मीनाक्षी का आरोप था कि पुलिस ने उनके पति की हत्या की गई है. उधर, मनीष के कानपुर के बर्रा स्थित आवास पर गमजदा परिजनों को सांत्वना देने के लिए रिश्तेदारों और मोहल्ले वालों का जमावड़ा लगा रहा. सभी लोग इस घटना से स्तब्ध हैं. उन्हें यकीन नहीं हो रहा है कि मनीष की मौत हो चुकी है. एक हंसता-खेलता परिवार बिखर चुका है.

Last Updated :Sep 29, 2021, 11:32 PM IST
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