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दो करोड़ रुपए की नकली दवाएं बरामद, कई राज्यों से जुड़े हैं तार

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Published : Jun 23, 2021, 9:22 AM IST

कानपुर में क्राइम ब्रांच और गोविंदनगर पुलिस ने प्रतिबंधित नशीली और नकली दवाओं को सप्लाई करने गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने इस मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. इस मामले में क्राइम ब्रांच की टीम की नजर अब शहर के करीब 12 मेडिकल स्टोर्स हैं, जहां पर इन दवाओं को खपाया जा रहा था.

पुलिस के गिरफ्त में आरोपी
पुलिस के गिरफ्त में आरोपी

कानपुर: क्राइम ब्रांच ने शहर में प्रतिबंधित नशीली और नकली दवाओं का काला कारोबार करने वाले गिरोह का भंडाफोड करते हुए दो करोड़ की नकली दवाइयां बरामद की हैं. क्राइम ब्रांच ने बीते सोमवार को नकली और नशीली दवाओं की सप्लाई करने वाले गैंग के दो सदस्यों को गि‍रफ्तार कि‍या था. दोनों अभि‍युक्तों ने गहनता से पूछताछ के दौरान जो राज उगले हैं, उस पर क्राइम ब्रांच ने तेजी से काम करना शुरू कर दिया. नतीजा ये निकला कि 24 घंटे के अंदर क्राइम ब्रांच के हाथों दो करोड़ रुपये की दवाओं का जखीरा लग गया. साथ ही पुलिस ने गैंग में शामिल किदवई नगर निवासी सचिन यादव को गिरफ्तार किया है. क्राइम ब्रांच की टीम की नजर में अब शहर के करीब 12 मेडिकल स्टोर हैं, जहां पर इन दवाओं को खपाया जा रहा था.

लखनऊ के अमीनाबाद में था गोदाम
आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस को इनके काले कारोबार के कनेक्शन लखनऊ के बारे में पता चला, इसके बाद क्राइम ब्रांच ने लखनऊ पुलिस के साथ मिलकर जांच करनी शुरू कर दी. जांच में पता चला कि लखनऊ के अमीनाबाद थाना क्षेत्र के कसाई बाड़ा और भानुमति चौराहा माडल हाउस के पास नकली दवाओं के दो गोदाम बने हैं. पुलिस ने यहां छापेमारी करके करीब 22 तरह की नकली दवाएं बरामद की है.

कानपुर में करोड़ों की नकली दवाएं बरामद

गुजरात, हिमांचल प्रदेश और उत्तरराखंड से भी जुड़े हैं तार
नकली दवाओं के पूरे नेटवर्क को खंगालते हुए क्राइम ब्रांच को अहम जानकारी हाथ लगी. यह नकली दवाएं हिमांचल प्रदेश के बद्दी, उत्तराखंड के देहरादून और रुड़की, गुजरात के अहमदाबाद से लाकर लखनऊ में बने गोदामों में जमा की जाती थी.

दवाओं की बुकिंग के लिए बना रखे थे कोडवर्ड
नकली दवाओं की सप्लाई और बुकिंग के लिए गैंग के सदस्य आपस में कोड वर्ड का इस्तेमाल करते थे. पकड़ी गई जिफी दवा के लिए पारले जी और पेनटाक के लिए कैडबरी कोड बना रखा था ताकि कभी किसी को शक न हो सके.

तीन तरह से बनती थी नकली दवाएं
गैंग के पकड़े गये सदस्यों ने बताया कि‍ नकली दवाएं तीन तरह से बनाई जाती हैं. एक तो साल्ट की जगह खड़िया भरते थे, दूसरी तरह की नकली दवा में हल्का साल्ट मि‍लाया जाता था और तीसरी नकली दवाएं ब्रांडेड दवाओं के लेवल को सस्ती मिलने वाली जेनेरि‍क दवाओं पर लगाकर तैयार कि‍या जाता था.

सोमवार को पकड़े थे दो सदस्य
सोमवार को क्राइम ब्रांच टीम ने दबौली टेंपो स्टैंड के पास से चकेरी के पिन्टू गुप्ता उर्फ गुड्डू और बेकनगंज आसिफ मोहम्मद खां उर्फ मुन्ना को दबोचा था. इनके पास से 5 गत्तो में NITRAVET-10 (nitrazepam) के 59 डिब्बे में 17770 टैबलेट और ZIFI 200 के कुल 320 डिब्बे बरामद हुए हैं जिनमें 48000 टैबलेट बरामद हुए थे.

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रोडवेज बस के माध्यम से होती सप्लाई
अभि‍युक्तों ने पूछताछ में बताया कि पिन्टू गुप्ता उर्फ गुड्डू लखनऊ से इन दवाओं को लाकर आसिफ मोहम्मद खां उर्फ मुन्ना को सौंपता था. सप्लाई रोडवेज बसों द्वारा की जा रही थी. माल लोड होने के बाद उस बस और नंबर प्लेट की फोटो खींचकर व कंडक्टर का मोबाइल नंबर और नाम एक पर्ची में लिखकर वाट्सअप के माध्यम से भेज दी जाती थी.

यह दवाएं हुई बरामद
टैक्सिंम, आईटी मैक, क्रूसेफ, पेंटाप डीएसआर, जिफी, ड्यूनेम, कानकेफ, एजीरि‍स, शेलकोल, ओमेज, मोनोसेफ, वेजीथ्रो, नोवार्टिस, डेका डूयराबोलिन, एसीलॉक डी, वीसेफ, वी मॉक्सो, और मेफटालपस बरामद हुई हैं.

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