कानपुर: किसान क्रेडिट कार्ड को लेकर भले ही केंद्र व राज्य सरकार के अफसर बहुत अधिक संवेदनशील हों, मगर बैंक के अफसरों पर उनका कोई प्रभाव नहीं पड़ा रहा है. अफसरों की मनमानी के चलते नए कार्ड जारी नहीं हो रहे हैं और जो बैंकों की स्थिति है, वह इस मामले में फिसड्डी साबित हो रहे हैं. कुछ दिनों पहले शहर के डीएम विशाख जी ने जब इस मामले की बैठक में अफसरों से बात की, तो सामने आया कि बैंकों की ओर से किसान क्रेडिट कार्ड के नवीनीकरण का काम तो हो रहा है, लेकिन नए कार्ड नहीं जारी हो रहे हैं.
कई बैंक तो ऐसे हैं, जो आधा काम भी नहीं कर सके हैं. बैंकों की रिपोर्ट पर डीएम ने नाराजगी जताते हुए सभी अफसरों से कहा है, कि तय समय से किसान क्रेडिट कार्ड का लक्ष्य पूरा करें. इस वित्तीय वर्ष में 27746 नए कार्ड जारी करने का लक्ष्य: शहर में इस वित्तीय वर्ष के दौरान 27746 नए कार्ड जारी करने का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन पहली तिमाही में बैंक 53 प्रतिशत किसानों को ही नए कार्ड जारी कर सकी.
बड़ौदा यूपी बैंक को 8714 नए कार्ड बनाने का लक्ष्य मिला था, जिसमें बैंक की ओर से नौ माह के अंदर 9394 कार्ड बना दिए. इसी तरह अन्य बैंकों के पास 19032 कार्ड का लक्ष्य था, जिसमें से बैंकों द्वारा महज 5496 कार्ड ही बन सके. डीएम कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक एचडीएफसी और इंडसइंड बैंक की ओर से दिसंबर तक एक कार्ड भी नहीं बनाया जा सका.
इन बैंकों ने आधा काम भी नहीं किया: बैंक आफ इंडिया, बैंक आफ महाराष्ट्र, सेंट्रल बैंक आफ इंडिया, कैनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक आफ इंडिया, यूको बैंक, आईडीबीआई, एक्सिस बैंक, इंड़सइंड आदि. बैंक के अफसरों को निर्देशित किया गया है कि वह तय समय पर किसान क्रेडिट कार्ड जारी करें. अगर कहीं लापरवाही सामने आई तो सख्त कार्रवाई करेंगे.