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बिकरू कांड में 37 पुलिसकर्मियों पर गाज गिरना तय

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Published : Aug 19, 2021, 2:01 PM IST

कानपुर के बहुचर्चित विकास दुबे केस में 37 पुलिसकर्मियों पर गाज गिरना तय है. खाकी को दागदार करने वाले इन पुलिसकर्मियों पर विकास दुबे को किसी न किसी तरह से मजबूत करने, विकास को जरूरी जानकारी उपलब्ध कराने, विकास को कानून के शिकंजे से बचाने जैसे आरोप हैं.

विकास दुबे (फाइल फोटो).
विकास दुबे (फाइल फोटो).

कानपुर: जिले में हुए बहुचर्चित बिकरू कांड में अब पुलिसकर्मियों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है. जांच में 37 पुलिसकर्मियों के ऊपर आरोप सही पाए गए हैं, जिसके बाद अब उन पर कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है. इन पुलिसकर्मियों पर विकास को किसी न किसी तरीके से मदद करने, उसको जानकारी उपलब्ध कराने और कानून से उसको बचाने जैसे आरोप हैं. ऐसे 37 पुलिसकर्मियों की लिस्ट तैयार हो गई है. अब इनके ऊपर कार्रवाई करने की तैयारी हो रही है.

बता दें कि वर्ष 2020 की 2 जुलाई की रात को कानपुर महानगर के थाना क्षेत्र चौबेपुर के बिकरू गांव में दबिश देने गई पुलिस टीम पर विकास दुबे और उसके कई साथियों ने मिलकर अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी, जिसमें डिप्टी एसपी समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. जांच में यह बात सामने आई थी कि खाकी की मिलीभगत से इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया गया था. पुलिसकर्मियों ने विकास दुबे का साथ देकर खाकी को दागदार किया था. उन पर कार्रवाई करने के लिए शासन के स्तर से कई टीमें गठित की गई थीं, जो इस मामले की जांच कर रही थीं. जांच में ऐसे 37 पुलिसकर्मी की लिस्ट सामने आई है, जिनके ऊपर आरोप सही पाए गए हैं. अब इन पर कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है.

बता दें कि विकास दुबे के मामले में तत्कालीन डीआईजी अनंत देव तिवारी समेत 11 सीओ को भी दोषी पाया गया था. इनकी जांच शासन स्तर से हो रही है. वहीं जो सूची तैयार की गई है, इसमें इंस्पेक्टर से लेकर सिपाही पद के लोग शामिल हैं. इन सबकी रिपोर्ट एडीजी जोन के जरिए शासन को भेजी जाएगी. सूची में 37 पुलिसकर्मी शामिल हैं. 3 सदस्यीय विशेष जांच दल एसआईटी ने बिकरू गांव में 8 पुलिसकर्मियों के हत्याकांड में पुलिस की भूमिका की जांच की थी. विकास दुबे ने पुलिस की टीम पर तब हमला किया था, जब वह उसे गिरफ्तार करने के लिए बिकरू गांव गई थी. बाद में विकास दुबे और उसके 5 सहयोगियों को एसटीएफ ने अलग-अलग मुठभेड़ों में मार गिराया था.

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SIT की जांच रिपोर्ट में कहा गया था कि 37 पुलिसकर्मी जो कानपुर में थे या इस समय कहीं और तैनात हैं, उन्होंने विकास दुबे को उसकी गिरफ्तारी की जानकारी लीक कर दी थी. इन 37 में से 8 को सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है. 8 पुलिसकर्मियों में से चौबेपुर थाने के एसओ विनय तिवारी और सब इंस्पेक्टर केके शर्मा को घटना के बाद निलंबित कर दिया गया था और बाद में गिरफ्तार कर लिया गया था.

इन पर होगी कार्रवाई

  • वृहद दंड पाने वालों में एसआई चौबेपुर अजहर इशरत, वीरपाल सिंह, विश्वनाथ मिश्रा, सिपाही अभिषेक कुमार का दोष सिद्ध हो चुका है. इन्हें नोटिस जारी की गई है.
  • सिपाही राजीव कुमार को मिसकंडक्ट दिया गया है.
  • पूर्व एसओ चौबेपुर विनय कुमार तिवारी, हल्का इंचार्ज केके शर्मा के बयान न होने के कारण फैसला नहीं लिया गया है.
  • एसआई थाना कृष्णा नगर लखनऊ अवनीश कुमार सिंह की जांच जारी है.
  • इसमें पूर्व एसआई चौबेपुर दीवान सिंह, पूर्व हेड कांस्टेबल चौबेपुर लायक सिंह, सिपाही विकास कुमार और कुंवरपाल को मिसकंडक्ट दिया गया है.
  • इंस्पेक्टर बजरिया राममूर्ति यादव को नोटिस जारी की गई है.
  • थाना कृष्णा नगर लखनऊ के पूर्व एसओ अंजनी कुमार पाण्डेय की जांच जारी है.
  • पूर्व थाना इंचार्ज बजरिया काजी मोहम्मद इब्राहिम, पूर्व इंचार्ज चौबेपुर लालमणि सिंह, वेद प्रकाश, तत्कालीन थाना इंचार्ज रूरा धर्मवीर सिंह, पूर्व एलआईयू बीट प्रभारी कल्याणपुर सुरेश कुमार तिवारी रिटायर हो चुके हैं. उसके बाद भी इनकी जांच जारी है.
  • पूर्व थाना इंचार्ज चौबेपुर मुकेश कुमार, बृजकिशोर मिश्रा, राधेश्याम यादव, सतीश चन्द्र यादव, राकेश कुमार, पूर्व थाना इंचार्ज नजीराबाद जितेन्द्र पाल सिंह, तत्कालीन थाना इंचार्ज शिवली राकेश कुमार श्रीवास्तव, सूबेदार सिंह.
  • पूर्व एसआई चौबेपुर इंद्रपाल सरोज, पूर्व एसआई रूरा लवकुश सिंह चौहान, पूर्व एसआई शिवली संजय कुमार और पूर्व एलआईयू बीट सिपाही कल्याणपुर धर्मेन्द्र सिंह का दोष सिद्ध होने के साथ इन्हें नोटिस जारी की गई है.
  • पूर्व थाना इंचार्ज शिवली दीवान गिरि और पूर्व एसआई नजीराबाद सुजीत कुमार मिश्रा को मिसकंडक्ट दिया गया है.
  • पूर्व एसआई थाना कृष्णा नगर लखनऊ अजय कुमार त्रिपाठी, हेड मुहर्रिर बैजनाथ गौड़ की जांच जारी है.
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