फर्जी वेबसाइट से 11 लाख की ठगी, 3 गिरफ्तार, क्राइम ब्रांच की बड़ी कार्रवाई

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Published : Sep 11, 2022, 12:17 PM IST

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कानपुर में क्राइम ब्रांच टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए साइबर फ्रॉड करने वाले 3 अभियुक्तों को धर दबोचा है. पकड़े गए ठगों का नाम यश यादव, अनुपम द्विवेदी और श्रवण यादव है.

कानपुर: क्राइम ब्रांच टीम ने एक बार फिर साइबर फ्रॉड करने वाले 3 अभियुक्तों को धर दबोचा है. वहीं, इन अभियुक्तों के साथ ही क्राइम ब्रांच की टीम लगातार साइबर ठगी को अंजाम देने वाले मास्टरमाइंड की तलाश में जुटी हुई है. सिविल लाइंस स्थित एंपोरियम स्टेट मे रहने वाले फैजुउर रहमान ने थाना कोतवाली में बीती 12 जून को उनके साथ हुई ठगी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने अपना यह शेयर ट्रेडिंग का काम 23 अप्रैल से शुरू किया था. इस शेयर ट्रेडिंग के काम को शुरू करने के लिए उन्होंने एक वेबसाइट के जरिए जोकि इस नाम से थी. www.idex-online.com के जरिए, अपना पैसा इन्वेस्ट करना शुरू किया.

वहीं, शुरूआती दौर में इस वेबसाइट के माध्यम से उन्हें अच्छा पैसा रिटर्न हुआ और इसके साथ ही उनके मन मे विश्वास जाग गया. जिसके बाद उन्होंने इस वेबसाइट के माध्यम से 11 लाख रुपये एक साथ लगा दिए. जहां 30 मई को ये वेबसाइट क्रेश हो गई. मामले को तत्काल पंजीकृत कर थाना कोतवाली ने इसे क्राइम ब्रांच को भेज दिया.

इस तरह की ठगी को अंजाम देने के लिए जो पहला तरीका अपनाया जाता है. जिसमें शातिर अभियुक्त लोगों को क्रिप्टोकरेंसी व कमोडिटी एक्सचेंज के नाम पर लोगों से सोशल मीडिया जैसे फेसबुक और अन्य माध्यमों के जरिए उनसे जुड़ कर उन्हें लिंक भेजते हैं. इसके बाद लोगों से एक वेबसाइट के माध्यम से अच्छे खासे पैसे को इन्वेस्ट करने के लिए कहते हैं और जब लोग इस लिंक के जरिए पैसे इन्वेस्ट कर देते हैं तो इन्वेस्ट करने के कुछ दिन बाद ही यह वेबसाइट पूरी तरीके से क्रेस कर दी जाती है.

वहीं, अगर बात की जाए दूसरे तरीके की तो वहीं यह साइबर ठग लोगों को शातिर तरीके से लॉटरी व लोन दिलाने के लिए एक वेबसाइट के माध्यम से लिंक भेजते हैं. वहीं कुछ कामकाजी लोग एक औपचारिकता के तौर पर इनके झांसे में आ जाते हैं और यह साइबर ठग उनसे अच्छी खासी कमाई कर इन शातिर अभियुक्तों को सौंप देते हैं. वही इन शातिर अभियुक्तों ने इस पूरे फ्रॉड को अंजाम देने के लिए एक फर्जी कंपनी बनाकर करंट अकाउंट खुलवाए थे. जिन अकाउंटों को चीन से ऑपरेट किया जा रहा था. बीती 18 जुलाई को मिली सफलता के बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने इस जांच को जब आगे बढ़ाया तो चीन के साइबर ठगी हरकत के बारे में उन्हें पता चला वही इस जांच में यह भी निकल कर सामने आया कि चीन में बैठे कुछ मास्टरमाइंड इन भारतीयों को एक वेबसाइट के माध्यम से ठगी करने का धंधा कर रहे थे. वहीं जब बीते शुक्रवार ये शातिर अभियुक्त कानपुर सेंट्रल पर मिलने आए थे. तो वही इन अभियुक्तों को एक और प्लान को एक मीटिंग के थ्रू अंजाम देना था. यहां यह तीनों अभियुक्त एटीएम और करंट खातों का प्रबंध कर इस मास्टरमाइंड प्लानिंग को और आगे बढ़ाना चाहते थे.

वहीं पकड़े हुए अभियुक्तों में जो नाम सामने आए हैंं. उनमें यश यादव जोकि शिव कॉलोनी हेली मंडी गुड़गांव हरियाणा का निवासी बताया जा रहा है. वहीं, श्रवण यादव जोकि जनपद के सिद्धार्थनगर और अनुपम त्रिवेदी जोकी नेता नगर आंशिक निकट बबेरू थाना बांदा उत्तर प्रदेश का बताया जा रहा है. मैसेज फॉरवार्डिंग ऐप के माध्यम से भी इस पूरे ठगी के धंधे को एक ऐप के जरिए इस्तेमाल किया जा रहा था. इस ऐप के माध्यम से कई बैंकों द्वारा जो भी बैंकों के लेनदेन के संबंध में मैसेज आते थे. उन्हें इस ऐप के माध्यम से चाइना में बैठे मास्टरमाइंड लोगो को जोकि इसको हैंडल करते थे. उनको भेजा जाता था. वहीं अभी कुछ दिन पहले ही यूपी एटीएस ने करीब 5 चाइनीस अभियुक्तों को पकड़ा था. वहीं इनके पास से काफी संख्या में सिम बरामद हुए थे. क्राइम ब्रांच की टीम इस केस से जुड़े सभी अभियुक्तों और तथ्यों की तलाश को जुटाने में लगी हुई है। ताकि अन्य शातिर अभियुक्तों के साथ चीन में बैठे मास्टरमाइंडओ को भी पकड़ा जा सके.

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